हाय दोस्तो.. मेरा नाम हेत पटेल है.. मैं 20 साल का लड़का बड़ोदा, गुजरात का रहने वाला हूँ। मेरे दोस्त मुझे चॉकलेटी ब्वॉय बोलते हैं क्योंकि मैं दिखता ही ऐसा स्वीट हूँ।
आज मैं अपने जीवन की एक सच्ची कहानी आप को बताने जा रहा हूँ.. जो आप के मन को खुशी से भर देगी।
यह तब की बात है जब मैं ग्रेजुएशन के फर्स्ट ईयर में पढ़ रहा था..
मेरे क्लास में एक मस्त लड़की थी.. जिसका नाम रीतू था.. वो दिखने में काफ़ी मस्त लगती थी। बीस साल की पटाखा टाइप की माल.. जिसकी फिगर 32-28-34 की थी.. उसके बाल मस्त नागिन से लहराते हुए उसके चूतड़ों तक झूलते थे.. और जब उसकी जुल्फें उसके गालों को छूतीं और वो अपनी दो उंगलियों से उसे अपने कान के पीछे सरकाती.. हाय क्या मस्त सीन लगता.. दिल वहीं का वहीं रुक जाता..
सब लौंडे उसको पटाने की सोचते थे.. मुझे भी वो अच्छी लगती थी.. पर मुझे पहले अपनी पढ़ाई का ध्यान रखना था.. इसलिए मैं उसमें इतना इंटेरेस्ट नहीं ले रहा था.. पर ऊपर वाले को कुछ और ही मंजूर था।
हमारी क्लास में सेमिनार के लिए ग्रुप डिवाइड हुए.. तो वो मेरे साथ आई.. हम दो लोग ही ग्रुप में थे.. सो हमें मिलकर सब कुछ तैयार करना था।
हम लोग इन दिनों काफ़ी करीब आ गए थे.. सेमिनार की तैयारी के सिलसिले में हमारे फोन नम्बर भी एक्सचेंज हुए। हम लोग घन्टों बातें और चैट करने लगे।
बाद में एक दिन सब दोस्तों ने एक साथ बंक मारने का सोचा और कोई भी कॉलेज नहीं गया। मैं अपने कमरे पर बैठा-बैठा बोर हो रहा था.. तभी उसका मैसेज आया- क्या कर रहे हो?
मैंने कहा- कुछ नहीं.. बोर हो रहा था और तुम्हें याद कर रहा था..
तो उसने कहा- झूठ मत बोलो.. याद कर रहे थे तो मैसेज क्यों नहीं किया?
मैंने कहा- मुझे लगा तुम बिज़ी होगी.. इसलिए तुम्हें डिस्टर्ब नहीं करना चाहता था।
वो बहुत खुश हो गई और उसने कहा- इतनी फिकर करते हो मेरी?
मैंने कहा- ह्म्म्म्म मम..
तो उसने पूछा- अगर तुम फ्री हो तो हम मिल सकते हैं?
मैंने भी ‘हाँ’ कर दी।
हम लोग एक गार्डन में गए.. वहाँ एक ऐसी जगह पर गए.. जहाँ कोई नहीं था। तो हम दोनों वहाँ बैठ गए और बातें करने लगे।
तभी उसने मुझे अचानक से पूछ लिया- क्या तुम मुझसे प्यार करते हो?
मैं उसकी ओर देखता ही रह गया.. उसकी आँखों में इतनी सच्चाई लग रही थी कि मैं उससे झूठ नहीं बोल पाया और अपने दिल की बात बोल दी।
तो उसने कहा- इतनी देर क्यों लगाई बुद्धू.. मैं भी तुमसे बहुत पहले से ही प्यार करती हूँ।
मेरी आँखें उसके प्यार में नम हो गईं.. मैं मन ही मन ईश्वर को धन्यवाद दे रहा था और आँखों ही आँखों में देखते ही देखते पता ही नहीं चला कि कब हमारे होंठ आपस में मिल गए।
हम दोनों इस कदर खो गए थे कि जब उसके फोन की रिंग बजी.. तब हम दोनों एकदम से संभले.. इसके पहले तक तो हमें कुछ पता ही नहीं चला।
ये उसकी रूममेट का फोन था.. वो हम से 4 साल बड़ी थी.. उसकी शादी हो चुकी थी.. उसका पति बाहर जॉब करता था और वो यहाँ अपनी पढ़ाई पूरी कर रही थी।
उसने रीतू से कहा- मेरा पति मुझसे मिलने आ रहा है.. तो मैं बाहर जा रही हूँ.. कल ही लौट कर आऊँगी।
रीतू ने मुझे बताया कि उसका पति महीने में 2 बार ही उससे मिलने आता था…
बाद में हम लोग गार्डन से निकल कर एक रेस्टोरेंट में खाना खाने चले गए।
आज उससे मिलने में बहुत मजा आ रहा था और इसी चक्कर में उसे कमरे पर लौटने में बहुत देर हो गई थी.. और बारिश भी होने लगी थी।
तो रीतू ने मुझसे कहा- क्या तुम मुझे घर छोड़ दोगे?
मैंने भी ‘हाँ’ कर दी और उसे छोड़ने चला गया।
हम दोनों भीग चुके थे.. रीतू ने मुझे अन्दर आने को कहा.. वहाँ कोई नहीं था।
मैं अन्दर आ गया और रीतू अपने कपड़े चेंज करने बाथरूम में चली गई।
वो बाथरूम से शॉर्ट्स और स्लीवलेस टॉप पहन कर आई थी.. क्या मस्त लग रही थी.. बिल्कुल परी जैसे.. इन कपड़ों में उसका फिगर बहुत ही मस्त लग रहा था।
वो तौलिया लेकर आई और मेरा सर पौंछने लगी, उसने कहा- कहीं तुम्हें सर्दी ना लग जाए..
अभी वो कुछ और बोलती कि तभी बिजली कड़की और वो एकदम से मुझसे लिपट गई। मैंने भी उसे अपनी बाँहों में भर लिया कि उसे डर ना लगे।
उसके बाद उसने मेरे गाल पर चुम्बन किया और कहा- तुम बहुत प्यारे हो.. हमेशा मेरा ध्यान रखते हो।
मैंने भी कहा- तुमसे प्यार जो करता हूँ..
वो मेरी आँखों में देखने लगी और फिर से हमारे होंठ मिल गए…
फिर हम दोनों का सब्र टूटने लगा.. मेरा हाथ उसकी चूचियों पर चला गया और उसे सहलाने लगा।
उसके मम्मे तन कर मस्त टाइट हो गए थे। उसके मम्मों का शेप एकदम मस्त था..
मैं ऐसे ही उसे दबाने लगा..
पन्द्रह मिनट तक ये सब करने के बाद उसने कहा- यहाँ नहीं.. बेडरूम में चलो..
मैंने कहा- चलो जान..
वो मुझे बेडरूम में ले गई.. वो आगे चल रही थी और मैं उसके पीछे.. उसके मटकते चूतड़ों की थिरकन देखते ही बनती थी।
मुझसे रहा नहीं गया.. बेडरूम में जाकर मैंने उसे पीछे से पकड़ कर अपने आप से जकड़ लिया और उसके मम्मों को दबाने लगा.. और उसकी गर्दन और कंधे पर चुम्बन करने लगा।
फिर धीरे से उसके कान पर मैंने एक लरजता हुआ चुम्बन किया.. तो वो तिलमिला उठी और घूम कर मेरे सीने से लिपट गई।
मैं उसकी पीठ और चूतड़ों को सहलाता रहा और वो मुझे कस कर पकड़े खड़ी रही।
फिर मैंने उसका चेहरा.. जो उसने मेरे सीने में छुपा लिया था.. वो ऊपर किया और हम अधरों को मिला कर चुम्बन करने लगे।
मैंने चुम्बन के साथ ही उसके मम्मों को सहलाते-सहलाते उसकी कुर्ती उतार दी और ब्रा के ऊपर से उसके मम्मों को दबाने लगा।
वो ‘आआआआह..’ करने लगी।
फिर मैंने अपना एक हाथ उसके शॉर्ट्स के ऊपर से उसकी चूत पर रखा.. तो वो महसूस हुआ कि वो पहले से ही गीली हो गई थी।
मैंने चूत को थोड़ा सहलाया.. फिर शॉर्ट्स को उतार दिया और वो मेरे सामने केवल ब्रा और पैंटी में खड़ी थी।
मैंने उसके जिस्म को सर से लेकर पांव तक के हर एक भाग को चूमा.. वो मेरे हर एक चुम्बन पर सिसकती जाती थी।
फिर वो बोली- मुझे और मत तड़पाओ डियर.. अब मुझसे सब्र नहीं होता..!
उसने मेरे सारे कपड़े फ़टाफ़ट निकाल दिए और मेरे लंड को पकड़ कर सहलाने लगी।
अब मैंने अपने लंड को उसके मुँह में दे दिया।
पहले तो उसने कुछ मना सा किया.. पर काफ़ी मनाने के बाद वो मान गई और मेरे लंड को चूसना शुरू कर दिया।
मेरा लौड़ा उसके मुँह में जाते ही.. मैं तो मानो सातवें आसमान में सैर कर रहा था। मैं उस मस्त अहसास का बयान नहीं कर सकता कि मैं कैसा महसूस कर रहा था।
उसके चूसने से मेरा लंड काफ़ी सख्त हो गया.. मुझे भी बड़ा मज़ा आ रहा था।
फिर मैंने उसे उठाया.. हम बिस्तर पर गए.. मैंने उसकी ब्रा और पैंटी भी उतार दी और उसको लिटा कर उसे फ़िर चूमना शुरू किया, उसके मम्मों को चूसा.. हाय.. क्या कयामत थे.. उन्हें दबाया और निप्पलों को अपने होंठों के बीच दबा कर खूब चूसा, वो एकदम लाल हो गए।
फिर थोड़ा नीचे होकर मैंने उसकी नाभि में जीभ घुमाई.. तो वो सिहर उठी और मेरे बालों को पकड़ कर मुझे हटाने लगी, फिर मैं थोड़ा और नीचे हुआ और उसके दोनों पैरों को खोल कर उसकी चूत पर मैंने अपने होंठ रखे और चूम लिया।
वो बोली- कितना तड़पा रहे हो हेत..
मैंने उसकी क्लीन शेव चूत को बड़े मज़े लेकर चाटा। अब वो चुदने को तैयार थी, मैंने उसकी टांगों को फ़ैला कर उसकी चूत में धीरे-धीरे लंड को घुसाना शुरू किया, उसे काफ़ी तकलीफ़ महसूस हो रही थी।
मैंने आँख बंद करके लण्ड को चूत में पूरा घुसेड़ दिया.. उसकी झिल्ली फटते वक्त उसकी चीख निकल गई।
मैं रुक गया.. पहली बार किसी मर्द का लंड उसकी चूत में जो गया था।
मैंने उसकी तकलीफ़ को समझते हुए धीरे-धीरे लंड को अन्दर डाला..
कुछ देर के बाद उसे भी मज़ा आने लगा और थोड़ा ‘ऊऊऊ.. आआआ.. ईईई..’ की आवाज़ के साथ वो पूरा मज़ा ले रही थी।
मैं भी उसे पूरी मस्ती से चोदना ही चाहता था।
अब मैंने उसे ऊपर ले लिया.. मेरा लंड अपनी चूत में लिए आगे-पीछे हो रही थी और ‘आह्ह्ह.. कम ऑन.. आ..आह..’ कर रही थी।
उसके चूचे बहुत उछल रहे थे.. उन्हें देख कर मेरी उत्तेजना और बढ़ गई.. वो मेरे सीने को सहलाते हुए झटके लगा रही थी और साथ-साथ में चुम्बन भी कर रही थी।
मैं उसके गोरे-गोरे कबूतरों को बेरहमी से दबा रहा था। मेरी समझ में नहीं आ रहा था कि वो मुझे चोद रही है या मैं उसे चोद रहा हूँ।
वो ऐसे ही चुदते हुए दो बार झड़ गई और बोली- बस.. मुझसे अब और नहीं होगा..
तो मैंने कहा- हनी.. अभी तो तुम्हारा ही हुआ है.. मेरा नहीं..
मैं उसे नीचे करके उसके ऊपर चढ़ गया और उसकी लाल-गुलाबी चूत में लंड डालकर उसे चोदने लगा।
थोड़ी देर में उसे चोदते-चोदते मैं उसकी चूत में ही झड़ गया।
उसकी चूत हम दोनों के माल से चिकनी हो गई।
फिर हम एक-दूसरे को चिपका कर रिलेक्स होकर बिस्तर पर लेट गए।
अभी मन नहीं भरा था.. बीस मिनट के बाद मैंने फिर अपना लण्ड उसके मुँह में डाला और खूब चुसवाया।
अब हमने 69 की स्थिति बना ली और जब वो लण्ड चूस रही थी.. मैंने उसकी चूत को अपनी जीभ से चोदना शुरू कर दिया।
खास कर दूसरी बार तो इतना मज़ा आया कि मैं बता नहीं सकता क्योंकि अबकी बार लण्ड बहुत देर तक चूत को चोदता रहा था।
लण्ड को झड़ने में काफ़ी समय लगा और मुझे और उसे भरपूर मज़ा देता रहा।
अब हम दोनों थकान के कारण को नींद आ रही थी.. हम उसी हालत में सो गए।
सुबह जल्दी उठ कर मैं अपने कमरे पर चला गया।
बाद में यह सिलसिला यूं ही चलता रहा।
मैं उसको बहुत अधिक चाहने लगा था…पर उसके मॉम-डैड ने उसकी शादी कहीं और करवा दी। वो भी कुछ कहे बिना ही चली गई..
बाद में उसने खत लिख कर इतना ही कहा- तुम प्लीज़ मुझे भूल जाना और अपनी लाइफ कहीं और सैट कर लेना.. तुम हो ही इतने चॉकलेटी कि तुम्हें तो कोई भी मिल जाएगी.. हो सके तो मुझे माफ़ कर देना।
बाद में मैंने अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना शुरू कर दिया..
एक दिन उसकी रूममेट वाली लड़की का फोन आया.. उन्होंने मुझे शाम को घर बुलाया और हमने बहुत बातें की।
उन्होंने मुझे समझाया कि अपना ध्यान कहीं और लगा लूँ और जिन्दगी को एंजाय करूँ।
इसके बाद वो मुझसे रोज बातें करने लगी और एक दिन..
Editor: Sunita Prusty
Publisher: Bhauja.com
आज मैं अपने जीवन की एक सच्ची कहानी आप को बताने जा रहा हूँ.. जो आप के मन को खुशी से भर देगी।
यह तब की बात है जब मैं ग्रेजुएशन के फर्स्ट ईयर में पढ़ रहा था..
मेरे क्लास में एक मस्त लड़की थी.. जिसका नाम रीतू था.. वो दिखने में काफ़ी मस्त लगती थी। बीस साल की पटाखा टाइप की माल.. जिसकी फिगर 32-28-34 की थी.. उसके बाल मस्त नागिन से लहराते हुए उसके चूतड़ों तक झूलते थे.. और जब उसकी जुल्फें उसके गालों को छूतीं और वो अपनी दो उंगलियों से उसे अपने कान के पीछे सरकाती.. हाय क्या मस्त सीन लगता.. दिल वहीं का वहीं रुक जाता..
सब लौंडे उसको पटाने की सोचते थे.. मुझे भी वो अच्छी लगती थी.. पर मुझे पहले अपनी पढ़ाई का ध्यान रखना था.. इसलिए मैं उसमें इतना इंटेरेस्ट नहीं ले रहा था.. पर ऊपर वाले को कुछ और ही मंजूर था।
हमारी क्लास में सेमिनार के लिए ग्रुप डिवाइड हुए.. तो वो मेरे साथ आई.. हम दो लोग ही ग्रुप में थे.. सो हमें मिलकर सब कुछ तैयार करना था।
हम लोग इन दिनों काफ़ी करीब आ गए थे.. सेमिनार की तैयारी के सिलसिले में हमारे फोन नम्बर भी एक्सचेंज हुए। हम लोग घन्टों बातें और चैट करने लगे।
बाद में एक दिन सब दोस्तों ने एक साथ बंक मारने का सोचा और कोई भी कॉलेज नहीं गया। मैं अपने कमरे पर बैठा-बैठा बोर हो रहा था.. तभी उसका मैसेज आया- क्या कर रहे हो?
मैंने कहा- कुछ नहीं.. बोर हो रहा था और तुम्हें याद कर रहा था..
तो उसने कहा- झूठ मत बोलो.. याद कर रहे थे तो मैसेज क्यों नहीं किया?
मैंने कहा- मुझे लगा तुम बिज़ी होगी.. इसलिए तुम्हें डिस्टर्ब नहीं करना चाहता था।
वो बहुत खुश हो गई और उसने कहा- इतनी फिकर करते हो मेरी?
मैंने कहा- ह्म्म्म्म मम..
तो उसने पूछा- अगर तुम फ्री हो तो हम मिल सकते हैं?
मैंने भी ‘हाँ’ कर दी।
हम लोग एक गार्डन में गए.. वहाँ एक ऐसी जगह पर गए.. जहाँ कोई नहीं था। तो हम दोनों वहाँ बैठ गए और बातें करने लगे।
तभी उसने मुझे अचानक से पूछ लिया- क्या तुम मुझसे प्यार करते हो?
मैं उसकी ओर देखता ही रह गया.. उसकी आँखों में इतनी सच्चाई लग रही थी कि मैं उससे झूठ नहीं बोल पाया और अपने दिल की बात बोल दी।
तो उसने कहा- इतनी देर क्यों लगाई बुद्धू.. मैं भी तुमसे बहुत पहले से ही प्यार करती हूँ।
मेरी आँखें उसके प्यार में नम हो गईं.. मैं मन ही मन ईश्वर को धन्यवाद दे रहा था और आँखों ही आँखों में देखते ही देखते पता ही नहीं चला कि कब हमारे होंठ आपस में मिल गए।
हम दोनों इस कदर खो गए थे कि जब उसके फोन की रिंग बजी.. तब हम दोनों एकदम से संभले.. इसके पहले तक तो हमें कुछ पता ही नहीं चला।
ये उसकी रूममेट का फोन था.. वो हम से 4 साल बड़ी थी.. उसकी शादी हो चुकी थी.. उसका पति बाहर जॉब करता था और वो यहाँ अपनी पढ़ाई पूरी कर रही थी।
उसने रीतू से कहा- मेरा पति मुझसे मिलने आ रहा है.. तो मैं बाहर जा रही हूँ.. कल ही लौट कर आऊँगी।
रीतू ने मुझे बताया कि उसका पति महीने में 2 बार ही उससे मिलने आता था…
बाद में हम लोग गार्डन से निकल कर एक रेस्टोरेंट में खाना खाने चले गए।
आज उससे मिलने में बहुत मजा आ रहा था और इसी चक्कर में उसे कमरे पर लौटने में बहुत देर हो गई थी.. और बारिश भी होने लगी थी।
तो रीतू ने मुझसे कहा- क्या तुम मुझे घर छोड़ दोगे?
मैंने भी ‘हाँ’ कर दी और उसे छोड़ने चला गया।
हम दोनों भीग चुके थे.. रीतू ने मुझे अन्दर आने को कहा.. वहाँ कोई नहीं था।
मैं अन्दर आ गया और रीतू अपने कपड़े चेंज करने बाथरूम में चली गई।
वो बाथरूम से शॉर्ट्स और स्लीवलेस टॉप पहन कर आई थी.. क्या मस्त लग रही थी.. बिल्कुल परी जैसे.. इन कपड़ों में उसका फिगर बहुत ही मस्त लग रहा था।
वो तौलिया लेकर आई और मेरा सर पौंछने लगी, उसने कहा- कहीं तुम्हें सर्दी ना लग जाए..
अभी वो कुछ और बोलती कि तभी बिजली कड़की और वो एकदम से मुझसे लिपट गई। मैंने भी उसे अपनी बाँहों में भर लिया कि उसे डर ना लगे।
उसके बाद उसने मेरे गाल पर चुम्बन किया और कहा- तुम बहुत प्यारे हो.. हमेशा मेरा ध्यान रखते हो।
मैंने भी कहा- तुमसे प्यार जो करता हूँ..
वो मेरी आँखों में देखने लगी और फिर से हमारे होंठ मिल गए…
फिर हम दोनों का सब्र टूटने लगा.. मेरा हाथ उसकी चूचियों पर चला गया और उसे सहलाने लगा।
उसके मम्मे तन कर मस्त टाइट हो गए थे। उसके मम्मों का शेप एकदम मस्त था..
मैं ऐसे ही उसे दबाने लगा..
पन्द्रह मिनट तक ये सब करने के बाद उसने कहा- यहाँ नहीं.. बेडरूम में चलो..
मैंने कहा- चलो जान..
वो मुझे बेडरूम में ले गई.. वो आगे चल रही थी और मैं उसके पीछे.. उसके मटकते चूतड़ों की थिरकन देखते ही बनती थी।
मुझसे रहा नहीं गया.. बेडरूम में जाकर मैंने उसे पीछे से पकड़ कर अपने आप से जकड़ लिया और उसके मम्मों को दबाने लगा.. और उसकी गर्दन और कंधे पर चुम्बन करने लगा।
फिर धीरे से उसके कान पर मैंने एक लरजता हुआ चुम्बन किया.. तो वो तिलमिला उठी और घूम कर मेरे सीने से लिपट गई।
मैं उसकी पीठ और चूतड़ों को सहलाता रहा और वो मुझे कस कर पकड़े खड़ी रही।
फिर मैंने उसका चेहरा.. जो उसने मेरे सीने में छुपा लिया था.. वो ऊपर किया और हम अधरों को मिला कर चुम्बन करने लगे।
मैंने चुम्बन के साथ ही उसके मम्मों को सहलाते-सहलाते उसकी कुर्ती उतार दी और ब्रा के ऊपर से उसके मम्मों को दबाने लगा।
वो ‘आआआआह..’ करने लगी।
फिर मैंने अपना एक हाथ उसके शॉर्ट्स के ऊपर से उसकी चूत पर रखा.. तो वो महसूस हुआ कि वो पहले से ही गीली हो गई थी।
मैंने चूत को थोड़ा सहलाया.. फिर शॉर्ट्स को उतार दिया और वो मेरे सामने केवल ब्रा और पैंटी में खड़ी थी।
मैंने उसके जिस्म को सर से लेकर पांव तक के हर एक भाग को चूमा.. वो मेरे हर एक चुम्बन पर सिसकती जाती थी।
फिर वो बोली- मुझे और मत तड़पाओ डियर.. अब मुझसे सब्र नहीं होता..!
उसने मेरे सारे कपड़े फ़टाफ़ट निकाल दिए और मेरे लंड को पकड़ कर सहलाने लगी।
अब मैंने अपने लंड को उसके मुँह में दे दिया।
पहले तो उसने कुछ मना सा किया.. पर काफ़ी मनाने के बाद वो मान गई और मेरे लंड को चूसना शुरू कर दिया।
मेरा लौड़ा उसके मुँह में जाते ही.. मैं तो मानो सातवें आसमान में सैर कर रहा था। मैं उस मस्त अहसास का बयान नहीं कर सकता कि मैं कैसा महसूस कर रहा था।
उसके चूसने से मेरा लंड काफ़ी सख्त हो गया.. मुझे भी बड़ा मज़ा आ रहा था।
फिर मैंने उसे उठाया.. हम बिस्तर पर गए.. मैंने उसकी ब्रा और पैंटी भी उतार दी और उसको लिटा कर उसे फ़िर चूमना शुरू किया, उसके मम्मों को चूसा.. हाय.. क्या कयामत थे.. उन्हें दबाया और निप्पलों को अपने होंठों के बीच दबा कर खूब चूसा, वो एकदम लाल हो गए।
फिर थोड़ा नीचे होकर मैंने उसकी नाभि में जीभ घुमाई.. तो वो सिहर उठी और मेरे बालों को पकड़ कर मुझे हटाने लगी, फिर मैं थोड़ा और नीचे हुआ और उसके दोनों पैरों को खोल कर उसकी चूत पर मैंने अपने होंठ रखे और चूम लिया।
वो बोली- कितना तड़पा रहे हो हेत..
मैंने उसकी क्लीन शेव चूत को बड़े मज़े लेकर चाटा। अब वो चुदने को तैयार थी, मैंने उसकी टांगों को फ़ैला कर उसकी चूत में धीरे-धीरे लंड को घुसाना शुरू किया, उसे काफ़ी तकलीफ़ महसूस हो रही थी।
मैंने आँख बंद करके लण्ड को चूत में पूरा घुसेड़ दिया.. उसकी झिल्ली फटते वक्त उसकी चीख निकल गई।
मैं रुक गया.. पहली बार किसी मर्द का लंड उसकी चूत में जो गया था।
मैंने उसकी तकलीफ़ को समझते हुए धीरे-धीरे लंड को अन्दर डाला..
कुछ देर के बाद उसे भी मज़ा आने लगा और थोड़ा ‘ऊऊऊ.. आआआ.. ईईई..’ की आवाज़ के साथ वो पूरा मज़ा ले रही थी।
मैं भी उसे पूरी मस्ती से चोदना ही चाहता था।
अब मैंने उसे ऊपर ले लिया.. मेरा लंड अपनी चूत में लिए आगे-पीछे हो रही थी और ‘आह्ह्ह.. कम ऑन.. आ..आह..’ कर रही थी।
उसके चूचे बहुत उछल रहे थे.. उन्हें देख कर मेरी उत्तेजना और बढ़ गई.. वो मेरे सीने को सहलाते हुए झटके लगा रही थी और साथ-साथ में चुम्बन भी कर रही थी।
मैं उसके गोरे-गोरे कबूतरों को बेरहमी से दबा रहा था। मेरी समझ में नहीं आ रहा था कि वो मुझे चोद रही है या मैं उसे चोद रहा हूँ।
वो ऐसे ही चुदते हुए दो बार झड़ गई और बोली- बस.. मुझसे अब और नहीं होगा..
तो मैंने कहा- हनी.. अभी तो तुम्हारा ही हुआ है.. मेरा नहीं..
मैं उसे नीचे करके उसके ऊपर चढ़ गया और उसकी लाल-गुलाबी चूत में लंड डालकर उसे चोदने लगा।
थोड़ी देर में उसे चोदते-चोदते मैं उसकी चूत में ही झड़ गया।
उसकी चूत हम दोनों के माल से चिकनी हो गई।
फिर हम एक-दूसरे को चिपका कर रिलेक्स होकर बिस्तर पर लेट गए।
अभी मन नहीं भरा था.. बीस मिनट के बाद मैंने फिर अपना लण्ड उसके मुँह में डाला और खूब चुसवाया।
अब हमने 69 की स्थिति बना ली और जब वो लण्ड चूस रही थी.. मैंने उसकी चूत को अपनी जीभ से चोदना शुरू कर दिया।
खास कर दूसरी बार तो इतना मज़ा आया कि मैं बता नहीं सकता क्योंकि अबकी बार लण्ड बहुत देर तक चूत को चोदता रहा था।
लण्ड को झड़ने में काफ़ी समय लगा और मुझे और उसे भरपूर मज़ा देता रहा।
अब हम दोनों थकान के कारण को नींद आ रही थी.. हम उसी हालत में सो गए।
सुबह जल्दी उठ कर मैं अपने कमरे पर चला गया।
बाद में यह सिलसिला यूं ही चलता रहा।
मैं उसको बहुत अधिक चाहने लगा था…पर उसके मॉम-डैड ने उसकी शादी कहीं और करवा दी। वो भी कुछ कहे बिना ही चली गई..
बाद में उसने खत लिख कर इतना ही कहा- तुम प्लीज़ मुझे भूल जाना और अपनी लाइफ कहीं और सैट कर लेना.. तुम हो ही इतने चॉकलेटी कि तुम्हें तो कोई भी मिल जाएगी.. हो सके तो मुझे माफ़ कर देना।
बाद में मैंने अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना शुरू कर दिया..
एक दिन उसकी रूममेट वाली लड़की का फोन आया.. उन्होंने मुझे शाम को घर बुलाया और हमने बहुत बातें की।
उन्होंने मुझे समझाया कि अपना ध्यान कहीं और लगा लूँ और जिन्दगी को एंजाय करूँ।
इसके बाद वो मुझसे रोज बातें करने लगी और एक दिन..
Editor: Sunita Prusty
Publisher: Bhauja.com