दोस्तो.. आप सब लड़के-लड़कियों और आंटियों को मेरे 6.5″ लंबे और 3″ मोटे लंड की ओर से सलाम.. मैं राहुल झारखंड से हूँ.. मैं दिखने में स्मार्ट बन्दा हूँ.. मेरा रंग गोरा है.. लंबाई 5’6 ” है.. मेरा जिस्म किसी भी लड़की को मुझ पर मिटाने के लिए एक कयामत लाने वाला है। मेरी उम्र भी अभी सिर्फ 19 साल है।
आप सब कैसे हो.. मैं यहाँ का बहुत पुराना पाठक हूँ.. मैं Bhauja का आशिक हूँ। मैं यहाँ प्रकाशित हर कहानी को पढ़ता हूँ.. और लड़कियों के साथ सेक्स करने का बहुत मन भी करता है.. पर कोई भाव ही नहीं देती है।
लड़कियों को या भाभियों को देखते मेरा मन करता है कि इनकी टांग उठा कर अभी के अभी अन्दर डाल दूँ। बस नहीं चलता तो मजबूरन हाथ से ही काम चलाना पड़ रहा है।
मुझे भी अपनी बीती हुई घटना शेयर करने का मन कर रहा है.. बात आज से 2 साल पहले की है। एक लड़की थी.. उसका नाम स्नेहा था और उसे जो कोई भी देख ले.. तो उसका लंड सलामी ज़रूर ठोकने लगेगा। मैं जब टयूशन पढ़ने जाता था.. तब वो हमेशा मुझे देखा करती थी और एक दिन मैंने भी उसे प्रपोज कर दिया- I Love You… आई लव यू!
उसने भी ‘हाँ’ कह दी और फिर बात होने लगी।
उसकी उम्र केवल 18 साल की थी और उसके मम्मों का नाप 34 इन्च था और कमर 26 इन्च और गाण्ड का उभार 36 इन्च का था.. वो एकदम कयामत थी यारों.. यदि आप भी उसकी मदमस्त जवानी को देख पाते तो आप सब भी अपने लंड पकड़ कर पानी निकाल देते..।
धीरे-धीरे हमारी बीच सेक्सी बात होने लगीं.. और एक दिन मैंने उसे कॉलेज में अकेले में पकड़ कर किस किया.. तो वो थोड़ा गरम होने लगी।
मैंने उसे अपनी बाँहों में ले लिया और केवल किस करता रहा। तभी स्नेहा ने अपने हाथ से मेरा हाथ पकड़ कर अपनी दूधों पर रख दिया।
यह देख कर मेरे तो होश ही उड़ गए। जिंदगी में पहली बार इतनी मुलायम चीज़ हाथ में ली थी। मैं उसे हचक कर दबाने लगा और वो सिसकारियाँ लेने लगी ‘आह.. आआहा.. आह.. और ज़ोर से प्लीज़.. सारा दूध निकाल दो..’
मैं दबाता रहा.. तभी उसकी सहेली आ गई.. तो हम लोग अलग हो गए।
कुछ दिन हमारी बात नहीं हुई.. फिर 3 दिनों के बाद उसने अकेले में मिलने के लिए बात की.. तो मैं तो उसे मिलने के लिए बेचैन था ही.. मैंने कहा- मिलते हैं।
तो वो बोली- कहाँ?
मैंने कहा- जंगल में..
हमारे कॉलेज के पास ही किसी ने बहुत सारे सफेदे और पोपलर के पेड़ लगा रखे हैं!
तो उसने ‘हाँ’ कह दी और मैं भी उसके साथ झुरमुटों में चला गया।
उधर जाते ही.. उसे अपने साथ पा कर मैं पागल सा हो गया.. पूछो क्यूँ?
क्या कपड़े पहने हुई थी यार.. देख कर नियत खराब हो जाए सबकी..।
मैंने उसे ‘आई लव यू..’ कह कर किस किया.. तो वो भी बदले में किस करने लगी।
अब मैं धीरे-धीरे उसकी पीठ पर सहलाने लगा..
तभी स्नेहा बोली- मुझे कुछ हो रहा है..
मैं- मुझे भी हो रहा है..
स्नेहा- तो कुछ करो न..
मैं उसे पकड़ कर दबाने लगा.. वो भी मुझसे लिपट गई और अचानक मुझे महसूस हुआ कि मेरे बाबू (लौड़े) को पकड़े हुए है.. और सहला रही है।
मैंने उसका टॉप खोला.. उसके दूधों का दीदार हुआ।
फिर मैंने उसकी ब्रा भी निकाल दी और एक मस्त दूध को अपने मुँह में भर लिया.. अहह.. क्या आनन्द था यार मैं लफ्जों में बयान नहीं कर सकता हूँ..
मैंने उससे जीन्स खोलने को कहा.. तो वो बोली- तुम खुद करो..
यूं समझो.. मुझे तो अब तो मुझे ग्रीन सिग्नल मिल चुका था।
मैंने उसे लिटा कर उसकी जीन्स को खोल दिया और उसकी ज़रा सी पैन्टी में हाथ डाल दिया।
उसकी पैन्टी हल्की सी भीगी हुई थी। जैसे ही मैंने बुर के पास हाथ रखा तो मुझे ऐसा लगा कि मेरा हाथ गरम आग में है।
वो भी मेरे हाथ का स्पर्श पा कर ज़रा सी चिहुंक उठी.. फिर मैं उसकी पाव सी फूली बुर को सहलाने लगा और वो मेरा लंड सहलाने लगी।
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
हम दोनों की सहनशक्ति टूट गई.. और मैंने एक उंगली उसकी बुर में डाल दी। वो कराहने लगी और मेरा लंड की ज़ोर से मुठ्ठ मारने लगी। कुछ ही मिनट में मेरा पानी निकल गया और उस माल की पिचकारी से उसका पूरा पेट गीला हो गया।
मैंने उसे उंगलियों से बेहद चोदा और 10 मिनट तक किस भी किया।
अब मेरा लंड फिर से तन कर सलामी देने लगा। मैंने उसका पैर कंधे पर रखा और लंड पर थूक लगा कर बुर के मुँह पर टिका दिया।
पता है यारो.. उस दिन उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था। मेरा तो उसकी चूत देखते ही मन किया था कि साली की चूत को काट के खा जाऊँ।
सब कुछ सैट करने के बाद मैंने एक ज़ोर का एक झटका लगा दिया। वो दर्द के कारण रोने लगी।
अब तक मेरा आधा लौड़ा ही अन्दर गया था। मैंने थोड़ा रुकने का सोचा और तब तक उसका दूध पीता रहा। इसके साथ ही मैं उसका दूसरा वाला दूध अपने हाथों से मसल रहा था। दूध को मसलते हुए मैं उसके भूरे रंग के निप्पल को दबा भी रहा था। सच में मुझे बड़ा आनन्द आ रहा था।
उस टाइम एक लड़की इतना आनन्द दे सकती है.. ये मुझे पहली बार पता चला था।
फिर उसके जिस्म को कुछ राहत सी मिली तो मैंने एक और झटका ज़ोर का मार दिया.. तो अबकी बार पूरा लंड उसकी बुर में घुस गया।
वो एक बार फिर भारी दर्द के कारण तड़पने लगी। उसकी आवाज़ ज़ोरों से निकलने लगी तो मैंने उसे उसका मुँह ज़ोर से दबा दिया।
वो कहने लगी- निकालो.. अयाया.. एयेए आ..हह मर जाऊँगी.. प्लीज़ निकालो.. आअहह..
मैंने उसकी चीखों को अनसुना कर दिया और धीरे-धीरे उसको चोदना शुरू किया।
कुछ ही पलों बाद उसका सारा दर्द.. वासना में डूब गया.. सेक्स में बदल गया।
मैंने उसे पूरे 10 मिनट तक चोदा.. अब तक वो दो बार झड़ गई और वहाँ पर ‘फॅक..फॅक’ की आवाजें आना चालू हो गईं।
स्नेहा की चूत को अभी चोद ही रहा था कि मेरा भी लण्ड उलटी करने पर आ गया, मैंने जोरों से दो-तीन धक्के मारे और अपने सारा वीर्य से उसकी बुर का छेद भर दिया।
फिर कुछ देर तक मैंने निढाल अवस्था में उस पर ही लेट कर.. उसका एक दूध पिया और एक से खेला।
वो मेरी गोटियाँ सहलाने लगी।
तब तक मैं उसे किस कर ही रहा था और वो भी मेरी जीभ को काटते हुए किस कर रही थी।
सच में.. इस वक्त जन्नत का आनन्द मिल रहा था।
अब फिर से मेरा 6.5″ लंड खड़ा होने लगा.. मैं उंगली डाल कर उसकी बुर से सारा पानी निकालने लगा.. तो देखा उसका पानी पूरा लाल है।
मैंने फिर बुर को उसकी पैन्टी से पोंछा और अपना लंड एक बार फिर उसकी चूत में लगा कर 2 झटके ज़ोर के मारे.. और मेरे मूसल लंड को पूरा चूत में समा दिया। लौड़ा चूत में घुसेड़ कर मैं उसके दो-दो किलो के दूध दबाने लगा।
अबकी बार वो भी चुदाई का मज़ा ले रही थी और कह रही थी- और ज़ोर से.. राहुल.. कस के.. फक मी हार्ड..
धकापेल चुदाई के 15 मिनट के बाद जब मैं झड़ने ही वाला था.. तो मैंने उसकी प्यारी सी चूत में ही अपना माल झाड़ दिया।
फिर कुछ देर एक-दूसरे से चिपक कर लेटे रहे और फिर आख़िर में हम लोग चूमा-चाटी करके उठ गए.. अपने कपड़े पहने.. और घर आ गए।
फिर उससे मेरा टांका भिड़ गया और अब तो रोज ही उससे बहुत सारी सेक्स की खुल्लम-खुल्ला बातें होने लगीं। हम लोग 2 साल तक जम कर चुदाई करते रहे। मैं उसकी बुर से हमेशा पानी निकाल देता था और एक बार इतना चोदा कि उसका मूत निकल गया था।
फिर एक दिन ऐसा आया कि वो मुझसे दूर हो गई..
आप सब कैसे हो.. मैं यहाँ का बहुत पुराना पाठक हूँ.. मैं Bhauja का आशिक हूँ। मैं यहाँ प्रकाशित हर कहानी को पढ़ता हूँ.. और लड़कियों के साथ सेक्स करने का बहुत मन भी करता है.. पर कोई भाव ही नहीं देती है।
लड़कियों को या भाभियों को देखते मेरा मन करता है कि इनकी टांग उठा कर अभी के अभी अन्दर डाल दूँ। बस नहीं चलता तो मजबूरन हाथ से ही काम चलाना पड़ रहा है।
मुझे भी अपनी बीती हुई घटना शेयर करने का मन कर रहा है.. बात आज से 2 साल पहले की है। एक लड़की थी.. उसका नाम स्नेहा था और उसे जो कोई भी देख ले.. तो उसका लंड सलामी ज़रूर ठोकने लगेगा। मैं जब टयूशन पढ़ने जाता था.. तब वो हमेशा मुझे देखा करती थी और एक दिन मैंने भी उसे प्रपोज कर दिया- I Love You… आई लव यू!
उसने भी ‘हाँ’ कह दी और फिर बात होने लगी।
उसकी उम्र केवल 18 साल की थी और उसके मम्मों का नाप 34 इन्च था और कमर 26 इन्च और गाण्ड का उभार 36 इन्च का था.. वो एकदम कयामत थी यारों.. यदि आप भी उसकी मदमस्त जवानी को देख पाते तो आप सब भी अपने लंड पकड़ कर पानी निकाल देते..।
धीरे-धीरे हमारी बीच सेक्सी बात होने लगीं.. और एक दिन मैंने उसे कॉलेज में अकेले में पकड़ कर किस किया.. तो वो थोड़ा गरम होने लगी।
मैंने उसे अपनी बाँहों में ले लिया और केवल किस करता रहा। तभी स्नेहा ने अपने हाथ से मेरा हाथ पकड़ कर अपनी दूधों पर रख दिया।
यह देख कर मेरे तो होश ही उड़ गए। जिंदगी में पहली बार इतनी मुलायम चीज़ हाथ में ली थी। मैं उसे हचक कर दबाने लगा और वो सिसकारियाँ लेने लगी ‘आह.. आआहा.. आह.. और ज़ोर से प्लीज़.. सारा दूध निकाल दो..’
मैं दबाता रहा.. तभी उसकी सहेली आ गई.. तो हम लोग अलग हो गए।
कुछ दिन हमारी बात नहीं हुई.. फिर 3 दिनों के बाद उसने अकेले में मिलने के लिए बात की.. तो मैं तो उसे मिलने के लिए बेचैन था ही.. मैंने कहा- मिलते हैं।
तो वो बोली- कहाँ?
मैंने कहा- जंगल में..
हमारे कॉलेज के पास ही किसी ने बहुत सारे सफेदे और पोपलर के पेड़ लगा रखे हैं!
तो उसने ‘हाँ’ कह दी और मैं भी उसके साथ झुरमुटों में चला गया।
उधर जाते ही.. उसे अपने साथ पा कर मैं पागल सा हो गया.. पूछो क्यूँ?
क्या कपड़े पहने हुई थी यार.. देख कर नियत खराब हो जाए सबकी..।
मैंने उसे ‘आई लव यू..’ कह कर किस किया.. तो वो भी बदले में किस करने लगी।
अब मैं धीरे-धीरे उसकी पीठ पर सहलाने लगा..
तभी स्नेहा बोली- मुझे कुछ हो रहा है..
मैं- मुझे भी हो रहा है..
स्नेहा- तो कुछ करो न..
मैं उसे पकड़ कर दबाने लगा.. वो भी मुझसे लिपट गई और अचानक मुझे महसूस हुआ कि मेरे बाबू (लौड़े) को पकड़े हुए है.. और सहला रही है।
मैंने उसका टॉप खोला.. उसके दूधों का दीदार हुआ।
फिर मैंने उसकी ब्रा भी निकाल दी और एक मस्त दूध को अपने मुँह में भर लिया.. अहह.. क्या आनन्द था यार मैं लफ्जों में बयान नहीं कर सकता हूँ..
मैंने उससे जीन्स खोलने को कहा.. तो वो बोली- तुम खुद करो..
यूं समझो.. मुझे तो अब तो मुझे ग्रीन सिग्नल मिल चुका था।
मैंने उसे लिटा कर उसकी जीन्स को खोल दिया और उसकी ज़रा सी पैन्टी में हाथ डाल दिया।
उसकी पैन्टी हल्की सी भीगी हुई थी। जैसे ही मैंने बुर के पास हाथ रखा तो मुझे ऐसा लगा कि मेरा हाथ गरम आग में है।
वो भी मेरे हाथ का स्पर्श पा कर ज़रा सी चिहुंक उठी.. फिर मैं उसकी पाव सी फूली बुर को सहलाने लगा और वो मेरा लंड सहलाने लगी।
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
हम दोनों की सहनशक्ति टूट गई.. और मैंने एक उंगली उसकी बुर में डाल दी। वो कराहने लगी और मेरा लंड की ज़ोर से मुठ्ठ मारने लगी। कुछ ही मिनट में मेरा पानी निकल गया और उस माल की पिचकारी से उसका पूरा पेट गीला हो गया।
मैंने उसे उंगलियों से बेहद चोदा और 10 मिनट तक किस भी किया।
अब मेरा लंड फिर से तन कर सलामी देने लगा। मैंने उसका पैर कंधे पर रखा और लंड पर थूक लगा कर बुर के मुँह पर टिका दिया।
पता है यारो.. उस दिन उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था। मेरा तो उसकी चूत देखते ही मन किया था कि साली की चूत को काट के खा जाऊँ।
सब कुछ सैट करने के बाद मैंने एक ज़ोर का एक झटका लगा दिया। वो दर्द के कारण रोने लगी।
अब तक मेरा आधा लौड़ा ही अन्दर गया था। मैंने थोड़ा रुकने का सोचा और तब तक उसका दूध पीता रहा। इसके साथ ही मैं उसका दूसरा वाला दूध अपने हाथों से मसल रहा था। दूध को मसलते हुए मैं उसके भूरे रंग के निप्पल को दबा भी रहा था। सच में मुझे बड़ा आनन्द आ रहा था।
उस टाइम एक लड़की इतना आनन्द दे सकती है.. ये मुझे पहली बार पता चला था।
फिर उसके जिस्म को कुछ राहत सी मिली तो मैंने एक और झटका ज़ोर का मार दिया.. तो अबकी बार पूरा लंड उसकी बुर में घुस गया।
वो एक बार फिर भारी दर्द के कारण तड़पने लगी। उसकी आवाज़ ज़ोरों से निकलने लगी तो मैंने उसे उसका मुँह ज़ोर से दबा दिया।
वो कहने लगी- निकालो.. अयाया.. एयेए आ..हह मर जाऊँगी.. प्लीज़ निकालो.. आअहह..
मैंने उसकी चीखों को अनसुना कर दिया और धीरे-धीरे उसको चोदना शुरू किया।
कुछ ही पलों बाद उसका सारा दर्द.. वासना में डूब गया.. सेक्स में बदल गया।
मैंने उसे पूरे 10 मिनट तक चोदा.. अब तक वो दो बार झड़ गई और वहाँ पर ‘फॅक..फॅक’ की आवाजें आना चालू हो गईं।
स्नेहा की चूत को अभी चोद ही रहा था कि मेरा भी लण्ड उलटी करने पर आ गया, मैंने जोरों से दो-तीन धक्के मारे और अपने सारा वीर्य से उसकी बुर का छेद भर दिया।
फिर कुछ देर तक मैंने निढाल अवस्था में उस पर ही लेट कर.. उसका एक दूध पिया और एक से खेला।
वो मेरी गोटियाँ सहलाने लगी।
तब तक मैं उसे किस कर ही रहा था और वो भी मेरी जीभ को काटते हुए किस कर रही थी।
सच में.. इस वक्त जन्नत का आनन्द मिल रहा था।
अब फिर से मेरा 6.5″ लंड खड़ा होने लगा.. मैं उंगली डाल कर उसकी बुर से सारा पानी निकालने लगा.. तो देखा उसका पानी पूरा लाल है।
मैंने फिर बुर को उसकी पैन्टी से पोंछा और अपना लंड एक बार फिर उसकी चूत में लगा कर 2 झटके ज़ोर के मारे.. और मेरे मूसल लंड को पूरा चूत में समा दिया। लौड़ा चूत में घुसेड़ कर मैं उसके दो-दो किलो के दूध दबाने लगा।
अबकी बार वो भी चुदाई का मज़ा ले रही थी और कह रही थी- और ज़ोर से.. राहुल.. कस के.. फक मी हार्ड..
धकापेल चुदाई के 15 मिनट के बाद जब मैं झड़ने ही वाला था.. तो मैंने उसकी प्यारी सी चूत में ही अपना माल झाड़ दिया।
फिर कुछ देर एक-दूसरे से चिपक कर लेटे रहे और फिर आख़िर में हम लोग चूमा-चाटी करके उठ गए.. अपने कपड़े पहने.. और घर आ गए।
फिर उससे मेरा टांका भिड़ गया और अब तो रोज ही उससे बहुत सारी सेक्स की खुल्लम-खुल्ला बातें होने लगीं। हम लोग 2 साल तक जम कर चुदाई करते रहे। मैं उसकी बुर से हमेशा पानी निकाल देता था और एक बार इतना चोदा कि उसका मूत निकल गया था।
फिर एक दिन ऐसा आया कि वो मुझसे दूर हो गई..