नमस्कार में सिड गांधीनगर, गुजरात से हूँ, मेरे लन्ड का साईज 7 इन्च है। मैं Bhauja का आभारी हूँ कि मेरी कहानी आप तक पहुँच सकी।
यह बात तब की है.. जब मैं कंप्यूटर इंजीनियरिंग के तीसरे सेमेस्टर में था। तब मेरी मुलाकात एक लड़की से हुई.. उसका नाम शिवानी था और वो हमारे कॉलेज में कंप्यूटर इंजीनियरिंग के पहले सेमेस्टर में आई थी।
वह बहुत हॉट थी.. उसका फिगर 34-24-36 था। वो एकदम गुस्से वाली और किसी से बात नहीं करती थी।
मैं ठहरा चूतिया आदमी.. मैं उससे मन ही मन उसे चोदने का सोचने लगा था!
एक दिन हुआ यूं कि मेरे एक बचपन का दोस्त कुलदीप मुझे कॉलेज से आते मिल गया G-2 सर्कल पर मुझे देखते ही उसने मुझे आवाज लगाई.. मैं उसके पास गया और उससे हाल-चाल पूछने के बाद मैं सिगरेट पीने लगा और बातों-बातों में उसने बताया कि उसकी फैमिली वाले वापस गांधीनगर आ गए हैं।
तो मैंने उसे मोबाइल नंबर दिया और उसका मोबाइल नंबर लिया.. बाद में हम अपने-अपने घर चले गए।
उसके 3 दिन बाद उसका कॉल आया तो मैंने अटेंड किया और उसने कहा- मैं मूवी देखने जा रहा हूँ.. तू आ रहा है क्या?
मैंने उसे ‘हाँ’ कर दी और सेक्टर-11 में सिनेमैक्स पहुँच गया.. वहाँ पर वो पहले से ही था।
हमने मूवी देखी.. बाद में जब मैं उसे उसके घर ड्रॉप करने गया तो वहाँ जाकर मैं ये देखता ही रह गया कि मेरी जान शिवानी उसी के घर के बाजू में रहती है.. इस बात को जान कर मैं बहुत खुश हुआ।
अब मैं रोज अपने उस दोस्त के घर जाने लगा। मैंने अपने दोस्त को यह बात बताई कि मैं उसे चोदना चाहता हूँ।
तो उसने कहा- ठीक है.. मैं तेरी मदद करूँगा.. पर तेरे बाद मैं भी उसे चोदूँगा।
मैंने उसे ‘हाँ’ कह दी.. बाद में उसने मुझे हेल्प की.. उसने मेरी ओर शिवानी की दोस्ती करवा दी।
फ़िर क्या था.. मैंने उसे फ़ेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज दी.. हमारी दोस्ती बढ़ती ही जा रही थी।
मैंने उससे एक दिन पूछा- मूवी देखने चलोगी?
तो शिवानी ने ‘हाँ’ कह दी.. हम दोनों मूवी देखने गए.. उसके बाद मैंने उससे अपने मन की बातें की.. वो भी मुझसे आकर्षित हो चली थी।
फ़िर हम घर आ गए।
अब मैं उससे फोन पर भी बात करने लगा..
फिर मैंने वेलेंटाइन डे पर उसे प्रोपज़ कर दिया.. उसने ‘हाँ’ कह दी.. मेरी प्रसन्नता का ठिकाना ही न था।
इसके बाद में हम लोग बिंदास मिलने लगे.. चुम्बन वगैरह करते रहे।
उसके बाद मैंने उससे एक दिन पूछ ही लिया- क्या तुम मेरे साथ सेक्स करोगी?
उसने ‘हाँ’ कर दी.. मैंने अपने दोस्त से बिना बताए उसे गेस्ट-हाउस ले गया।
कमरे में जाते ही मैंने उसे चुम्बन करना चालू कर दिया.. और वो धीरे-धीरे गरम होने लगी। मैंने उसके बदन से टॉप ओर लेगीज उतार दी थी.. वो सिर्फ़ सफेद रंग की ब्रा और पैन्टी में ही थी।
क्या माल लग रही थी.. 34-24-36 के फिगर में उसे देख कर मैं जोश में आ गया और उसे पकड़कर बिस्तर पर धकेल दिया। मैं उसे बेतहाशा चूमने लगा.. वो सीत्कार करने लगी- ओह.. जान.. कम ऑन.. ओह..
उसके ऐसे कहने पर मैंने जोश में आकर अपने कपड़े उतार दिए और उसकी पैन्टी उतार कर उसकी गुलाबी मस्त चूत को चाटने लगा।
वो मस्त हो गई थी.. थोड़ी देर बाद हम 69 की अवस्था में आ गए।
उसने मेरा लण्ड मुँह में ले लिया।
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
दोस्तो, लण्ड को उसके मुँह में देते ही क्या मस्त सुकून मिला मुझे.. मैं आपको बयान नहीं कर सकता।
उसके बाद मैंने उसे लिटा कर उसके नीचे तकिया रख कर.. उसकी मक्खन सी मस्त चूत में लण्ड डाल दिया।
वो चिल्लाई.. पर मैंने ध्यान नहीं दिया और एक दरिंदे की तरह उसे चोदता रहा..
उसके बाद वो अकड़ सी गई और मुझे अपनी ओर ज़ोर से खींचने लगी।
मैंने धक्कों की रफ़्तार बढ़ा दी.. और वो तेज सीत्कार करती हुई झड़ गई।
मैंने अपनी धक्कों की बौछार चालू ही रखी.. और उसके झड़ने के दस मिनट बाद मैं भी झड़ गया..
हम दोनों बिस्तर पर निढाल हो कर पड़े रहे..
लेकिन मुझे आभास होआ गया कि शिवानी कुंवारी नहीं थी, वो पहले भी चुद चुकी थी, खाई खेली थी तभी तो उसने बिना कहे मेरा लौड़ा चूसना शुरू कर दिया था पर कुछ भी हो, मस्त चूत थी शिवानी की !
फिर बाद में ये सिलसिला चल पड़ा और उसके साथ मेरी प्यास बुझती रही।
Editor: Sunita Prusty
Publisher: Bhauja.com
यह बात तब की है.. जब मैं कंप्यूटर इंजीनियरिंग के तीसरे सेमेस्टर में था। तब मेरी मुलाकात एक लड़की से हुई.. उसका नाम शिवानी था और वो हमारे कॉलेज में कंप्यूटर इंजीनियरिंग के पहले सेमेस्टर में आई थी।
वह बहुत हॉट थी.. उसका फिगर 34-24-36 था। वो एकदम गुस्से वाली और किसी से बात नहीं करती थी।
मैं ठहरा चूतिया आदमी.. मैं उससे मन ही मन उसे चोदने का सोचने लगा था!
एक दिन हुआ यूं कि मेरे एक बचपन का दोस्त कुलदीप मुझे कॉलेज से आते मिल गया G-2 सर्कल पर मुझे देखते ही उसने मुझे आवाज लगाई.. मैं उसके पास गया और उससे हाल-चाल पूछने के बाद मैं सिगरेट पीने लगा और बातों-बातों में उसने बताया कि उसकी फैमिली वाले वापस गांधीनगर आ गए हैं।
तो मैंने उसे मोबाइल नंबर दिया और उसका मोबाइल नंबर लिया.. बाद में हम अपने-अपने घर चले गए।
उसके 3 दिन बाद उसका कॉल आया तो मैंने अटेंड किया और उसने कहा- मैं मूवी देखने जा रहा हूँ.. तू आ रहा है क्या?
मैंने उसे ‘हाँ’ कर दी और सेक्टर-11 में सिनेमैक्स पहुँच गया.. वहाँ पर वो पहले से ही था।
हमने मूवी देखी.. बाद में जब मैं उसे उसके घर ड्रॉप करने गया तो वहाँ जाकर मैं ये देखता ही रह गया कि मेरी जान शिवानी उसी के घर के बाजू में रहती है.. इस बात को जान कर मैं बहुत खुश हुआ।
अब मैं रोज अपने उस दोस्त के घर जाने लगा। मैंने अपने दोस्त को यह बात बताई कि मैं उसे चोदना चाहता हूँ।
तो उसने कहा- ठीक है.. मैं तेरी मदद करूँगा.. पर तेरे बाद मैं भी उसे चोदूँगा।
मैंने उसे ‘हाँ’ कह दी.. बाद में उसने मुझे हेल्प की.. उसने मेरी ओर शिवानी की दोस्ती करवा दी।
फ़िर क्या था.. मैंने उसे फ़ेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज दी.. हमारी दोस्ती बढ़ती ही जा रही थी।
मैंने उससे एक दिन पूछा- मूवी देखने चलोगी?
तो शिवानी ने ‘हाँ’ कह दी.. हम दोनों मूवी देखने गए.. उसके बाद मैंने उससे अपने मन की बातें की.. वो भी मुझसे आकर्षित हो चली थी।
फ़िर हम घर आ गए।
अब मैं उससे फोन पर भी बात करने लगा..
फिर मैंने वेलेंटाइन डे पर उसे प्रोपज़ कर दिया.. उसने ‘हाँ’ कह दी.. मेरी प्रसन्नता का ठिकाना ही न था।
इसके बाद में हम लोग बिंदास मिलने लगे.. चुम्बन वगैरह करते रहे।
उसके बाद मैंने उससे एक दिन पूछ ही लिया- क्या तुम मेरे साथ सेक्स करोगी?
उसने ‘हाँ’ कर दी.. मैंने अपने दोस्त से बिना बताए उसे गेस्ट-हाउस ले गया।
कमरे में जाते ही मैंने उसे चुम्बन करना चालू कर दिया.. और वो धीरे-धीरे गरम होने लगी। मैंने उसके बदन से टॉप ओर लेगीज उतार दी थी.. वो सिर्फ़ सफेद रंग की ब्रा और पैन्टी में ही थी।
क्या माल लग रही थी.. 34-24-36 के फिगर में उसे देख कर मैं जोश में आ गया और उसे पकड़कर बिस्तर पर धकेल दिया। मैं उसे बेतहाशा चूमने लगा.. वो सीत्कार करने लगी- ओह.. जान.. कम ऑन.. ओह..
उसके ऐसे कहने पर मैंने जोश में आकर अपने कपड़े उतार दिए और उसकी पैन्टी उतार कर उसकी गुलाबी मस्त चूत को चाटने लगा।
वो मस्त हो गई थी.. थोड़ी देर बाद हम 69 की अवस्था में आ गए।
उसने मेरा लण्ड मुँह में ले लिया।
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
दोस्तो, लण्ड को उसके मुँह में देते ही क्या मस्त सुकून मिला मुझे.. मैं आपको बयान नहीं कर सकता।
उसके बाद मैंने उसे लिटा कर उसके नीचे तकिया रख कर.. उसकी मक्खन सी मस्त चूत में लण्ड डाल दिया।
वो चिल्लाई.. पर मैंने ध्यान नहीं दिया और एक दरिंदे की तरह उसे चोदता रहा..
उसके बाद वो अकड़ सी गई और मुझे अपनी ओर ज़ोर से खींचने लगी।
मैंने धक्कों की रफ़्तार बढ़ा दी.. और वो तेज सीत्कार करती हुई झड़ गई।
मैंने अपनी धक्कों की बौछार चालू ही रखी.. और उसके झड़ने के दस मिनट बाद मैं भी झड़ गया..
हम दोनों बिस्तर पर निढाल हो कर पड़े रहे..
लेकिन मुझे आभास होआ गया कि शिवानी कुंवारी नहीं थी, वो पहले भी चुद चुकी थी, खाई खेली थी तभी तो उसने बिना कहे मेरा लौड़ा चूसना शुरू कर दिया था पर कुछ भी हो, मस्त चूत थी शिवानी की !
फिर बाद में ये सिलसिला चल पड़ा और उसके साथ मेरी प्यास बुझती रही।
Editor: Sunita Prusty
Publisher: Bhauja.com