bhauja.com की इसी जौन कहानी भरी blog को में सुनीता भाभी आप सभी को फिर से स्वागत करता हुँ. ये कहानी हमारा संकलिता गल्प से एक हे, ये कहानी को ध्यान से पढ़कर इसकी मजा लेते हुई हमें लिख के भेजना।
हाय दोस्तो, मेरा नाम राजवीर है। मैं पंजाब से हूँ, मेरी उम्र 21 साल है और bhauja पर यह मेरी पहली कहानी है।
मेरी यह आपबीती तीन महीने पहले की है।
मेरी एक दोस्त है, जिसका नाम मीना है, साईज़ लगभग 30-28-30 है। वो मेरी स्कूल के समय से दोस्त है। मैं डिज़ाईनर और सॉफ्टवेयर इंजीनियर हूँ।
स्कूल छूटने के बाद अब हमारी बात सिर्फ फोन से होती है, पर ज्यादातर हम मैसेज से बात करते हैं।
वैसे तो मैंने अपने फोन पर सुरक्षा के लिये कोड लगा रखा है, पर मेरे करीबी दोस्तों को मेरा कोड पता है।
एक दिन मेरा फोन मेरे एक दोस्त के पास रह गया था। अगले दिन मैंने अपना फोन उससे वापिस ले लिया।
घर आकर मैंने देखा कि उसने मेरे फोन से कुछ लोगों को संदेश भेजे थे, जिसमें उसने मीना को भी एक संदेश भेजा था, जिसमें जबरदस्त कामुकता का ज़िक्र किया हुआ था।
मैंने मीना से कभी ऐसी बातें नहीं की थीं, मैंने फोन से मीना को मैसेज किया, पर मीना ने कोई जबाब नहीं दिया।
मुझे लगा कि ऐसे मैसेज से वो मुझसे नाराज़ हो गई है, तभी उसका जबाब नहीं आ रहा।
मैंने उसे फोन भी किए लेकिन उसने मेरा एक-बार भी फोन नहीं उठाया।
मैं बहुत उदास हो गया था, तभी मीना का मैसेज आया जिसमें लिखा था- मैं तुमसे बहुत ज़रूरी बात करना चाहती हूँ, जल्दी से तुम मेरे घर आ जाओ।
मैसेज पढ़ने के बाद मैंने सोचा कि मैं उसके घर जाकर उससे बात करता हूँ, पर एक डर भी था कि कहीं उसने अपने घर में इस मैसेज के बारे में कुछ बता तो नहीं दिया।
बड़ी हिम्मत जुटाने पर मैंने मीना के घर जाने का फ़ैसला किया और चला गया।
घर पहुँचते मैंने देखा कि मीना काले रंग का टॉप और नीली जीन्स पहने हुए गेट पर खड़ी थी, शायद वो मेरा ही इन्तज़ार रही थी।
मैं हिचकिचाते हुए अन्दर चला गया।
मैंने मीना से कहा- मुझे उसे कुछ बताना है।
तभी मीना बोल पड़ी- मुझे पता है कि तुम क्या कहना चाहते हो, यही न कि मैं तुम्हें अच्छी लगती हूँ। पर आज तक तुमने मुझसे यह कहा क्यूँ नहीं, मैं भी तुम्हें बहुत पसंद करती हूँ!
ये सब कह कर उसने मुझे गले लगा लिया, मेरी तो जैसे लाटरी लग गई हो।
फिर मैंने उसे चूमना चाहा तो उसने मुझे रोकते कहा- अभी रुको, मुझे दरवाज़ा बन्द करके आने दो।
मैंने उससे आँटी के बारे में पूछा तो उसने बताया- मैंने मम्मी को जबरदस्ती अपनी बुआ के घर भेज दिया है, शाम से पहले वो वापिस नहीं आयेंगी। जबसे तुम्हारा मैसेज मिला है, मैं तुमसे मिलने को तरस गई हूँ।
यह सुनते ही मैंने मीना को उठा लिया और उसके कमरे में ले गया।
मीना को उसके बिस्तर पर लिटाया और खुद उसके ऊपर लेट कर, मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए और लम्बी चुम्मी करने लगा।
चुम्बन करते वक्त उसके हाथ मेरे बालों में थे और मेरे हाथ धीरे-धीरे उसके मम्मों पर अपना जलवा बिखेर रहे थे, मैं उसके मम्मों को दबाए जा रहा था, कभी धीरे से तो कभी ज़ोर से।
फिर उसने मुझे ज़ोर का धक्का दिया और खुद मेरे ऊपर बैठ गई, अपना काला टॉप उतारा, जिसके नीचे काले ही रंग की ब्रा पहनी हुई थी।
उसने मेरे हाथ अपने मम्मों पर रख दिए और मैं उन्हें दबाए जा रहा था। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
उस वक्त मीना के चेहरे पर नशा सा चढ़ा हुआ था।
फिर मैंने पीछे से ब्रा का हुक खोल दिया तो उसके एकदम दूध जैसे सफेद मम्मे मेरी आँखों के सामने उछल कर आ गए।
उसके निप्पल हल्के गुलाबी रंग के थे। मैंने एकदम से उसके संतरों को अपने मुँह में डाला और चूसने लगा, मीना के मुँह से ‘सी-सी’ जैसी आवाज़ें निकल रही थीं।
वाह क्या मज़ा आ रहा था, उस वक्त…!
फिर मैंने उसकी पैंट खोल कर उतार दी, उसने पैंटी भी काले रंग की पहनी हुई थी। मैंने ऊपर से ही हाथ लगाया तो उसकी पैन्टी गीली हो चुकी थी।
मैंने उसकी टाँगें उठा कर उसकी पैन्टी उतार दी।
उसकी सफेद और चिकनी चूत देखकर मेरे लन्ड को जैसे कोई सिग्नल ही मिल गया हो। पर वो बार-बार अपनी टाँगों से चूत को छुपाए जा रही थी, मैंने उसकी टाँगों को पकड़ कर खोल दिया, जिससे उसकी चूत उभर कर मेरे सामने आ गई।
फिर मैंने उसकी चूत में दो उँगलियाँ एक साथ डाल दीं, जिससे उसकी हल्की सी चीख निकलने लगी।
मैंने उँगलियों को अन्दर-बाहर करना शुरू कर दिया। उसकी चूत से लगातार चिपचिपा सा पानी निकले जा रहा था, जिस कारण मेरी उँगलियाँ बड़े आराम से अन्दर-बाहर हो रही थीं।
फिर मैंने उसकी चूत पर अपनी जीभ रख दी और चूत के अन्दर घुसा दी और उसकी चूत चाटने लगा।
वो मेरा सिर पकड़ कर अपनी चूत पर ज़ोर से रगड़ने लगी।
थोड़ी देर चूत चाटने के बाद मैं उठ गया और अपने कपड़े उतार दिए।
वो मेरा 6 इन्च का लण्ड देख कर हैरान हो गई, उसने मेरा लण्ड अपने हाथ में पकड़ा और आगे-पीछे करने लगी।
मैंने उसे लण्ड मुँह में डालने को कहा, वो इन्कार करने लगी, मैंने कहा- जब मैं तुम्हारी चूत चाट रहा था.. तो तुम्हें कैसा लग रहा था?
उसका जबाब था- बहुत मज़ा आ रहा था।
मेरे बार-बार कहने पर उसने मेरा लण्ड अपने मुँह में डाल लिया और चूसने लगी, मुझे भी बहुत मज़ा रहा था।
थोड़ी देर बाद मैंने मीना को बिस्तर पर लिटाया और उसकी टाँगें खोल दीं और अपना लण्ड उसकी चूत पर रखकर एक धक्का लगाया। जिससे मेरा आधा लण्ड उसकी चूत में घुस गया। लण्ड के घुसते ही मीना की चीख निकल पड़ी और आँखों से आँसू बहने लगे।
मैंने उससे कहा- बस शुरूआत में ही थोड़ी देर दर्द होगा.. बाद में बहुत मज़ा आएगा।
फिर मैंने एक और ज़ोर से धक्का मारा जिससे पूरा लण्ड उसकी चूत में घुस गया। थोड़ी देर रुकने के बाद मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाने शुरू किए, जिससे मीना का दर्द कम होता गया और अब उसे भी मज़ा आने लगा, मैंने अपने धक्कों की स्पीड बढ़ानी शुरू कर दी।
करीब 10-12 मिनट के दौरान ही ज़ोरदार धक्कों से वो झड़ गई।
उसके कुछ देर बाद मैं भी झड़ने वाला था, तो मैंने धक्कों की स्पीड और तेज़ कर दी और कुछ ही मिनटों में मैं भी झड़ कर उसके ऊपर ही लेट गया।
फिर हम दोनों एक-दूसरे के होंठ चूमने लगे।
थोड़ी देर बातें करने के बाद मेरा लण्ड फ़िर से चुदाई करने के लिये तैयार हो गया।
मैंने मीना को खड़ा करके उसे दीवार की ओर झुका दिया और उसके दोनों हाथ दीवार पर रख दिए। मैंने उसे बिल्कुल घोड़ी की तरह झुका दिया था और पीछे से उसकी चूत में अपना लण्ड घुसा कर उसकी चुदाई करने लगा।
कुछ देर ऐसी चुदाई करने के बाद मैंने उसकी एक टाँग उठा ली और ज़ोर-ज़ोर से धक्के लगाने लगा। पूरे कमरे में ‘फच-फच’ की आवाज़ें आ रही थीं।
ऐसी ज़ोरदार चुदाई करते हुए पूरे 15 मिनट के बाद मैं फिर झड़ गया।
फिर हम दोनों ने अपने-अपने कपड़े पहन लिए। मैंने मीना को चुम्बन किया और वापिस जाने लगा तो मीना ने मुझसे कहा- राजवीर, आई लव यू.. आज मुझे बहुत मज़ा आया।
मैंने मन में सोचा कि जो काम मैं इतने साल से नहीं कर पाया वो एक मैसेज ने यूँ ही कर दिया।
अब मुझे अपने उस दोस्त पर गुस्सा नहीं आ रहा था जिसने मीना को मैसेज भेजा था।
अगले दिन जा कर मैंने उस दोस्त को ‘थैंक्स’ बोला और उसे छोटी सी पार्टी भी दी।
अब मैं जब भी मीना के घर जाता हूँ तो मुझे वो चुदाई वाला दिन याद आ जाता है, पर जब कभी मीना की मम्मी नहीं होती तो हम चुदाई करते हैं।
हफ्ते में मैं मीना को कम-से-कम एक बार तो ज़रूर चोदता हूँ।
हाय दोस्तो, मेरा नाम राजवीर है। मैं पंजाब से हूँ, मेरी उम्र 21 साल है और bhauja पर यह मेरी पहली कहानी है।
मेरी यह आपबीती तीन महीने पहले की है।
मेरी एक दोस्त है, जिसका नाम मीना है, साईज़ लगभग 30-28-30 है। वो मेरी स्कूल के समय से दोस्त है। मैं डिज़ाईनर और सॉफ्टवेयर इंजीनियर हूँ।
स्कूल छूटने के बाद अब हमारी बात सिर्फ फोन से होती है, पर ज्यादातर हम मैसेज से बात करते हैं।
वैसे तो मैंने अपने फोन पर सुरक्षा के लिये कोड लगा रखा है, पर मेरे करीबी दोस्तों को मेरा कोड पता है।
एक दिन मेरा फोन मेरे एक दोस्त के पास रह गया था। अगले दिन मैंने अपना फोन उससे वापिस ले लिया।
घर आकर मैंने देखा कि उसने मेरे फोन से कुछ लोगों को संदेश भेजे थे, जिसमें उसने मीना को भी एक संदेश भेजा था, जिसमें जबरदस्त कामुकता का ज़िक्र किया हुआ था।
मैंने मीना से कभी ऐसी बातें नहीं की थीं, मैंने फोन से मीना को मैसेज किया, पर मीना ने कोई जबाब नहीं दिया।
मुझे लगा कि ऐसे मैसेज से वो मुझसे नाराज़ हो गई है, तभी उसका जबाब नहीं आ रहा।
मैंने उसे फोन भी किए लेकिन उसने मेरा एक-बार भी फोन नहीं उठाया।
मैं बहुत उदास हो गया था, तभी मीना का मैसेज आया जिसमें लिखा था- मैं तुमसे बहुत ज़रूरी बात करना चाहती हूँ, जल्दी से तुम मेरे घर आ जाओ।
मैसेज पढ़ने के बाद मैंने सोचा कि मैं उसके घर जाकर उससे बात करता हूँ, पर एक डर भी था कि कहीं उसने अपने घर में इस मैसेज के बारे में कुछ बता तो नहीं दिया।
बड़ी हिम्मत जुटाने पर मैंने मीना के घर जाने का फ़ैसला किया और चला गया।
घर पहुँचते मैंने देखा कि मीना काले रंग का टॉप और नीली जीन्स पहने हुए गेट पर खड़ी थी, शायद वो मेरा ही इन्तज़ार रही थी।
मैं हिचकिचाते हुए अन्दर चला गया।
मैंने मीना से कहा- मुझे उसे कुछ बताना है।
तभी मीना बोल पड़ी- मुझे पता है कि तुम क्या कहना चाहते हो, यही न कि मैं तुम्हें अच्छी लगती हूँ। पर आज तक तुमने मुझसे यह कहा क्यूँ नहीं, मैं भी तुम्हें बहुत पसंद करती हूँ!
ये सब कह कर उसने मुझे गले लगा लिया, मेरी तो जैसे लाटरी लग गई हो।
फिर मैंने उसे चूमना चाहा तो उसने मुझे रोकते कहा- अभी रुको, मुझे दरवाज़ा बन्द करके आने दो।
मैंने उससे आँटी के बारे में पूछा तो उसने बताया- मैंने मम्मी को जबरदस्ती अपनी बुआ के घर भेज दिया है, शाम से पहले वो वापिस नहीं आयेंगी। जबसे तुम्हारा मैसेज मिला है, मैं तुमसे मिलने को तरस गई हूँ।
यह सुनते ही मैंने मीना को उठा लिया और उसके कमरे में ले गया।
मीना को उसके बिस्तर पर लिटाया और खुद उसके ऊपर लेट कर, मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दिए और लम्बी चुम्मी करने लगा।
चुम्बन करते वक्त उसके हाथ मेरे बालों में थे और मेरे हाथ धीरे-धीरे उसके मम्मों पर अपना जलवा बिखेर रहे थे, मैं उसके मम्मों को दबाए जा रहा था, कभी धीरे से तो कभी ज़ोर से।
फिर उसने मुझे ज़ोर का धक्का दिया और खुद मेरे ऊपर बैठ गई, अपना काला टॉप उतारा, जिसके नीचे काले ही रंग की ब्रा पहनी हुई थी।
उसने मेरे हाथ अपने मम्मों पर रख दिए और मैं उन्हें दबाए जा रहा था। यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
उस वक्त मीना के चेहरे पर नशा सा चढ़ा हुआ था।
फिर मैंने पीछे से ब्रा का हुक खोल दिया तो उसके एकदम दूध जैसे सफेद मम्मे मेरी आँखों के सामने उछल कर आ गए।
उसके निप्पल हल्के गुलाबी रंग के थे। मैंने एकदम से उसके संतरों को अपने मुँह में डाला और चूसने लगा, मीना के मुँह से ‘सी-सी’ जैसी आवाज़ें निकल रही थीं।
वाह क्या मज़ा आ रहा था, उस वक्त…!
फिर मैंने उसकी पैंट खोल कर उतार दी, उसने पैंटी भी काले रंग की पहनी हुई थी। मैंने ऊपर से ही हाथ लगाया तो उसकी पैन्टी गीली हो चुकी थी।
मैंने उसकी टाँगें उठा कर उसकी पैन्टी उतार दी।
उसकी सफेद और चिकनी चूत देखकर मेरे लन्ड को जैसे कोई सिग्नल ही मिल गया हो। पर वो बार-बार अपनी टाँगों से चूत को छुपाए जा रही थी, मैंने उसकी टाँगों को पकड़ कर खोल दिया, जिससे उसकी चूत उभर कर मेरे सामने आ गई।
फिर मैंने उसकी चूत में दो उँगलियाँ एक साथ डाल दीं, जिससे उसकी हल्की सी चीख निकलने लगी।
मैंने उँगलियों को अन्दर-बाहर करना शुरू कर दिया। उसकी चूत से लगातार चिपचिपा सा पानी निकले जा रहा था, जिस कारण मेरी उँगलियाँ बड़े आराम से अन्दर-बाहर हो रही थीं।
फिर मैंने उसकी चूत पर अपनी जीभ रख दी और चूत के अन्दर घुसा दी और उसकी चूत चाटने लगा।
वो मेरा सिर पकड़ कर अपनी चूत पर ज़ोर से रगड़ने लगी।
थोड़ी देर चूत चाटने के बाद मैं उठ गया और अपने कपड़े उतार दिए।
वो मेरा 6 इन्च का लण्ड देख कर हैरान हो गई, उसने मेरा लण्ड अपने हाथ में पकड़ा और आगे-पीछे करने लगी।
मैंने उसे लण्ड मुँह में डालने को कहा, वो इन्कार करने लगी, मैंने कहा- जब मैं तुम्हारी चूत चाट रहा था.. तो तुम्हें कैसा लग रहा था?
उसका जबाब था- बहुत मज़ा आ रहा था।
मेरे बार-बार कहने पर उसने मेरा लण्ड अपने मुँह में डाल लिया और चूसने लगी, मुझे भी बहुत मज़ा रहा था।
थोड़ी देर बाद मैंने मीना को बिस्तर पर लिटाया और उसकी टाँगें खोल दीं और अपना लण्ड उसकी चूत पर रखकर एक धक्का लगाया। जिससे मेरा आधा लण्ड उसकी चूत में घुस गया। लण्ड के घुसते ही मीना की चीख निकल पड़ी और आँखों से आँसू बहने लगे।
मैंने उससे कहा- बस शुरूआत में ही थोड़ी देर दर्द होगा.. बाद में बहुत मज़ा आएगा।
फिर मैंने एक और ज़ोर से धक्का मारा जिससे पूरा लण्ड उसकी चूत में घुस गया। थोड़ी देर रुकने के बाद मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाने शुरू किए, जिससे मीना का दर्द कम होता गया और अब उसे भी मज़ा आने लगा, मैंने अपने धक्कों की स्पीड बढ़ानी शुरू कर दी।
करीब 10-12 मिनट के दौरान ही ज़ोरदार धक्कों से वो झड़ गई।
उसके कुछ देर बाद मैं भी झड़ने वाला था, तो मैंने धक्कों की स्पीड और तेज़ कर दी और कुछ ही मिनटों में मैं भी झड़ कर उसके ऊपर ही लेट गया।
फिर हम दोनों एक-दूसरे के होंठ चूमने लगे।
थोड़ी देर बातें करने के बाद मेरा लण्ड फ़िर से चुदाई करने के लिये तैयार हो गया।
मैंने मीना को खड़ा करके उसे दीवार की ओर झुका दिया और उसके दोनों हाथ दीवार पर रख दिए। मैंने उसे बिल्कुल घोड़ी की तरह झुका दिया था और पीछे से उसकी चूत में अपना लण्ड घुसा कर उसकी चुदाई करने लगा।
कुछ देर ऐसी चुदाई करने के बाद मैंने उसकी एक टाँग उठा ली और ज़ोर-ज़ोर से धक्के लगाने लगा। पूरे कमरे में ‘फच-फच’ की आवाज़ें आ रही थीं।
ऐसी ज़ोरदार चुदाई करते हुए पूरे 15 मिनट के बाद मैं फिर झड़ गया।
फिर हम दोनों ने अपने-अपने कपड़े पहन लिए। मैंने मीना को चुम्बन किया और वापिस जाने लगा तो मीना ने मुझसे कहा- राजवीर, आई लव यू.. आज मुझे बहुत मज़ा आया।
मैंने मन में सोचा कि जो काम मैं इतने साल से नहीं कर पाया वो एक मैसेज ने यूँ ही कर दिया।
अब मुझे अपने उस दोस्त पर गुस्सा नहीं आ रहा था जिसने मीना को मैसेज भेजा था।
अगले दिन जा कर मैंने उस दोस्त को ‘थैंक्स’ बोला और उसे छोटी सी पार्टी भी दी।
अब मैं जब भी मीना के घर जाता हूँ तो मुझे वो चुदाई वाला दिन याद आ जाता है, पर जब कभी मीना की मम्मी नहीं होती तो हम चुदाई करते हैं।
हफ्ते में मैं मीना को कम-से-कम एक बार तो ज़रूर चोदता हूँ।