bhauja.com के पाठक में हूँ आप सभी की प्यारी सी सुनीता भाभी। आप सभी के लिए आज के लिए ये नयी कहानी लेकर आई हूँ।
राजकुमार
हैलो दोस्तो, मेरा नाम राजकुमार है, मेरी उम्र 23 वर्ष है, मेरी हाइट 5’10” है और मैं बरेली से हूँ, मैं देखने में सामान्य हूँ।
यह बात उन दिनों की है, जब मैंने बी.कॉम. के लिए कॉलेज में दाखिला लिया था। मेरे कॉलेज में जहाँ देखो वहाँ मस्त लड़कियाँ थीं लेकिन मैं सिर्फ अपने दोस्तों के साथ ही मस्ती करता था, मुझे किसी से कुछ लेना-देना नहीं था।
जब मैं फ्रेशर पार्टी दे रहा था तभी मेरी मुलाकात वर्षा से हुई वो बी.एससी. के प्रथम वर्ष में थी।
क्योंकि मैं कॉलेज में ज्यादातर गलत हरकतों में लिप्त नहीं रहता था तो मुझे कोई-कोई ही जानता था।
हमारी दोस्ती हुई अब वो हमेशा लंच-ब्रेक के समय और छुट्टी के समय में मेरे ग्रुप में ही रहती थी। वो बहुत ही हॉट और सेक्सी थी लेकिन मैं कभी उसके बारे में ऐसा नहीं सोचता था। मैं ज्यादातर ग्रुप में ही रहता था, तो वो मुझसे ज्यादा बात नहीं कर पाती थी।
एक दिन उसने मेरा मोबाइल नम्बर माँगा मैंने उसी अपना नम्बर दे दिया और घर के लिए निकलने लगा।
तभी वर्षा बोली- आज मैं अपनी दीदी के साथ आई थी, लेकिन वो कहीं व्यस्त होने के कारण मुझे लेने नहीं आ पाएँगीं तो क्या तुम मुझे घर तक छोड़ दोगे?
मैंने कहा- ठीक है।
वो मेरी बाइक पर बैठ गई। रास्ते में हम बात करते जा रहे थे। वो मेरे बारे में जानना चाहती थी। मैंने उसे अपनी हर बात बता दी जो उसने पूछी।
रास्ते में उसके मम्मे मुझे मेरी पीठ पर लग रहे थे। मैं अपने आप को कंट्रोल नहीं कर पा रहा था। मेरा मन कर रहा था कि यहीं पर उसकी टी-शर्ट फाड़ दूँ लेकिन मुझे खुद पर संयम करना पड़ा।
मैंने वर्षा को घर पर छोड़ा और चलने लगा, तो वो बोली- अन्दर आओ न..!
लेकिन मुझे जल्दी थी तो मैं वहाँ से चला आया।
उसने कुछ देर बाद उसने मुझे फोन किया और मुझे धन्यवाद कहा और इधर-उधर की बातें करने लगी।
बात करते-करते उसने पूछा- तेरी कोई गर्ल-फ्रेंड है क्या?
तो मैंने कहा- कोई नहीं है और होगी भी किसी को मुझ जैसे ख़राब लड़के को अपने बॉय-फ्रेण्ड थोड़ी ना बनाएगी।
तो उसने कहा- नहीं तुम गंदे लड़के नहीं हो, जहाँ तक मुझे पता है तुम ओपन माइंड हो।
मैंने पूछा- तुम्हारा कोई बॉय-फ्रेण्ड है?
तो उसने कहा- था.. लेकिन मैंने उसे छोड़ दिया।
मैंने कहा- क्यों?
तो बोली- वो मेरी साथ धोखा कर रहा था।
मैंने कहा- चल अच्छा है, बिंदास रहने का अलग ही मज़ा है।
उसकी बाद मेरे मन में उसको चोदने का ख्याल आया, उस दिन मैंने उसकी याद में मुठ मारी। अब हम ज्यादातर साथ में रहने लगे। मुझे उसके मम्मे देख कर चूसने का मन करता था। अब हम दोनों एक-दूसरे के यहाँ आने-जाने लगे थे।
एक बार मेरे माता-पिता हफ्ते के लिए पुणे गए थे, मैं घर में अकला था, तो मैंने सभी को अपने घर इन्वाइट किया।
हम जब लोग मस्ती कर रहे थे।
मेरे दोस्त ड्रिंक करते थे, तो वे 3 बोतल लाए थे, चूंकि मेरे ग्रुप में लड़कियाँ भी थीं तो मैंने बोतलें छुपा दी।
लेकिन एक ने देख लिया तो बोली- घबरा मत, हम लोग भी ट्राई करेंगी।
तो मैं बॉटल ले आया, सबने ड्रिंक्स की लेकिन मैंने नहीं पी।
वर्षा ने भी ड्रिंक की, हम जब उसकी बात यहाँ-वहाँ की बात करने लगी। फिर सब अपने घर चले गए, पर वर्षा को ड्रिंक के कारण सर में दर्द हो रहा था तो वो रुक गई और मेरे कमरे में लेट गई क्योंकि उसने सबके साथ जोश में आकर अधिक ड्रिंक कर ली थी तो उसे सर दर्द होने लगा था।
मैंने उसके घर पर फोन करके कहा कि वो अपनी किसी सहेली के साथ उसके यहाँ चली गई है शाम तक आ जाएगी।
उसके बाद मैंने कमरे में जाकर उसे देखा वो आँखें मूंदे सो रही थी, उसके मम्मे बाहर को आ गए थे, मैं पागलों जैसे उसे देखने लगा। मैंने वहीं पर मुठ मार ली क्योंकि इस पहले मैंने कभी किसी के नंगे मम्मे नहीं देखे थे।
मैंने अति जोश में आकर उसके मम्मों को चूसने के लिए पकड़ लिए और चूसने लगा।
मुझे मज़ा आने लगा, शायद वो जागने वाली थी तो मैं जल्दी से वहाँ से चला आया।
मैं आकर कंप्यूटर पर पॉर्न मूवी देखने लगा, मुझे पता ही नहीं चला कि कब वो आकर मेरे पीछे खड़ी हो गई।
उसने बनावटी गुस्से में कहा- यह क्या देख रहे हो?
मैंने जल्दी से पीसी ऑफ कर दिया और कहा- हॉलीवुड मूवी देख रहा था।
वो शायद जब जानती थी लेकिन मुझसे ऐसे बात कर रही थी जैसे कुछ जानती नहीं है।
मैंने कहा- तूने कभी चुम्बन किया है?
तो वो बोली- नहीं, मैंने कभी नहीं किया है।
मैंने कहा- करना चाहती हो?
तो वो बोली- नहीं… मैं नहीं करना चाहती।
पर मैं ज़बरदस्ती उसे चुम्बन करने लगा। पहले तो उसने मुझे धक्का दिया, लेकिन मैंने उसे कस कर पकड़ लिया और चुम्बन करने लगा।
अब वो मेरा साथ देने लगी, हम दोनों 10 मिनट तक चुम्बन करते रहे, वो पूरी तरह गर्म हो गई थी।
मैंने कहा- पॉर्न मूवी देखोगी?
वो बोली- हाँ और मैं ऐसी फ़िल्में बहुत बार देख चुकी हूँ।
तो मैंने जल्दी से एक पॉर्न मूवी लगा दी वो देखने लगी और मैं उसे चुम्बन करने लगा। वो भी उत्तेजित होने लगी थी।
मैं उसकी कुर्ती उठाने लगा और उसके मम्मे दबाने लगा, वो ‘आआआहह उऊहह’ आवाज़ निकालने लगी, उसने मेरा लंड पकड़ लिया और दबाने लगी।
मैंने उसकी कुरती और ब्रा उतार दी और मैं उसके मम्मे चूसने लगा और खूब मसल रहा था, वो पूरी गर्म हो गई थी।
उसने मेरा लंड बाहर निकाला और कहा- ओए.. इतना बड़ा है तेरा..!?!
मैंने कहा- हाँ, और अभी मैं कुंवारा हूँ। आज तक मैंने किसी के साथ कुछ भी नहीं किया है।
तो उसने कहा- मैं भी बस मूवी में ही देखती थी।
मैंने कहा- इसे मुँह में ले लो।
वो मना करने लगी, लेकिन बाद में चूसने लगी।
उसे मजा आने लगा तो वो मेरे हथियार को वो पागलों के जैसे चूसने लगी थी, मैं उसके मुँह में ही झड़ गया, उसने मेरा पूरा पानी पी लिया।
मैंने भी उसकी लेग्गी और पैन्टी खोल दी, अब वो मेरे सामने पूरी नंगी थी, मैं पागलों की तरह उसकी चूत चाटने लगा।
क्या मादक खुश्बू थी उसकी चूत..!
अब हम दोनों 69 की स्थिति में आकर एक-दूसरे को चूसने लगे थे।
मैं अब जल्दी से जल्दी उसकी चूत मारना चाहता था लेकिन वो मुझे छोड़ नहीं रही थी। वो 15 मिनट तक मेरा लंड चूसती रही थी।
मैंने अब उसको बिस्तर पर लिटाया और अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा। वो पागलों के जैसी आवाज़ कर रही थी। मैंने अपना लंड उसकी चूत में डालने के लिए किया लेकिन उसकी चूत कुछ ज्यादा ही कसी थी। उसके चूत के सिकोड़ लेने के कारण मेरा लंड अन्दर जा ही नहीं पा रहा था।
मैं उसे चुम्बन करने लगा और जैसे ही उसने अपनी टाँगें खोलीं, मैंने झटके से अपना आधा लंड उसकी चूत में पेल दिया। वो चिल्लाने लगी, मैं उसे चुम्बन करने लगा और थोड़ी देर तक उसके होंठों को चूसता रहा।
कुछ ही देर में वो नॉर्मल होने लगी। मैंने फिर झटके से अपना पूरा लंड निकाल कर फिर से पेल दिया तो उसकी चूत से खून आने लगा।
वो डर गई और मुझे लंड बाहर निकालने को बोली।
मैंने कहा- थोड़ा सा दर्द होगा और कुछ नहीं होगा।
मैं उसके मम्मे चूसने लगा, मैं अब धीरे-धीरे अपना लंड आगे-पीछे करने लग़ा, वो चिल्ला रही थी, लेकिन थोड़ी देर बाद मेरा साथ देने लगी।
अब हम दोनों एक-दूसरे को चूमने लगे।
मैं अब जल्दी-जल्दी शॉट मारने लगा, वो भी नीचे से उछाल मार रही थी।
मैं 15 मिनट तक चोदने के बाद उसकी चूत में ही झड़ गया और वो भी मेरे साथ झड़ गई।
मैं अब उसके ऊपर ही लेट कर उसके मम्मे चूसने लगा।
बाद में उठ कर देखा कि उसकी चूत पूरी लाल हो गई थी। मेरा लंड भी उसके खून से लाल हो गया था। एक कपड़े से पोंछने के बाद वो मेरा लंड चूसने लगी, उसने मेरे लंड का माल पूरा मुँह से साफ कर दिया।
मैं उसके मम्मों को फिर से चूसने लगा, फिर मैं उसकी चूत को चाटने लगा था।
वो हिलने लगी मैं अपनी जीभ से उसकी चूत की दरार को चाटने लगा, वो आगे-पीछे होने लगी, उसे चूत चटवाने में मज़ा आ रहा था। हम दोनों फिर से चुम्बन करने लगे।
हमने उस दिन कई बार सम्भोग किया। अब उसे अपने घर जाना था, लेकिन चूत में दर्द होने की कारण ठीक से चल नहीं पा रही थी।
मैंने कहा- यहीं रुक जाओ।
तो उसने अपने घर फ़ोन करके कहा- मैं आज रात अपनी सहेली के यहाँ पढ़ाई के लिए रुक रही हूँ।
उसके घर से उसे रुकने के लिए मंजूरी मिल गई थी।
हम दोनों ने साथ में पॉर्न मूवी देखी और एक-दूसरे को फिर से चुम्बन करने लगे, मैं उसे अपनी गोद में उठा कर चोदने लगा।
हम दोनों चुदाई करते रहे, चुदाई के बाद हम दोनों पूरी तरह नग्न हो कर बिस्तर में लेट गए टीवी देखने लगे।
रात को हमने दोनों ने ड्रिंक किया, मुझे ड्रिंक का असर होने लगा तो मैंने कोल्ड ड्रिंक्स पी ली लेकिन वर्षा ज्यादा पी गई।
हम फिर से चुम्बन करने लगे।
मैंने कहा- मैं तुम्हारी गाण्ड मारना चाहता हूँ।
तो वो नशे में बोली- तुम्हें जो भी करना है करो.. मेरी गाण्ड.. चूत सब तुम्हारे लौड़े के लिए खुली है।
मैं अपना लंड उसकी गाण्ड में डाल दिया, उसका नशा फट गया वो चिल्लाने लगी, लेकिन मैं रुका नहीं और अपने धक्कों की गति बढ़ा दी। कुछ देर बाद वो मेरे धक्के झेलने लगी और हम दोनों एक-दूसरे के ऊपर ही झड़ गए।
हम दोनों ने रात में बार-बार सम्भोग किया। उसकी चूत और गाण्ड दोनों सूज कर पूरी लाल हो गई थीं। हम दोनों पसीने से गीले हो गए थे। सुबह जब हम उठे तो हमने साथ में ही नहाया और फुव्वारे के नीचे फिर एक बार चुदाई की।
इस तरह उस पूरे हफ्ते हमने चुदाई की। अब हमको जब भी मौका मिलता है हम खूब चुदाई करते हैं।
उम्मीद करता हूँ कि आपको मेरी कहानी पसंद आई होगी, मुझे आपके कमेंट्स का इन्तजार रहेगा।
राजकुमार
हैलो दोस्तो, मेरा नाम राजकुमार है, मेरी उम्र 23 वर्ष है, मेरी हाइट 5’10” है और मैं बरेली से हूँ, मैं देखने में सामान्य हूँ।
यह बात उन दिनों की है, जब मैंने बी.कॉम. के लिए कॉलेज में दाखिला लिया था। मेरे कॉलेज में जहाँ देखो वहाँ मस्त लड़कियाँ थीं लेकिन मैं सिर्फ अपने दोस्तों के साथ ही मस्ती करता था, मुझे किसी से कुछ लेना-देना नहीं था।
जब मैं फ्रेशर पार्टी दे रहा था तभी मेरी मुलाकात वर्षा से हुई वो बी.एससी. के प्रथम वर्ष में थी।
क्योंकि मैं कॉलेज में ज्यादातर गलत हरकतों में लिप्त नहीं रहता था तो मुझे कोई-कोई ही जानता था।
हमारी दोस्ती हुई अब वो हमेशा लंच-ब्रेक के समय और छुट्टी के समय में मेरे ग्रुप में ही रहती थी। वो बहुत ही हॉट और सेक्सी थी लेकिन मैं कभी उसके बारे में ऐसा नहीं सोचता था। मैं ज्यादातर ग्रुप में ही रहता था, तो वो मुझसे ज्यादा बात नहीं कर पाती थी।
एक दिन उसने मेरा मोबाइल नम्बर माँगा मैंने उसी अपना नम्बर दे दिया और घर के लिए निकलने लगा।
तभी वर्षा बोली- आज मैं अपनी दीदी के साथ आई थी, लेकिन वो कहीं व्यस्त होने के कारण मुझे लेने नहीं आ पाएँगीं तो क्या तुम मुझे घर तक छोड़ दोगे?
मैंने कहा- ठीक है।
वो मेरी बाइक पर बैठ गई। रास्ते में हम बात करते जा रहे थे। वो मेरे बारे में जानना चाहती थी। मैंने उसे अपनी हर बात बता दी जो उसने पूछी।
रास्ते में उसके मम्मे मुझे मेरी पीठ पर लग रहे थे। मैं अपने आप को कंट्रोल नहीं कर पा रहा था। मेरा मन कर रहा था कि यहीं पर उसकी टी-शर्ट फाड़ दूँ लेकिन मुझे खुद पर संयम करना पड़ा।
मैंने वर्षा को घर पर छोड़ा और चलने लगा, तो वो बोली- अन्दर आओ न..!
लेकिन मुझे जल्दी थी तो मैं वहाँ से चला आया।
उसने कुछ देर बाद उसने मुझे फोन किया और मुझे धन्यवाद कहा और इधर-उधर की बातें करने लगी।
बात करते-करते उसने पूछा- तेरी कोई गर्ल-फ्रेंड है क्या?
तो मैंने कहा- कोई नहीं है और होगी भी किसी को मुझ जैसे ख़राब लड़के को अपने बॉय-फ्रेण्ड थोड़ी ना बनाएगी।
तो उसने कहा- नहीं तुम गंदे लड़के नहीं हो, जहाँ तक मुझे पता है तुम ओपन माइंड हो।
मैंने पूछा- तुम्हारा कोई बॉय-फ्रेण्ड है?
तो उसने कहा- था.. लेकिन मैंने उसे छोड़ दिया।
मैंने कहा- क्यों?
तो बोली- वो मेरी साथ धोखा कर रहा था।
मैंने कहा- चल अच्छा है, बिंदास रहने का अलग ही मज़ा है।
उसकी बाद मेरे मन में उसको चोदने का ख्याल आया, उस दिन मैंने उसकी याद में मुठ मारी। अब हम ज्यादातर साथ में रहने लगे। मुझे उसके मम्मे देख कर चूसने का मन करता था। अब हम दोनों एक-दूसरे के यहाँ आने-जाने लगे थे।
एक बार मेरे माता-पिता हफ्ते के लिए पुणे गए थे, मैं घर में अकला था, तो मैंने सभी को अपने घर इन्वाइट किया।
हम जब लोग मस्ती कर रहे थे।
मेरे दोस्त ड्रिंक करते थे, तो वे 3 बोतल लाए थे, चूंकि मेरे ग्रुप में लड़कियाँ भी थीं तो मैंने बोतलें छुपा दी।
लेकिन एक ने देख लिया तो बोली- घबरा मत, हम लोग भी ट्राई करेंगी।
तो मैं बॉटल ले आया, सबने ड्रिंक्स की लेकिन मैंने नहीं पी।
वर्षा ने भी ड्रिंक की, हम जब उसकी बात यहाँ-वहाँ की बात करने लगी। फिर सब अपने घर चले गए, पर वर्षा को ड्रिंक के कारण सर में दर्द हो रहा था तो वो रुक गई और मेरे कमरे में लेट गई क्योंकि उसने सबके साथ जोश में आकर अधिक ड्रिंक कर ली थी तो उसे सर दर्द होने लगा था।
मैंने उसके घर पर फोन करके कहा कि वो अपनी किसी सहेली के साथ उसके यहाँ चली गई है शाम तक आ जाएगी।
उसके बाद मैंने कमरे में जाकर उसे देखा वो आँखें मूंदे सो रही थी, उसके मम्मे बाहर को आ गए थे, मैं पागलों जैसे उसे देखने लगा। मैंने वहीं पर मुठ मार ली क्योंकि इस पहले मैंने कभी किसी के नंगे मम्मे नहीं देखे थे।
मैंने अति जोश में आकर उसके मम्मों को चूसने के लिए पकड़ लिए और चूसने लगा।
मुझे मज़ा आने लगा, शायद वो जागने वाली थी तो मैं जल्दी से वहाँ से चला आया।
मैं आकर कंप्यूटर पर पॉर्न मूवी देखने लगा, मुझे पता ही नहीं चला कि कब वो आकर मेरे पीछे खड़ी हो गई।
उसने बनावटी गुस्से में कहा- यह क्या देख रहे हो?
मैंने जल्दी से पीसी ऑफ कर दिया और कहा- हॉलीवुड मूवी देख रहा था।
वो शायद जब जानती थी लेकिन मुझसे ऐसे बात कर रही थी जैसे कुछ जानती नहीं है।
मैंने कहा- तूने कभी चुम्बन किया है?
तो वो बोली- नहीं, मैंने कभी नहीं किया है।
मैंने कहा- करना चाहती हो?
तो वो बोली- नहीं… मैं नहीं करना चाहती।
पर मैं ज़बरदस्ती उसे चुम्बन करने लगा। पहले तो उसने मुझे धक्का दिया, लेकिन मैंने उसे कस कर पकड़ लिया और चुम्बन करने लगा।
अब वो मेरा साथ देने लगी, हम दोनों 10 मिनट तक चुम्बन करते रहे, वो पूरी तरह गर्म हो गई थी।
मैंने कहा- पॉर्न मूवी देखोगी?
वो बोली- हाँ और मैं ऐसी फ़िल्में बहुत बार देख चुकी हूँ।
तो मैंने जल्दी से एक पॉर्न मूवी लगा दी वो देखने लगी और मैं उसे चुम्बन करने लगा। वो भी उत्तेजित होने लगी थी।
मैं उसकी कुर्ती उठाने लगा और उसके मम्मे दबाने लगा, वो ‘आआआहह उऊहह’ आवाज़ निकालने लगी, उसने मेरा लंड पकड़ लिया और दबाने लगी।
मैंने उसकी कुरती और ब्रा उतार दी और मैं उसके मम्मे चूसने लगा और खूब मसल रहा था, वो पूरी गर्म हो गई थी।
उसने मेरा लंड बाहर निकाला और कहा- ओए.. इतना बड़ा है तेरा..!?!
मैंने कहा- हाँ, और अभी मैं कुंवारा हूँ। आज तक मैंने किसी के साथ कुछ भी नहीं किया है।
तो उसने कहा- मैं भी बस मूवी में ही देखती थी।
मैंने कहा- इसे मुँह में ले लो।
वो मना करने लगी, लेकिन बाद में चूसने लगी।
उसे मजा आने लगा तो वो मेरे हथियार को वो पागलों के जैसे चूसने लगी थी, मैं उसके मुँह में ही झड़ गया, उसने मेरा पूरा पानी पी लिया।
मैंने भी उसकी लेग्गी और पैन्टी खोल दी, अब वो मेरे सामने पूरी नंगी थी, मैं पागलों की तरह उसकी चूत चाटने लगा।
क्या मादक खुश्बू थी उसकी चूत..!
अब हम दोनों 69 की स्थिति में आकर एक-दूसरे को चूसने लगे थे।
मैं अब जल्दी से जल्दी उसकी चूत मारना चाहता था लेकिन वो मुझे छोड़ नहीं रही थी। वो 15 मिनट तक मेरा लंड चूसती रही थी।
मैंने अब उसको बिस्तर पर लिटाया और अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा। वो पागलों के जैसी आवाज़ कर रही थी। मैंने अपना लंड उसकी चूत में डालने के लिए किया लेकिन उसकी चूत कुछ ज्यादा ही कसी थी। उसके चूत के सिकोड़ लेने के कारण मेरा लंड अन्दर जा ही नहीं पा रहा था।
मैं उसे चुम्बन करने लगा और जैसे ही उसने अपनी टाँगें खोलीं, मैंने झटके से अपना आधा लंड उसकी चूत में पेल दिया। वो चिल्लाने लगी, मैं उसे चुम्बन करने लगा और थोड़ी देर तक उसके होंठों को चूसता रहा।
कुछ ही देर में वो नॉर्मल होने लगी। मैंने फिर झटके से अपना पूरा लंड निकाल कर फिर से पेल दिया तो उसकी चूत से खून आने लगा।
वो डर गई और मुझे लंड बाहर निकालने को बोली।
मैंने कहा- थोड़ा सा दर्द होगा और कुछ नहीं होगा।
मैं उसके मम्मे चूसने लगा, मैं अब धीरे-धीरे अपना लंड आगे-पीछे करने लग़ा, वो चिल्ला रही थी, लेकिन थोड़ी देर बाद मेरा साथ देने लगी।
अब हम दोनों एक-दूसरे को चूमने लगे।
मैं अब जल्दी-जल्दी शॉट मारने लगा, वो भी नीचे से उछाल मार रही थी।
मैं 15 मिनट तक चोदने के बाद उसकी चूत में ही झड़ गया और वो भी मेरे साथ झड़ गई।
मैं अब उसके ऊपर ही लेट कर उसके मम्मे चूसने लगा।
बाद में उठ कर देखा कि उसकी चूत पूरी लाल हो गई थी। मेरा लंड भी उसके खून से लाल हो गया था। एक कपड़े से पोंछने के बाद वो मेरा लंड चूसने लगी, उसने मेरे लंड का माल पूरा मुँह से साफ कर दिया।
मैं उसके मम्मों को फिर से चूसने लगा, फिर मैं उसकी चूत को चाटने लगा था।
वो हिलने लगी मैं अपनी जीभ से उसकी चूत की दरार को चाटने लगा, वो आगे-पीछे होने लगी, उसे चूत चटवाने में मज़ा आ रहा था। हम दोनों फिर से चुम्बन करने लगे।
हमने उस दिन कई बार सम्भोग किया। अब उसे अपने घर जाना था, लेकिन चूत में दर्द होने की कारण ठीक से चल नहीं पा रही थी।
मैंने कहा- यहीं रुक जाओ।
तो उसने अपने घर फ़ोन करके कहा- मैं आज रात अपनी सहेली के यहाँ पढ़ाई के लिए रुक रही हूँ।
उसके घर से उसे रुकने के लिए मंजूरी मिल गई थी।
हम दोनों ने साथ में पॉर्न मूवी देखी और एक-दूसरे को फिर से चुम्बन करने लगे, मैं उसे अपनी गोद में उठा कर चोदने लगा।
हम दोनों चुदाई करते रहे, चुदाई के बाद हम दोनों पूरी तरह नग्न हो कर बिस्तर में लेट गए टीवी देखने लगे।
रात को हमने दोनों ने ड्रिंक किया, मुझे ड्रिंक का असर होने लगा तो मैंने कोल्ड ड्रिंक्स पी ली लेकिन वर्षा ज्यादा पी गई।
हम फिर से चुम्बन करने लगे।
मैंने कहा- मैं तुम्हारी गाण्ड मारना चाहता हूँ।
तो वो नशे में बोली- तुम्हें जो भी करना है करो.. मेरी गाण्ड.. चूत सब तुम्हारे लौड़े के लिए खुली है।
मैं अपना लंड उसकी गाण्ड में डाल दिया, उसका नशा फट गया वो चिल्लाने लगी, लेकिन मैं रुका नहीं और अपने धक्कों की गति बढ़ा दी। कुछ देर बाद वो मेरे धक्के झेलने लगी और हम दोनों एक-दूसरे के ऊपर ही झड़ गए।
हम दोनों ने रात में बार-बार सम्भोग किया। उसकी चूत और गाण्ड दोनों सूज कर पूरी लाल हो गई थीं। हम दोनों पसीने से गीले हो गए थे। सुबह जब हम उठे तो हमने साथ में ही नहाया और फुव्वारे के नीचे फिर एक बार चुदाई की।
इस तरह उस पूरे हफ्ते हमने चुदाई की। अब हमको जब भी मौका मिलता है हम खूब चुदाई करते हैं।
उम्मीद करता हूँ कि आपको मेरी कहानी पसंद आई होगी, मुझे आपके कमेंट्स का इन्तजार रहेगा।