दोस्तो, मैं हूँ आपकी पायल सक्सेना आपकी सेवा में, मेरा आपको आप लोग कहने का मतलब, bhauja की कहानियाँ पढ़ने वाले सब लौड़े और चूतों वाले दोस्तों से है, जो मेरी एक कहानी चूत की धार पहले भी पढ़ चुके है!
उस कहानी के पोस्ट होने के बाद से मुझे चूत मरवाने की एक आदत ही लग गई थी। तब तो मैं हर रोज कोई न कोई चोदू ढूँढती थी लेकिन अब मैंने अपने पर बहुत कंट्रोल कर लिया है और माह में सिर्फ एक बार ही चुदती हूँ, वह भी एक ही दोस्त से! कभी वह मेरे घर आ कर मुझे चोदता है, तो कभी मैं उसके घर चुदने चली जाती हूँ।
मैं आपको अपने बारे में एक बार फिर याद दिला दूँ कि मैं 23 वर्ष की एक बहुत ही सुन्दर नैन नक्श की खूबसूरत लड़की हूँ, मेरा फिगर 36-26-34 है और बहुत ही उजले रंग का जिस्म की मालकिन हूँ!
आज मैं आपको वह घटना बताने जा रही हूँ कि मैं अपने इस दोस्त से मैं पहली बार कब, कहाँ और कैसे चुदी थी।
मैं एक बात कहना चाहूंगी कि हमारे मन में ऐसा कुछ करने की मंशा नहीं थी और यह सब अनजाने में आकस्मिक वासना के जागृत होने के कारण हुआ था।
अब मैं घटना का विवरण शुरू करती हूँ:
मेरा एक बहुत ही अच्छा दोस्त है और हम दोनों कॉलेज में साथ साथ ही पढ़ते हैं!
एक दिन शनिवार की दोपहर को मैं उसके घर पढ़ने के लिए गई तो पाया कि उस टाइम उसके घर पर कोई नहीं था।
वहाँ पहुँचने पर सब से पहले हम दोनों ने आपस में थोड़ा हंसी मजाक किया और उसके बाद हमने मिल कर पढ़ना शुरू किया।
हम दोनों एक ही बैड पर बैठ कर पढ़ रहे थे, वह बैड के एक तरफ बैठा था और मैं उससे थोड़ी दूर पर बैठी थी। हम किताब में से पढ़ कर एक दूसरे को समझाते भी जा रहे थे, कुछ देर के बाद उसने मुझे एक रेखा-चित्र समझाना शुरू किया तो मैं उसकी तरफ सरक गई और उससे समझने लगी।
मैंने अपने पैर मोड़ लिए थे लेकिन फिर भी मेरा एक पैर उसके पैर को छू रहा था, पढ़ाई में व्यस्त होने के कारण हमने उस ओर ध्यान ही नहीं दिया, क्योंकि पहले भी कई बार हम ऐसे ही बैठ कर पढ़ते थे।
बहुत बार उसके हाथ मेरे बूब्स को भी छू जाते थे, उस दिन भी जब मैं उससे रेखा-चित्र समझ रही थी तब भी कई बार उसका हाथ मेरे बूब्स को लगा! ऐसे में मेरी एक साइड से चुनरी भी सरक कर उसके पैर पर गिर गई, लेकिन पढ़ने में मग्न होने के कारण उस ओर मेरा ध्यान ही नहीं गया, जब उसने मुझे पूर्ण रूप से रेखा-चित्र समझा दिया तब हमने पाया कि हम दोनों एक दूसरे के काफी करीब बैठे हुए थे!
उसने मुझे देखा और मैंने भी उसको, अब वह बेचारा लड़का है कब तक अपने को कण्ट्रोल करता!
तभी एकदम से मेरी नज़र उसके लोअर पर गई तो उसे फूला हुआ पाया तो मैं समझ गई कि उसका लण्ड खड़ा हुआ पड़ा है।
मैंने अपना ध्यान बदलने के लिए उसे बोला कि मुझे वाशरूम जाना है, तो वो मुझे वाशरूम दिखाने के लिए उठा तब मुझे उसके लोअर के अंदर खड़े लण्ड की झलक एक तम्बू की दिखाई दे गई!
मैं जल्दी से कदम बढ़ाती हुई वाशरूम के अंदर चली गई, वहाँ पहुँच कर मैंने महसूस किया कि मेरे इतने नज़दीक एक खड़े लण्ड के दिखने मात्र से ही मुझे चुदाई कि इच्छा होने लगी थी!
मेरे वाशरूम से बाहर आने के बाद हम फिर से मस्ती करने लगे, जब उसने मेरी मजाक उड़ाई तो मैं उसको मारने के लिए दौड़ी और मैंने उसके पेट के मांस को अपनी उँगलियों से पकड़ कर मरोड़ दिया!
उसने अपने आप को छुड़ाने के लिए मेरे गले में हाथ डाल कर मुझे पकड़ लिया, इस मस्ती में मेरा हाथ उसके लण्ड को लग गया, जो कि बहुत ही तन कर खड़ा था।
तब मैंने सकपका कर उसको छोड़ दिया तो उसने भी मुझे छोड़ा और हम वहीं खड़े होकर एक दूसरे को देखने लगे! शायद वह मुझसे नज़र नहीं मिला पा रहा था इसलिए मैं अपनी किताबें उठा कर जाने लगी तो उसने मुझे पीछे से पकड़ लिया, आखिर वो भी मर्द है कब तक कण्ट्रोल करता और बोला- सॉरी मैं अपने पर कण्ट्रोल नहीं कर पा रहा, मुझे माफ कर दो!
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
उसका खड़ा लण्ड मुझे मेरी गाण्ड के पास चुभता हुआ महसूस तो मैं घूम गयी और उसकी ओर मुँह कर के खड़ी हो गई। उसने एक लंबी साँस लेकर मेरे गाल पर चुम्बन लेते हुए कहा- तेरे बदन की खुशबू मुझे पागल बना रही है जान!
‘अब मैं भी गरम होने लगी।
उसने दूसरे गाल पर चुम्बन लेते हुए एक बार फिर से दोहराया- क्या तुम मुझसे सेक्स करोगी?
मैं भी गरम होने लगी थी और मेरी भी भावनाएँ जाग उठी थी, तब मैंने उससे पूछ बैठी- हम यह कैसे कर सकते हैं? हम तो दोस्त हैं।
तब उसने कहा- जो भी करना है, हम दोस्त बन कर ही करेंगे और हमेशा के लिए पक्के दोस्त भी बन जायेंगे, माई डार्लिंग…
उसके ऐसा कहने पर मुझसे भी रहा नहीं गया, मैंने पलट कर उसके दोनों गालों पर एक एक चुम्मी रसीद कर दी!
इसके बाद उसने मुझे दीवार से सटाया और कपड़ों के ऊपर से ही पूरे बदन को सूंघने लगा, वह सूंघ सूंघ कर और भी मदहोश हुआ जा रहा था!
फिर वह ऊपर आ कर मेरे होंठों पर चुम्बन करने लगा, मैंने भी इसमें उसका साथ दिया और काफी देर तक हम वैसे ही खड़े एक दूसरे को चूमते चाटते रहे!
किस करते हुए जब उसने मेरे होंठों को काटा तो मैंने भी सकपका कर उसके होंठों को अपने दांतों से काट लिया!
इसी दौरान मैंने उसे इशारे से दरवाज़ा बंद करने को कहा तो उसने आगे बढ़ कर उसे बंद कर दिया और दुबारा से मेरे होंठों को किस किया!
जब इसी तरह एक दूसरे से चिपके हमें किस करते करते 8 से 10 मिनट बीत गए, तब उसने अपने हाथों से मेरे बूब्स भी दबाना चालू कर दिया, उसने मेरे गले को भी चूमते समय भी मेरे बूब्स को दबाना नहीं छोड़ा।
जब उसका जोश थोड़ा और बढ़ा तो उसने मेरे गले से मेरी चुनरी निकाल कर पास राखी कुर्सी पर फेंक दी और कपड़ों के ऊपर से मेरे बूब्स मुँह में लेकर चूसने लगा!
मैं भी बहुत उत्तेजित हो गई थी इसलिए मैंने लोअर के ऊपर से ही उसके लण्ड को पकड़ कर जोर जोर से हिलाने लगी। इसके बाद मैंने उसका लोअर निकाल दिया तो उसने मेरा सलवार उतार दी!
मैंने सफ़ेद पैंटी पहनी थी जो कि गीली हो गई थी, उसने मेरे बूब्स चूसते हुए मेरी पैंटी के ऊपर से ही मेरी चूत पर हाथ घुमाना चालू किया और मैंने उसके अंडरवीयर के ऊपर से लण्ड पकड़ कर आगे पीछे करने लगी थी।
हम पागलों की तरह एक दूसरे को चूमे जा रहे थे, मुझे कुछ भी होश नहीं था, उसने मेरी कमीज़ निकाल दी।
अब मैं केवल सफ़ेद ब्रा और पैंटी में थी, फिर मैंने भी उसे टी-शर्ट निकालने को कहा तो उसने झट से उसे निकाल दी क्योंकि उसने टी-शर्ट के नीचे बनियान नहीं पहनी थी इसलिए मैंने टी-शर्ट निकालते ही उसके सीने को चाटना चालू कर दिया।
नीचे से उसके लण्ड को हिलाने और सीने को चाटने में मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, मैं तो उस टाइम ज़न्नत की सैर कर रही थी।
उतने में उसने एकदम से अह्ह्ह…. की आवाज़ करी और उसके लण्ड से उसका पानी निकल गया और वह अपने अंडरवीयर में ही झड़ गया था। मैं फिर भी पागलों की तरह उसके लण्ड को मसल रही थी और इसी उत्तेजना में मेरा भी पानी छूट गया, तब जाकर हम दोनों रुके!
पांच मिनट के बाद उसने फिर से मेरे बूब्स दबाने शुरू कर दिए और कहा- इतने मस्त बूब्स है तुम्हारे पास, मैं आज इनको खा ही जाऊँगा।
तब मैंने उसे पूछा- तुझे शर्म नहीं आती क्या?
तो वह बोला- चुदाई में कोई शर्म नहीं आती!
फिर मैंने उसे कहा- तुम मेरी पैंटी उतारो।
तो उसने झुक कर फट से उतार दी!
मैंने भी उसका अंडरवीयर उतारने में कोई देर नहीं की।
उसके बाद हम दोनों नंगे मार्च करते हुए बाथरूम में गए और वहाँ उसने मेरी चूत को अच्छी तरह धोया और मैंने उसके लण्ड को मसल मसल कर धोया।
इसके बाद मैंने उसके लण्ड को वहीं मुँह में लेकर चूसना चालू किया, थोड़ी देर चूसने के बाद उसने मेरी चूत पर चुम्बन किया और मुझे उठा कर बैड पर डाल दिया तथा मेरी ब्रा अलग करके मेरे नंगे बूब्स पर टूट पड़ा।
दस मिनट की ज़बरदस्त चुसाई से उसने मेरे बूब्स को लाल कर दिया और फिर वह धीरे धीरे मेरे पेट और नाभि को चूमता हुआ नीचे पहुँच गया और मेरी चूत को चाटना चालू कर दिया।
थोड़ी देर चूत चटाने के बाद मैंने उसे रोक कर 69 पोजीशन आने को कहा, तो वह मेरे ऊपर आ गया और अपना लंड मेर मुख में दे दिया और मेरी चूत को एक बार फिर से चाटने लगा!
करीब दस मिनट के बाद मैंने अपने बदन अकड़न महसूस की और मेरी चूत से पानी छूट गया, जो उसके मुँह पर गिरा।
वह तो रुक गया लेकिन मैंने उसके लण्ड को चाटना जारी रखा तथा कुछ देर बाद उसका भी पानी निकल गया जो कि मेरे गले पर गिरा।
कुछ देर तक हम वैसे ही पड़े रहे, तभी मुझे उसके लण्ड में कुछ हरकत सी नज़र आई और लगा कि उसका लण्ड खड़ा होने को आतुर है तो मैंने उसे पकड़ लिया और हिलाना चालू कर दिया।
वह मेरे बूब्स दबाने लगा और मुझे किस करने लगा, 5 मिनट के बाद वह उठ कर दूसरे कमरे में गया और शहद की शीशी ले आया।
जब मैंने पूछा- शहद क्यों लाए हो?
तो वह शहद मेरे बूब्स और चूत में डाल कर उन्हें चूसने लगा। करीब दस मिनट में ही उसने पूरा शहद मेरे बूब्स और चूत पर से चाट कर मुझे बहुत ही बुरी तरह से गर्म कर दिया।
अब मुझसे नहीं रहा जा रहा था, मैंने उसे कहा- चोद डाल मेरी चूत, फाड़ दे, आज से मैं तेरी हूँ जो चाहे कर!
मेरी बात सुन कर उसने उठ कर मेरी टाँगे चौड़ी की और लण्ड को चूत पर रख कर रगड़ने लगा, मैं पागल हुए जा रही थी और अह्ह्ह… चोद दे, फाड़ दे अह्ह्ह… आवाजें निकाल रही थी!
जब उसे लगा कि मेरी चूत पानी फेंकने वाली है तो उसने एकदम से धक्का दिया और पूरा लण्ड मेरी चूत में घुसेड़ दिया!
मैं जोर से चिल्लाई तो उसने मेरे मुंह पर अपने मुँह लगा कर उसे चूसना शुरू किया और नीचे से धक्के देने लगा।
मेरे मुँह से अहह.. अह्ह्ह… उह्ह्ह… उह्हह… की आवाजें निकल रही थी और वह भी अब मेरे साथ स्वर मिला कर उनह्हह… उन्हह… की आवाजें निकालने लगा था!
वह बीच में कुछ सेकंड्स के लिए ऊँचा होकर रुका और फिर मेरे ऊपर आ गया, मैंने उसे अपने दोनों पैरों से लॉक कर दिया और हम दोनों मिल के धक्के लगाने लगे!
करीब दस मिनट की घमासान धक्का-पेल के बाद मैंने उसे बताया कि मेरा पानी निकालने वाला है तो उसने भी कहा कि उसका भी वीर्य निकलने वाला है!
अभी हमारी बात पूरी ही नहीं हुई थी कि उतने में उसका वीर्य निकल गया और उसके साथ मेरी चूत में से भी पानी की धारा निकल पड़ी!
मेरी चूत पूरी भर गयी और उसमें से वीर्य की नहर बाहर की ओर बहने लगी!
यह तो उसने मेरे नीचे अखबार रख दिया था जिसके कारण पूरा वीर्य कागज पर ही गिरा और चादर खराब होने से बच गई।
इसके बाद मैं उठ कर उसके ऊपर लेट गई और अपनी चूत से निकला रही धारा से उसके लण्ड को नहला दिया।
हम दोनों बुरी तरह थक गए थे इसलिए करीब 15 मिनट बाद हम उठे और बाथरूम में जाकर हमने एक दूसरे की बॉडी साफ़ की!
सफाई के दौरान मेरे दोस्त का फिर से खड़ा हो गया तब वहाँ पर उसने मुझे खड़े खड़े चोद डाला!
उसके बाद मैंने अपने कपड़े पहने क्योंकि उसके घर वालों के आने का टाइम हुआ जा रहा था इसलिए अपनी चुदाई करा कर मैं जल्दी से वहाँ से निकल गई!
तो मेरे प्रिय लण्ड और चूतों वाले दोस्तो, मेरे उस दोस्त ने इस तरह मेरी चुदाई की!
आपको मेरी चुदाई की गाथा कैसी लगी, मुझे ज़रूर बताइयेगा!
दोस्तो, मैं चूत वाली दोस्तों को बताना चाहती हूँ कि मेरी हॉस्टल वाली दोस्त ने मुझे लेस्बियन भी बना डाला है इसलिए मैं तो दोनों तरीके से अपनी चूत शांत कर सकती हूँ!
Editor: Sunita Prusty
Publisher: bhauja.com
उस कहानी के पोस्ट होने के बाद से मुझे चूत मरवाने की एक आदत ही लग गई थी। तब तो मैं हर रोज कोई न कोई चोदू ढूँढती थी लेकिन अब मैंने अपने पर बहुत कंट्रोल कर लिया है और माह में सिर्फ एक बार ही चुदती हूँ, वह भी एक ही दोस्त से! कभी वह मेरे घर आ कर मुझे चोदता है, तो कभी मैं उसके घर चुदने चली जाती हूँ।
मैं आपको अपने बारे में एक बार फिर याद दिला दूँ कि मैं 23 वर्ष की एक बहुत ही सुन्दर नैन नक्श की खूबसूरत लड़की हूँ, मेरा फिगर 36-26-34 है और बहुत ही उजले रंग का जिस्म की मालकिन हूँ!
आज मैं आपको वह घटना बताने जा रही हूँ कि मैं अपने इस दोस्त से मैं पहली बार कब, कहाँ और कैसे चुदी थी।
मैं एक बात कहना चाहूंगी कि हमारे मन में ऐसा कुछ करने की मंशा नहीं थी और यह सब अनजाने में आकस्मिक वासना के जागृत होने के कारण हुआ था।
अब मैं घटना का विवरण शुरू करती हूँ:
मेरा एक बहुत ही अच्छा दोस्त है और हम दोनों कॉलेज में साथ साथ ही पढ़ते हैं!
एक दिन शनिवार की दोपहर को मैं उसके घर पढ़ने के लिए गई तो पाया कि उस टाइम उसके घर पर कोई नहीं था।
वहाँ पहुँचने पर सब से पहले हम दोनों ने आपस में थोड़ा हंसी मजाक किया और उसके बाद हमने मिल कर पढ़ना शुरू किया।
हम दोनों एक ही बैड पर बैठ कर पढ़ रहे थे, वह बैड के एक तरफ बैठा था और मैं उससे थोड़ी दूर पर बैठी थी। हम किताब में से पढ़ कर एक दूसरे को समझाते भी जा रहे थे, कुछ देर के बाद उसने मुझे एक रेखा-चित्र समझाना शुरू किया तो मैं उसकी तरफ सरक गई और उससे समझने लगी।
मैंने अपने पैर मोड़ लिए थे लेकिन फिर भी मेरा एक पैर उसके पैर को छू रहा था, पढ़ाई में व्यस्त होने के कारण हमने उस ओर ध्यान ही नहीं दिया, क्योंकि पहले भी कई बार हम ऐसे ही बैठ कर पढ़ते थे।
बहुत बार उसके हाथ मेरे बूब्स को भी छू जाते थे, उस दिन भी जब मैं उससे रेखा-चित्र समझ रही थी तब भी कई बार उसका हाथ मेरे बूब्स को लगा! ऐसे में मेरी एक साइड से चुनरी भी सरक कर उसके पैर पर गिर गई, लेकिन पढ़ने में मग्न होने के कारण उस ओर मेरा ध्यान ही नहीं गया, जब उसने मुझे पूर्ण रूप से रेखा-चित्र समझा दिया तब हमने पाया कि हम दोनों एक दूसरे के काफी करीब बैठे हुए थे!
उसने मुझे देखा और मैंने भी उसको, अब वह बेचारा लड़का है कब तक अपने को कण्ट्रोल करता!
तभी एकदम से मेरी नज़र उसके लोअर पर गई तो उसे फूला हुआ पाया तो मैं समझ गई कि उसका लण्ड खड़ा हुआ पड़ा है।
मैंने अपना ध्यान बदलने के लिए उसे बोला कि मुझे वाशरूम जाना है, तो वो मुझे वाशरूम दिखाने के लिए उठा तब मुझे उसके लोअर के अंदर खड़े लण्ड की झलक एक तम्बू की दिखाई दे गई!
मैं जल्दी से कदम बढ़ाती हुई वाशरूम के अंदर चली गई, वहाँ पहुँच कर मैंने महसूस किया कि मेरे इतने नज़दीक एक खड़े लण्ड के दिखने मात्र से ही मुझे चुदाई कि इच्छा होने लगी थी!
मेरे वाशरूम से बाहर आने के बाद हम फिर से मस्ती करने लगे, जब उसने मेरी मजाक उड़ाई तो मैं उसको मारने के लिए दौड़ी और मैंने उसके पेट के मांस को अपनी उँगलियों से पकड़ कर मरोड़ दिया!
उसने अपने आप को छुड़ाने के लिए मेरे गले में हाथ डाल कर मुझे पकड़ लिया, इस मस्ती में मेरा हाथ उसके लण्ड को लग गया, जो कि बहुत ही तन कर खड़ा था।
तब मैंने सकपका कर उसको छोड़ दिया तो उसने भी मुझे छोड़ा और हम वहीं खड़े होकर एक दूसरे को देखने लगे! शायद वह मुझसे नज़र नहीं मिला पा रहा था इसलिए मैं अपनी किताबें उठा कर जाने लगी तो उसने मुझे पीछे से पकड़ लिया, आखिर वो भी मर्द है कब तक कण्ट्रोल करता और बोला- सॉरी मैं अपने पर कण्ट्रोल नहीं कर पा रहा, मुझे माफ कर दो!
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
उसका खड़ा लण्ड मुझे मेरी गाण्ड के पास चुभता हुआ महसूस तो मैं घूम गयी और उसकी ओर मुँह कर के खड़ी हो गई। उसने एक लंबी साँस लेकर मेरे गाल पर चुम्बन लेते हुए कहा- तेरे बदन की खुशबू मुझे पागल बना रही है जान!
‘अब मैं भी गरम होने लगी।
उसने दूसरे गाल पर चुम्बन लेते हुए एक बार फिर से दोहराया- क्या तुम मुझसे सेक्स करोगी?
मैं भी गरम होने लगी थी और मेरी भी भावनाएँ जाग उठी थी, तब मैंने उससे पूछ बैठी- हम यह कैसे कर सकते हैं? हम तो दोस्त हैं।
तब उसने कहा- जो भी करना है, हम दोस्त बन कर ही करेंगे और हमेशा के लिए पक्के दोस्त भी बन जायेंगे, माई डार्लिंग…
उसके ऐसा कहने पर मुझसे भी रहा नहीं गया, मैंने पलट कर उसके दोनों गालों पर एक एक चुम्मी रसीद कर दी!
इसके बाद उसने मुझे दीवार से सटाया और कपड़ों के ऊपर से ही पूरे बदन को सूंघने लगा, वह सूंघ सूंघ कर और भी मदहोश हुआ जा रहा था!
फिर वह ऊपर आ कर मेरे होंठों पर चुम्बन करने लगा, मैंने भी इसमें उसका साथ दिया और काफी देर तक हम वैसे ही खड़े एक दूसरे को चूमते चाटते रहे!
किस करते हुए जब उसने मेरे होंठों को काटा तो मैंने भी सकपका कर उसके होंठों को अपने दांतों से काट लिया!
इसी दौरान मैंने उसे इशारे से दरवाज़ा बंद करने को कहा तो उसने आगे बढ़ कर उसे बंद कर दिया और दुबारा से मेरे होंठों को किस किया!
जब इसी तरह एक दूसरे से चिपके हमें किस करते करते 8 से 10 मिनट बीत गए, तब उसने अपने हाथों से मेरे बूब्स भी दबाना चालू कर दिया, उसने मेरे गले को भी चूमते समय भी मेरे बूब्स को दबाना नहीं छोड़ा।
जब उसका जोश थोड़ा और बढ़ा तो उसने मेरे गले से मेरी चुनरी निकाल कर पास राखी कुर्सी पर फेंक दी और कपड़ों के ऊपर से मेरे बूब्स मुँह में लेकर चूसने लगा!
मैं भी बहुत उत्तेजित हो गई थी इसलिए मैंने लोअर के ऊपर से ही उसके लण्ड को पकड़ कर जोर जोर से हिलाने लगी। इसके बाद मैंने उसका लोअर निकाल दिया तो उसने मेरा सलवार उतार दी!
मैंने सफ़ेद पैंटी पहनी थी जो कि गीली हो गई थी, उसने मेरे बूब्स चूसते हुए मेरी पैंटी के ऊपर से ही मेरी चूत पर हाथ घुमाना चालू किया और मैंने उसके अंडरवीयर के ऊपर से लण्ड पकड़ कर आगे पीछे करने लगी थी।
हम पागलों की तरह एक दूसरे को चूमे जा रहे थे, मुझे कुछ भी होश नहीं था, उसने मेरी कमीज़ निकाल दी।
अब मैं केवल सफ़ेद ब्रा और पैंटी में थी, फिर मैंने भी उसे टी-शर्ट निकालने को कहा तो उसने झट से उसे निकाल दी क्योंकि उसने टी-शर्ट के नीचे बनियान नहीं पहनी थी इसलिए मैंने टी-शर्ट निकालते ही उसके सीने को चाटना चालू कर दिया।
नीचे से उसके लण्ड को हिलाने और सीने को चाटने में मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, मैं तो उस टाइम ज़न्नत की सैर कर रही थी।
उतने में उसने एकदम से अह्ह्ह…. की आवाज़ करी और उसके लण्ड से उसका पानी निकल गया और वह अपने अंडरवीयर में ही झड़ गया था। मैं फिर भी पागलों की तरह उसके लण्ड को मसल रही थी और इसी उत्तेजना में मेरा भी पानी छूट गया, तब जाकर हम दोनों रुके!
पांच मिनट के बाद उसने फिर से मेरे बूब्स दबाने शुरू कर दिए और कहा- इतने मस्त बूब्स है तुम्हारे पास, मैं आज इनको खा ही जाऊँगा।
तब मैंने उसे पूछा- तुझे शर्म नहीं आती क्या?
तो वह बोला- चुदाई में कोई शर्म नहीं आती!
फिर मैंने उसे कहा- तुम मेरी पैंटी उतारो।
तो उसने झुक कर फट से उतार दी!
मैंने भी उसका अंडरवीयर उतारने में कोई देर नहीं की।
उसके बाद हम दोनों नंगे मार्च करते हुए बाथरूम में गए और वहाँ उसने मेरी चूत को अच्छी तरह धोया और मैंने उसके लण्ड को मसल मसल कर धोया।
इसके बाद मैंने उसके लण्ड को वहीं मुँह में लेकर चूसना चालू किया, थोड़ी देर चूसने के बाद उसने मेरी चूत पर चुम्बन किया और मुझे उठा कर बैड पर डाल दिया तथा मेरी ब्रा अलग करके मेरे नंगे बूब्स पर टूट पड़ा।
दस मिनट की ज़बरदस्त चुसाई से उसने मेरे बूब्स को लाल कर दिया और फिर वह धीरे धीरे मेरे पेट और नाभि को चूमता हुआ नीचे पहुँच गया और मेरी चूत को चाटना चालू कर दिया।
थोड़ी देर चूत चटाने के बाद मैंने उसे रोक कर 69 पोजीशन आने को कहा, तो वह मेरे ऊपर आ गया और अपना लंड मेर मुख में दे दिया और मेरी चूत को एक बार फिर से चाटने लगा!
करीब दस मिनट के बाद मैंने अपने बदन अकड़न महसूस की और मेरी चूत से पानी छूट गया, जो उसके मुँह पर गिरा।
वह तो रुक गया लेकिन मैंने उसके लण्ड को चाटना जारी रखा तथा कुछ देर बाद उसका भी पानी निकल गया जो कि मेरे गले पर गिरा।
कुछ देर तक हम वैसे ही पड़े रहे, तभी मुझे उसके लण्ड में कुछ हरकत सी नज़र आई और लगा कि उसका लण्ड खड़ा होने को आतुर है तो मैंने उसे पकड़ लिया और हिलाना चालू कर दिया।
वह मेरे बूब्स दबाने लगा और मुझे किस करने लगा, 5 मिनट के बाद वह उठ कर दूसरे कमरे में गया और शहद की शीशी ले आया।
जब मैंने पूछा- शहद क्यों लाए हो?
तो वह शहद मेरे बूब्स और चूत में डाल कर उन्हें चूसने लगा। करीब दस मिनट में ही उसने पूरा शहद मेरे बूब्स और चूत पर से चाट कर मुझे बहुत ही बुरी तरह से गर्म कर दिया।
अब मुझसे नहीं रहा जा रहा था, मैंने उसे कहा- चोद डाल मेरी चूत, फाड़ दे, आज से मैं तेरी हूँ जो चाहे कर!
मेरी बात सुन कर उसने उठ कर मेरी टाँगे चौड़ी की और लण्ड को चूत पर रख कर रगड़ने लगा, मैं पागल हुए जा रही थी और अह्ह्ह… चोद दे, फाड़ दे अह्ह्ह… आवाजें निकाल रही थी!
जब उसे लगा कि मेरी चूत पानी फेंकने वाली है तो उसने एकदम से धक्का दिया और पूरा लण्ड मेरी चूत में घुसेड़ दिया!
मैं जोर से चिल्लाई तो उसने मेरे मुंह पर अपने मुँह लगा कर उसे चूसना शुरू किया और नीचे से धक्के देने लगा।
मेरे मुँह से अहह.. अह्ह्ह… उह्ह्ह… उह्हह… की आवाजें निकल रही थी और वह भी अब मेरे साथ स्वर मिला कर उनह्हह… उन्हह… की आवाजें निकालने लगा था!
वह बीच में कुछ सेकंड्स के लिए ऊँचा होकर रुका और फिर मेरे ऊपर आ गया, मैंने उसे अपने दोनों पैरों से लॉक कर दिया और हम दोनों मिल के धक्के लगाने लगे!
करीब दस मिनट की घमासान धक्का-पेल के बाद मैंने उसे बताया कि मेरा पानी निकालने वाला है तो उसने भी कहा कि उसका भी वीर्य निकलने वाला है!
अभी हमारी बात पूरी ही नहीं हुई थी कि उतने में उसका वीर्य निकल गया और उसके साथ मेरी चूत में से भी पानी की धारा निकल पड़ी!
मेरी चूत पूरी भर गयी और उसमें से वीर्य की नहर बाहर की ओर बहने लगी!
यह तो उसने मेरे नीचे अखबार रख दिया था जिसके कारण पूरा वीर्य कागज पर ही गिरा और चादर खराब होने से बच गई।
इसके बाद मैं उठ कर उसके ऊपर लेट गई और अपनी चूत से निकला रही धारा से उसके लण्ड को नहला दिया।
हम दोनों बुरी तरह थक गए थे इसलिए करीब 15 मिनट बाद हम उठे और बाथरूम में जाकर हमने एक दूसरे की बॉडी साफ़ की!
सफाई के दौरान मेरे दोस्त का फिर से खड़ा हो गया तब वहाँ पर उसने मुझे खड़े खड़े चोद डाला!
उसके बाद मैंने अपने कपड़े पहने क्योंकि उसके घर वालों के आने का टाइम हुआ जा रहा था इसलिए अपनी चुदाई करा कर मैं जल्दी से वहाँ से निकल गई!
तो मेरे प्रिय लण्ड और चूतों वाले दोस्तो, मेरे उस दोस्त ने इस तरह मेरी चुदाई की!
आपको मेरी चुदाई की गाथा कैसी लगी, मुझे ज़रूर बताइयेगा!
दोस्तो, मैं चूत वाली दोस्तों को बताना चाहती हूँ कि मेरी हॉस्टल वाली दोस्त ने मुझे लेस्बियन भी बना डाला है इसलिए मैं तो दोनों तरीके से अपनी चूत शांत कर सकती हूँ!
Editor: Sunita Prusty
Publisher: bhauja.com