Bhauja.com के सारे पाठकों को मेरा नमस्कार। मेरा नाम कुश है.. मेरी उम्र 24 साल है। मैं अन्तर्वासना बहुत पुराना पाठक हूँ.. मैं इसकी हरेक एक कहानी पढ़ता हूँ। आज सोचा कि चलो अपनी भी एक कहानी लिख देता हूँ.. जो अभी थोड़े महीनों पहले ही घटी है।
यह कहानी मेरी और मेरी एक दोस्त प्रिया की है। प्रिया की उम्र 18 साल है.. हम दोनों अहमदाबाद (गुजरात) के रहने वाले हैं।
जनवरी महीने की बात है.. जब प्रिया ने मुझे फेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी थी। हम एक-दूसरे को जानते भी हैं.. लेकिन कभी बात नहीं की थी.. फेसबुक पर जुड़ जाने के बाद यह मौका था खुल कर बात करने का और उसे चोदने का प्लान बनाने का.. तो मैंने उसकी रिक्वेस्ट एक्सेप्ट कर ली। वैसे लड़की की रिक्वेस्ट आए और कोई एक्सेप्ट न करे.. ऐसा होता नहीं है।
हमारी पहली बार बात मकरसंक्रांति पर हुई.. उसने मुझे फेसबुक पर मैसेज भेजा और बस उस दिन से हमारी बात होने लगी।
उसी दिन से मैं उसे चोदने के सपने देखने लगा.. वो दिखने में मस्त फाडू माल थी। उसकी गांड बहुत बड़ी और उठी हुई थी। उसके चूचे पके हुए आम की तरह भरे और तने हुए थे।
बस उसका नेगेटिव पॉइंट कहो तो सिर्फ उसकी हाइट थोड़ी कम थी.. लेकिन उससे चोदने वाले को क्या फर्क पड़ता है.. मुझे तो बस उसे चोदना ही था।
उससे बातचीत होने लगी और एक दिन तो मानो मेरा तो नसीब ही खुल गया.. जब उसने खुद ही सामने से मुझे ‘आई लव यू’ बोल दिया.. फिर तो क्या था.. जैसे मुझे उसकी चूत मारने का लाइसेंस मिल गया था।
फिर एक दिन हमने उसके घर पर मिलने का प्लान किया और प्लान के मुताबिक मैं उसके घर गया.. घर पर मैं और वो और उसकी चचेरी बहन थी।
मैं उसके पास जाकर सोफे पर बैठ गया और उसके जिस्म को स्पर्श करने लगा.. तो वो शर्मा गई और बोली- यहाँ नहीं.. कमरे में चलते हैं.. इधर मेरी बहन देख लेगी।
तो हम दूसरे कमरे में चले गए.. कमरे में जाते ही मैंने अपनी चुदास के चलते.. उसके कपड़े निकाल दिए और उसने मेरे उतार दिए।
फिर भूखे शेरों की तरह हम दोनों एक-दूसरे के ऊपर चढ़ गए। उसके बड़े-बड़े मम्मे मुँह में आम की तरह दबा कर चूसने लगा और वो बोले जा रही थी- जान.. आई लव यू सो मच।
मेरी ऊँगली उसकी चूत के अन्दर-बाहर हो रही थी और वो ‘आह.. आह..’ करे जा रही थी।
थोड़ी देर ऐसे ही होंठों पर चुम्मी.. फिर मम्मे और चूत पर हाथ फेरने के बाद.. मैंने 6 इंच का खड़ा लंड उसके मुँह में लगा दिया और वो अपनी जीभ से लपालप चचोरने लगी मानो लॉलीपॉप चूस रही हो.. ठीक उस तरह लौड़े को चूसने लगी।
उसकी जुबान की सुरसुराहट से मेरा हथियार और भी कड़ा होने लगा।
थोड़ी देर ऐसे ही लण्ड चुसवाने के बाद हम दोनों 69 की अवस्था में आ गए। अब वो मेरा लंड चूसने लगी और मैं उसकी चूत चाटने लगा। मेरी जीभ की वजह से वो इतना कामुकता के इतने गहरे नशे में आ गई थी कि उसने अकड़ कर अपनी चूत का पानी छोड़ दिया।
फिर वो बोली- जान.. अब बस अब मार लो मेरी चूत.. अब मुझसे सहा नहीं जा रहा।
मैं लंड को उसके मुँह से निकाल कर सीधा उसकी चूत के छेद पर आ गया। मैं लंड का सुपारा उसकी चूत पर रगड़ रहा था.. तो वो बहुत सिस्कारने लगी और ‘आह.. ओह्ह.. ओह्ह.. आह..’ करने लगी।
फिर थोड़ी देर लौड़े को चूत के मुँह पर ऐसे ही रगड़ने के बाद मैंने मेरा तना हुआ लंड उसकी चूत में धीरे-धीरे डालना शुरू किया और थोड़ा सा झटका मारा.. तो वो चीख पड़ी और मेरा आधा लंड उसकी चूत में घुस गया था।
वो छटपटा कर बोल रही थी- बस.. इतना ही रहने दो.. अब और मत डालना..
वो अपने हाथ से मुझे रोकने लगी.. पर मैं कहाँ मानने वाला था.. मैंने अपने होंठों को उसके होंठों पर लगा दिए और फिर एक और बमपिलाट धक्का मार दिया और मेरा पूरा 6 इंच का लंड उसकी चूत को फाड़ते हुए जड़ तक अन्दर घुस गया।
वो अकबका उठी और उसी आँखों में से आंसू भी निकल आए.. पर वो चीख नहीं सकी क्यूँकि मेरे होंठ उसके होंठों पर जमे थे। मैंने महसूस किया कि उसके पैर थोड़े काँप रहे थे.. तो मैं थोड़ी देर ऐसे ही उसके ऊपर पड़ा रहा.. उसे सहलाता रहा।
थोड़ी देर बाद जब वो शांत हुई.. तो फिर मेरे लंड ने उसका काम करना शुरू कर दिया और लौड़ा अपनी पूरी ताकत से मेरी प्रिया जान की चूत को चोदने लगा।
कुछ धक्कों के बाद मैंने उससे पूछा- कैसा फील हो रहा है??
तो उसने मेरे गाल पर थप्पड़ लगाया और फिर मुस्कुरा कर मेरे सीने से लग गई।
फिर क्या था.. उसकी हंसी ने मुझे और तेजी से चोदने को मजबूर कर दिया और मैं उसकी चूत में जोर-जोर से धक्के मार कर उसको पेलने लगा।
वो बोलने लगी- आह.. आह.. ओह्ह.. जान बहुत मजा आ रहा है.. और चोदो मुझे..
मैं भी ये सुन कर और हचक कर चोदे जा रहा था।
करीबन आधे घंटे तक चोदने के बाद उसका चूत का पानी छूट गया और मेरे लण्ड को अपने रज से नहला दिया।
थोड़ी और देर तक चोदने के बाद मेरा भी छूटने वाला था.. तो वो बोली- मेरे मुँह में डालना.. मैं उसका स्वाद लेना चाहती हूँ।
फिर तो क्या था.. जैसे ही मैं छूटने वाला था मैंने अपना लंड चूत से खींच कर उसके मुँह में लगा दिया और सारा वीर्य उसके मुँह में छोड़ दिया..
उसने मेरा लंड बहुत ही अच्छी तरह से चूस कर साफ़ कर दिया।
फिर थोड़ी देर ऐसे ही पलंग पर लिपट कर लेट गए।
उस दिन मैंने उसे 2 बार चोदा लेकिन दूसरी बार उसे अकेले नहीं.. उसके साथ उसकी चचेरी बहन को भी चोदा.. जो हमारी चुदाई की रस्म को छुप-छुप कर देख रही थी।
आपके ईमेल का इन्तजार रहेगा.. अपना प्यार बरसाना और बताना कि आपको मेरी कहानी कैसी लगी।
यह कहानी मेरी और मेरी एक दोस्त प्रिया की है। प्रिया की उम्र 18 साल है.. हम दोनों अहमदाबाद (गुजरात) के रहने वाले हैं।
जनवरी महीने की बात है.. जब प्रिया ने मुझे फेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी थी। हम एक-दूसरे को जानते भी हैं.. लेकिन कभी बात नहीं की थी.. फेसबुक पर जुड़ जाने के बाद यह मौका था खुल कर बात करने का और उसे चोदने का प्लान बनाने का.. तो मैंने उसकी रिक्वेस्ट एक्सेप्ट कर ली। वैसे लड़की की रिक्वेस्ट आए और कोई एक्सेप्ट न करे.. ऐसा होता नहीं है।
हमारी पहली बार बात मकरसंक्रांति पर हुई.. उसने मुझे फेसबुक पर मैसेज भेजा और बस उस दिन से हमारी बात होने लगी।
उसी दिन से मैं उसे चोदने के सपने देखने लगा.. वो दिखने में मस्त फाडू माल थी। उसकी गांड बहुत बड़ी और उठी हुई थी। उसके चूचे पके हुए आम की तरह भरे और तने हुए थे।
बस उसका नेगेटिव पॉइंट कहो तो सिर्फ उसकी हाइट थोड़ी कम थी.. लेकिन उससे चोदने वाले को क्या फर्क पड़ता है.. मुझे तो बस उसे चोदना ही था।
उससे बातचीत होने लगी और एक दिन तो मानो मेरा तो नसीब ही खुल गया.. जब उसने खुद ही सामने से मुझे ‘आई लव यू’ बोल दिया.. फिर तो क्या था.. जैसे मुझे उसकी चूत मारने का लाइसेंस मिल गया था।
फिर एक दिन हमने उसके घर पर मिलने का प्लान किया और प्लान के मुताबिक मैं उसके घर गया.. घर पर मैं और वो और उसकी चचेरी बहन थी।
मैं उसके पास जाकर सोफे पर बैठ गया और उसके जिस्म को स्पर्श करने लगा.. तो वो शर्मा गई और बोली- यहाँ नहीं.. कमरे में चलते हैं.. इधर मेरी बहन देख लेगी।
तो हम दूसरे कमरे में चले गए.. कमरे में जाते ही मैंने अपनी चुदास के चलते.. उसके कपड़े निकाल दिए और उसने मेरे उतार दिए।
फिर भूखे शेरों की तरह हम दोनों एक-दूसरे के ऊपर चढ़ गए। उसके बड़े-बड़े मम्मे मुँह में आम की तरह दबा कर चूसने लगा और वो बोले जा रही थी- जान.. आई लव यू सो मच।
मेरी ऊँगली उसकी चूत के अन्दर-बाहर हो रही थी और वो ‘आह.. आह..’ करे जा रही थी।
थोड़ी देर ऐसे ही होंठों पर चुम्मी.. फिर मम्मे और चूत पर हाथ फेरने के बाद.. मैंने 6 इंच का खड़ा लंड उसके मुँह में लगा दिया और वो अपनी जीभ से लपालप चचोरने लगी मानो लॉलीपॉप चूस रही हो.. ठीक उस तरह लौड़े को चूसने लगी।
उसकी जुबान की सुरसुराहट से मेरा हथियार और भी कड़ा होने लगा।
थोड़ी देर ऐसे ही लण्ड चुसवाने के बाद हम दोनों 69 की अवस्था में आ गए। अब वो मेरा लंड चूसने लगी और मैं उसकी चूत चाटने लगा। मेरी जीभ की वजह से वो इतना कामुकता के इतने गहरे नशे में आ गई थी कि उसने अकड़ कर अपनी चूत का पानी छोड़ दिया।
फिर वो बोली- जान.. अब बस अब मार लो मेरी चूत.. अब मुझसे सहा नहीं जा रहा।
मैं लंड को उसके मुँह से निकाल कर सीधा उसकी चूत के छेद पर आ गया। मैं लंड का सुपारा उसकी चूत पर रगड़ रहा था.. तो वो बहुत सिस्कारने लगी और ‘आह.. ओह्ह.. ओह्ह.. आह..’ करने लगी।
फिर थोड़ी देर लौड़े को चूत के मुँह पर ऐसे ही रगड़ने के बाद मैंने मेरा तना हुआ लंड उसकी चूत में धीरे-धीरे डालना शुरू किया और थोड़ा सा झटका मारा.. तो वो चीख पड़ी और मेरा आधा लंड उसकी चूत में घुस गया था।
वो छटपटा कर बोल रही थी- बस.. इतना ही रहने दो.. अब और मत डालना..
वो अपने हाथ से मुझे रोकने लगी.. पर मैं कहाँ मानने वाला था.. मैंने अपने होंठों को उसके होंठों पर लगा दिए और फिर एक और बमपिलाट धक्का मार दिया और मेरा पूरा 6 इंच का लंड उसकी चूत को फाड़ते हुए जड़ तक अन्दर घुस गया।
वो अकबका उठी और उसी आँखों में से आंसू भी निकल आए.. पर वो चीख नहीं सकी क्यूँकि मेरे होंठ उसके होंठों पर जमे थे। मैंने महसूस किया कि उसके पैर थोड़े काँप रहे थे.. तो मैं थोड़ी देर ऐसे ही उसके ऊपर पड़ा रहा.. उसे सहलाता रहा।
थोड़ी देर बाद जब वो शांत हुई.. तो फिर मेरे लंड ने उसका काम करना शुरू कर दिया और लौड़ा अपनी पूरी ताकत से मेरी प्रिया जान की चूत को चोदने लगा।
कुछ धक्कों के बाद मैंने उससे पूछा- कैसा फील हो रहा है??
तो उसने मेरे गाल पर थप्पड़ लगाया और फिर मुस्कुरा कर मेरे सीने से लग गई।
फिर क्या था.. उसकी हंसी ने मुझे और तेजी से चोदने को मजबूर कर दिया और मैं उसकी चूत में जोर-जोर से धक्के मार कर उसको पेलने लगा।
वो बोलने लगी- आह.. आह.. ओह्ह.. जान बहुत मजा आ रहा है.. और चोदो मुझे..
मैं भी ये सुन कर और हचक कर चोदे जा रहा था।
करीबन आधे घंटे तक चोदने के बाद उसका चूत का पानी छूट गया और मेरे लण्ड को अपने रज से नहला दिया।
थोड़ी और देर तक चोदने के बाद मेरा भी छूटने वाला था.. तो वो बोली- मेरे मुँह में डालना.. मैं उसका स्वाद लेना चाहती हूँ।
फिर तो क्या था.. जैसे ही मैं छूटने वाला था मैंने अपना लंड चूत से खींच कर उसके मुँह में लगा दिया और सारा वीर्य उसके मुँह में छोड़ दिया..
उसने मेरा लंड बहुत ही अच्छी तरह से चूस कर साफ़ कर दिया।
फिर थोड़ी देर ऐसे ही पलंग पर लिपट कर लेट गए।
उस दिन मैंने उसे 2 बार चोदा लेकिन दूसरी बार उसे अकेले नहीं.. उसके साथ उसकी चचेरी बहन को भी चोदा.. जो हमारी चुदाई की रस्म को छुप-छुप कर देख रही थी।
आपके ईमेल का इन्तजार रहेगा.. अपना प्यार बरसाना और बताना कि आपको मेरी कहानी कैसी लगी।