मेरी भाभी दीपा, जो एक सुन्दर सेक्सी लेडी हैं, की उमर २७ साल है। उनके बड़े बड़े स्तन और मोटे चूतड़ जो चलते समय इधर उधर झूलते हैं, मुझे हर वक्त बेचैन किये रहते हैं।
मेरा भाई २८ साल का है और ८ महीने पहले उसकी शादी दीपा से हुई है। वो एक बड़ी मल्टी नैशनल कम्पनी में सोफ़्टवेयर इंजीनीयर है। उसे अक्सर कम्पनी के काम से विदेश जाना पड़ता है। मै भी एक बी पी ओ में काम करता हूं और भैया भाभी के साथ रहता हूं।
शुरू के महीनों में भैया भाभी ने अपनी मैरिड लाइफ़ को अच्छा एन्जोय किया। फ़िर भाभी भैया के लम्बे समय के विदेश के टूर से परेशान हो जाया करती। भैया चार महीने के लिये फ़िर गये तो मैं और भाभी दोनो ही घर मैं अकेले थे, भाभी एकदम उदास नज़र आती थी। मैं भाभी से बहुत बातें करता था और उनको खुश करने की कोशिश करता था, लेकिन ये बहत मुश्किल था। थोड़े दिन ऐसे ही बीत गये। भाभी में मैने थोड़ा चेंज नोटिस किया, मैं और भाभी अब अच्छे दोस्त बन गये थे। दोनो बाहर शोपिंग करने जाते थे, घूमते थे मज़े करते थे। जो लोग हमे नहीं जानते थे उन्हें हम दोनो पति और पत्नी लगते थे मेरे मन में भाभी के बारे में बहुत सेक्सी ख्याल थे लेकिन वो अपने बड़े भैया की वाइफ़ है ये सोच के मैं अपने आप को कंट्रोल करता था। लेकिन रात को घर में हम दोनो अकेले होते तो मेरा लंड भाभी को चोदने के इरादे से खड़ा हो जाता था और मैं अपने लंड को अपने हाथों से हिला के अपनी आग बुझाता था।
भाभी और मैं बहुत सी बातें करते थे, वो हमेशा ये जानने की कोशिश करती थी कि मेरी लडकी दोस्त है या नहीं? मैं उसे कहता था कि मेरी कोइ गर्ल फ्रेंड नहीं तो वो मानने से इंकार करती थी, वो बोलती थी कि तेरी कोइ गर्ल फ्रेंड नहीं ऐसा हो ही नहीं सकता, और कहती थी लड़कियों को तेरे जैसे सुडोल सुगठित लड़के चाहिये होते हैं। आज कल भाभी ऐसे ही बातें करती थी। मैं जान गया भाभी के मन में मेरे बारे में कुछ चल रहा है। उसका मेरे साथ व्यवहार भी थोड़ा बदल गया था। बातें करते समय वो मुझे छूने की कोशिश करती थी। मेरे करीब आया करती थी। मैं बड़े मुश्किल से अपने आप को कंट्रोल करता था। भाभी अब सेक्स की कमी महसूस कर रही थी। उसकी हरकतों से ऐसे लगता था कि शी नीड्स सेक्स वेरी बेडली।
नोर्मली वो घर में साड़ी में रहती थी, साड़ी में उसकी राउंड एस देख के मेरा तो लंड हमेशा टाइट हो जाता था। उसकी नाभि, ब्लाउज़ में से दिखने वाली उसकी सेक्सी क्लीवेज में इन सबके लिये पागल हुये जा रहा था। झाड़ू कटका लगाते समय हमेशा मेरे सामने वो अपने साड़ी का पल्लु इंटेन्शनली गिराया करती थी ताकि मैं उसके बड़े बूब्स देख सकुं। शायद वो मुझे पाने के लिये पागल हुए जा रही थी। लेकिन मुझमे इतनी हिम्मत नहीं थी कि मैं जाके भाभी को चोदना शुरु करुं। मुझे बहुत डर था।
एक दिन रात को बेडरूम मैं अपने सेक्सी भाभी के बारे में सोच कर अपना लंड हिला रहा था, मेरे रूम का डोर तो बंद था लेकिन मैने लोक नहीं किया था। तभी भाभी कुछ काम से या जानबूझ कर मेरे रूम में बिना नोक किये चली आई, और मैं अपना लंड बड़े मज़े से हिला रहा था। भाभी को देख के मैं इतना शर्मा गया, कुछ कह नहीं सका। भाभी ने भी कुछ नहीं कहा लेकिन मेरे बड़े लंड को २-३ मिनट तक देखते रही और वहा से चली गयी। अगले दिन सुबह मैं जब ओफ़िस जाने की तैयारी कर रहा था तब भाभी ने मुझे स्नैक्स और चाय दी। मैं तो रात की घटना से इतना शरमा गया था कि मैं भाभी से आंखें नहीं मिला पा रहा था। एक नज़र मैने भाभी के तरफ़ देखा तो भाभी ने मुझे शरारती इस्माइल दी, लेकिन कुछ नहीं कहा। और मैं झट से वहां से ओफ़िस के लिये निकल पड़ा।
मैं शाम को ७ बजे ओफ़िस से घर आया, भाभी ने डोर खोला उसने पिंक कलर की शीफ़ोन साड़ी और सेक्सी स्लीवलेस ब्लाउज़ पहना हुआ था। वो सेक्सी दिख रही थी . उसके ट्रांसपरेंट साड़ी मैं से उसकी सेक्सी बोडी साफ़ दिख रही थी। उसने मेरे हाथों से मेरा ओफ़िस बेग लिया और मुझे अंदर लेके डोर बंद कर दिया। और उसने मुझसे पूछा “प्यारे देवरजी, आप कल रात को क्या कर रहे थे??”
मैने कहा “ भाभी मैं कल रात को आपके बारे में सोच के अपना लंड हिला रहा था।” मैं उसी के बारे में सोच के अपना लंड हिला रहा था ये सुन के वो एकदम पागल हो गयी और मेरे पास आयी, उसने मुझे धक्का दिया और सोफ़े पे गिरा दिया। अब वो जम्प करके मेरी छाती पर बैठ गयी और बोलने लगी, “दीपेश, तुम कितने भोले हो, अपनी भाभी को चोदना चाहते हो लेकिन कभी ज़बरदस्ती नहीं की, मैं भी तुम्हारे लिये पागल हूं, मैने सोचा था कभी ना कभी आके तुम मुझे ज़रूर चोदोगे। लेकिन तुमने ऐसा नहीं किया। मैं तुम्हारा प्यार पाने के लिये तड़प रही हूं। तूने भाभी को बहुत तरसाया है। मुझे तुम्हारे प्यार की बहुत ज़रुरत है।” ऐसे बोल के उसने मेरे होंठों पे अपने होंठ कसके दबा दिये। १५ मिनट तक वो मेरे और मैं उसके होंठ चूसता रहा। अब मेरा भी लंड बहुत टाइट हो रहा था। होंठों के बाद वो मुझे सब जगह पे चूमने लगी। गाल छाती और सब जगह. मैं भी उसके गालों को चूसने लगा। चूस चूस के उसके गोरे गाल मैने लाल कर दिये।
अब तो वो बहुत गरम हो गयी थी उसने मेरे कपड़े निकाल दिये, और मैने उसके। अब मैं सिर्फ़ मेरे अंडरवेअर में था। और मेरे लंड का शेप साफ़ नज़र आ रहा था। वो शेप देख के वो और पागल हो गयी। और बोली “दीपेश, जब से तुम्हे अपना ये बड़ा लंड हिलाते देखा है मैं तो इसके लिये पागल सी हो गयी हूं, अब मुझे और ना तड़पाओ” ऐसे बोल के उसने मेरी अंडरवेअर निकाल दी। अब वो मेरा पूरा नंगा लंड देख के जो की अब ८” से बड़ा हो गया था अपने आप को कंट्रोल नहीं कर पा रही थी। उसने उसे अपने हाथों से हिलाना शुरु किया। और बोली “तुम्हारा तो तुम्हारे भैया से काफ़ी बड़ा है, इसलिये मैं तुम्हें कहती थी कि तुम्हारी कोई गर्ल फ्रेंड नहीं है क्या?? मेरे भोले देवर जी लड़कियों को ऐसे बड़े लंड वाले लड़के बहुत पसंद होते है” और वो मेरे लंड के साथ खेल रही थी। अब उसने मेरा लंड अपने मुंह में ले लिया। मेरा लंड पहली बार किसी होल में जा रहा था। मेरे लंड को गुदगुदी सी हो रही थी। मै जैसे स्वर्ग में था।
उसने मेरा लंड पूरा अपने मुंह में ले लिया। क्योंकि यह मेरा पहली बार था, मैं ज्यादा देर नहीं टिक पाया, ५ मिनट के बाद मैने उसे कहा कि मैं छूटने जा रहा हूं, उसने कहा कि मुंह के अंदर ही छोड़ देना, और मैने बड़े फ़ोर्स के साथ अपना वीर्य उसके मुंह में निकाल दिया और उसने वो पूरा निगल भी लिया। अब छूटने की वजह से मेरा लंड फ़िर अपने नोर्मल शेप में आ गया। तब भाभी और मैं बाथरूम में सफ़ाई के लिये चले गये। वहां वो तो और सेक्सी बातें करने लगी। लगता है अब तक उसकी गरमी ठंडी नहीं हुई थी। उसने कहा “तुम्हारे भैया का लंड तुमसे बहुत छोटा है, और वो मुझे इतना प्यार भी नहीं करते, भैया नहीं थे तो मैं सेक्स के लिये बहुत पागल हुये जा रही थी, मुझे तुम अपनी बीवी समझना और जब जी चाहे तब चोदना। ये भाभी आज से तेरी है” और उसने मुझे फिर किस करना शुरु किया। हुम एक दूसरे को फिर चूसते रहे, चूमते रहे। मैने उसे कहा “भाभी देवर को दूधू पिलाओ” उसने कहा “पूछो मत ये दूध और दूधवाली सब आप ही के लिये है, जितना दूध पीना है पी लो” और मैने बिना रुके उसके ३६ डी साइज़ के सेक्सी बूब्स दबाने लगा। उसे ज़ोरो से चूसने लगा, वो चीखने लगी, चूसो और ज़ोरों से, पी जाओ सारा, दीपेश आआआआअ आईईइ ईइ अ दूध ऊऊऊह ह्हह्हा आऐइ ईई ईई……ऊऊ ऊऊओ ऊऊओ ऊओ ऊ…आ आआअ आ आअ।
मैने अपनी चुसाई शुरु रखी, और वो मेरे लंड से खेले जा रही थी। २० मिनट मैने उसके बूब्स चूस चूस के लाल कर दिये, अब मेरा लंड फ़िर टाइट हो रहा था। अब तो मेरे लंड को उसके चूत के होल में जाना था। मेरा टाइट लंड मैने उसके चूत पर प्रेस किया। मेरा लंड मोटा होने के कारण अंदर जाने में थोड़ी प्रोब्लम हुआ। लेकिन २-३ हार्ड पुश के बाद अंदर गया। तब वो चिल्लाई आआअ आआअ आऐइ ईईईइ ऐईईइऊ ऊऊऊईइ ईईईई माआ आआआ निकालो बहुत दर्द हो रहा है, लेकिन वो उसे अलग नहीं होने दे रही थी। उसे भी बहुत मज़े आ रहे थे। मेरा लंड भी बहुत मज़ा कर रहा था। माउथ फ़किंग से चूत चुदवाना अच्छा लग रहा था। मैने उसे लगभग २० मिनट तक चोदा और उसके चूत में पानी निकाल दिया, उसी टाइम पे उसके भी चूत से पानी निकला।
फिर हम दोनो बाथरूम में एक साथ शोवर में नहाये, वहां भी मैने थोड़ी मस्ती की। ओफ़िस से घर आने के बाद ७.०० से लेके ९.३० तक चुदाई का ही प्रोग्राम चलता रहा। उस रात को हम दोनो एक ही बेड पे सोये थे एक दूसरे के बाहों में हब्बी & वाइफ़ की तरह। मेरी सेक्सी भाभी के बदन की आग ठंडी हो ही नहीं रही थी। सुबह ५.३० को वो फ़िर से मेरे लंड के साथ खेलने लगी मैं तब नींद में था। लेकिन उसके मस्ती से मैं उठ गया और मेरा लंड भी उठ गया। और फिर १ बार मस्त चुदाई हुई।
उस पूरे दिन में हम दोनो ने ४-५ बार सेक्स किया, मैं तो पूरा थक गया था और वो भी। दूसरे दिन मैं ओफ़िस जा ना सका।
इस लिये मैने इस स्टोरी को “भाभी फ़क्ड मी” ये नाम दिया है। वो रात मैं अपनी ज़िंदगी में कभी नहीं भुला सकता। उसके बाद मैने भाभी को बहुत बार अलग अलग तरीके से चोदा है। लेकिन अच्छी बाते कभी ज्यादा देर नहीं टिकती वैसे ही हुआ, लास्ट मंथ में भैया का ट्रांसफ़र हो गया गुड़गांव में, और उन्हें शिफ़्ट होना पड़ा। भाभी भी अब उन्हीं के साथ रहती है। अब मुम्बई में बिल्कुल अकेला हूं।
अब मेरे लंड को चोदने की अच्छी आदत लगी है, और जैसा भाभी ने कहा था कि लड़कियों को बड़े लंड वाले लड़के पसंद है वैसे ही हुआ, मेरे ओफ़िस में एक लड़की है, उसने मुझसे फ़्रेंडशिप की, मैने उसे परपोज़ भी किया। उसे भी मैं ३-४ बार चोद चुका हूं। ये स्टोरी मैं आपको अगली बार ज़रूर बताउंगा।