प्रेषक : गुमनाम
हैल्लो फ्रेंड्स आज में आपको एक बार फिर से एक और नई स्टोरी जिसमे मेरी चुदक्कड़ बीवी और बहन है उनकी एक स्टोरी सुनाने जा रहा हूँ। दोस्तों वो सर्दी की रात थी। में, मेरी बीवी गीता और बहन पायल तीनों कहीं बाहर जा रहे थे। हमारी ट्रेन रात को 11 बजे थी और दूसरे दिन सुबह 8 बजे हमे ट्रेन से उतरना था। मेरी बीवी ने गहरे गले का ब्लाउज और काली कलर की साड़ी पहनी थी और उसने अंदर कोई ब्रा या पेंटी नहीं पहनी थी और ऊपर से लाल कलर की लिपस्टिक लगाई थी। फिर इन कपड़ो में वो पूरी रंडी दिख रही थी और उसके बूब्स आधे दिख रहे थे। फिर मेरी बहन ने टीशर्ट और स्लेक्स पहनी थी। फिर इस ड्रेस में मेरी बहन के बूब्स बहुत बड़े लग रहे थे.. उसने शायद ब्रा पहनी थी। फिर नीचे स्लेक्स में उसकी गांड बहुत सेक्सी लग रही थी।
फिर जब हम बाहर निकले तो मेरी बहन ने कहा कि भाभी आप तो ट्रेन में सभी मर्दो को मार ही डालोगी। फिर यह कहकर उसने मेरी बीवी के बूब्स पर चिकोटी ली। फिर मेरी बीवी आऊऊच कर गई और कहने लगी कि तू भी कुछ कम नहीं दिख रही.. इस सेक्सी स्लेक्स में तो तेरी गांड क्या खूब लग रही है.. कोई भी आदमी देखेगा तो उसका लंड खड़ा हो जाएगा। फिर इतना कहकर मेरी बीवी ने पायल की गांड पर एक ज़ोर से थप्पड़ लगाया। फिर में चुपचाप सुनता खड़ा था और मन ही मन कामुक हो रहा था। फिर इस तरह की बातें करते हुए हम लोग स्टेशन पर पहुँचे। फिर मैंने वहाँ पर देखा तो सारे आदमी मेरी बीवी और बहन की गांड को घूर- घूर कर देख रहे थे।
फिर जब ट्रेन आई तो हम लोग अंदर चड़ गये और हमारी जगह पर बैठ गये। फिर थोड़ी देर बाद एक आदमी बहुत काला सा वहाँ पर आया और सामने आकर बैठ गया। वो बहुत मजबूत शरीर का था और उसने पायजामा पहना हुआ था। तभी उसने एक नज़र मेरे घर की दोनों औरतो पर डाल दी और वो दोनों पैर सीट पर रखकर बैठ गया। तभी उसने अंडरवियर नहीं पहना हुआ था.. इस वजह से उसका मोटा लंड और बड़ी बड़ी झांटे पायजामे में से दिखाई पड़ रही थी।
फिर थोड़ी देर बाद ट्रेन चल पड़ी लेकिन जनरन डिब्बे में हम सिर्फ़ चार लोग ही थे। मेरी बीवी खिड़की वाली सीट पर थी.. में बीच में और बहन मेरी सीधी साईड में बैठी थी। फिर सामने की सीट पर वो आदमी अपना लंड दिखता हुआ बैठा था। फिर मेरी बीवी और बहन बराबर उस आदमी के लंड की और देख रही थी। फिर वो आदमी भी मेरे घर की इज़्ज़त.. मेरी बहन और बीवी को बार बार घूर घूर कर देख रहा था। फिर थोड़ी देर बाद उसने अपना हाथ लेकर अपने लंड पर रख दिया और वो लंड को सहलाने लगा। उसका लंड पायजामा के अंदर कड़क हो गया था। फिर मेरी बीवी ने यह देखकर अपनी साड़ी का पल्लू गिरा दिया और उसने अपने दोनों बूब्स साड़ी के बाहर कर दिए। फिर एकदम बड़े बड़े सफेद बूब्स हवा में थे.. सिर्फ़ एक पतला सा गहरे गले का ब्लाउज ही उसको संभाले हुए था। तभी यह देखकर उस आदमी ने अपना पैर मेरी बीवी के दोनों पैरो के बीच लंबा कर दिया। तभी गीता ने अपना पैर लंबे करके उसके लंड के पास लगा दिया। तभी हाल ऐसा था कि उसका एक पैर गीता की चूत को और गीता का पैर उसके लंड को छू रहा था।
फिर में बिलकुल अंजान बनकर यह सब देख रहा था। मेरी बहन भी यह सब देख रही थी। फिर उससे रहा नहीं गया। तभी उसने मुझसे कहा कि भैया आप मेरी सीट पर आ जाओ और मुझे बीच में बैठ जाने दो। फिर हम दोनों ने अपनी अपनी सीट बदल दी। फिर मेरी बहन ने अब खड़े होकर.. उस आदमी की तरफ गांड करके वो खड़ी हो गयी और ऊपर की बर्थ से कुछ समान उतारने करने की आक्टिंग करने लगी। तभी अचानक से ट्रेन का एक झटका लगा और मेरी बहन उस अंजाने आदमी की गोद में गिर पड़ी। तभी उस आदमी का लंड पहले से टाईट ही था। तभी ज़ोर से वो लंड मेरी बहन की बड़ी गांड से टकराया और मेरी बहन आअहह करके उसके ऊपर पड़ी। फिर उसने भी मेरी बहन को खड़ी करने के बहाने से उसके बूब्स पकड़ लिए और फिर उसका एक हाथ पकड़कर उसे खड़ा किया। फिर मेरी बहन सॉरी कहती हुई अपनी जगह पर बैठ गयी। दोस्तों ये कहानी आप कामुकता डॉट कॉम पर पड़ रहे है।
फिर उस आदमी ने मौका देखकर दूसरा पैर भी मेरी बहन की चूत में घुसा दिया। फिर साले का एक पैर मेरी बीवी की चूत में और दूसरा पैर मेरी बहन की चूत में था। फिर मेरा लंड भी यह सब देखकर खड़ा हो गया था। फिर मैंने गीता की और देखा तो उसने मुझे कहा कि क्या आप सामने वाली सीट पर बैठ सकते हो? तभी मैंने पायल को कहा कि पायल तेरी भाभी को सीट पर सोना है.. चल हम सामने वाले भाई साहब के पास जाकर बैठ जाते है। फिर हम दोनों उसके पास जाकर बैठ गये। फिर मेरी बीवी हमारी सीट पर सो गयी। तभी उसने पीठ हमारी और की हुई थी.. इस पोज़ में मेरी बीवी की खुली हुई पीठ साफ साफ दिखाई पड़ रही थी और उसकी गांड भी मस्त उभरी हुई दिख रही थी।
फिर थोड़ी देर बाद उस आदमी ने कहा कि क्या में सामने आपकी बीवी की सीट पर बैठ सकता हूँ? तभी मैंने हाँ कह दी। तभी वो सामने गया और मेरी बीवी की गांड के पास जाकर बैठ गया। फिर कुछ देर बाद उसने अपना एक हाथ गीता की गांड पर रख दिया लेकिन गीता कुछ नहीं बोली। तभी उसकी हिम्मत खुल गयी और वो उसकी पतली कमर पर हाथ फैरने लगा और इधर में और पायल सोने की एक्टिंग कर रहे थे। फिर गीता ने अब एक कंबल लेकर ओड़ लिया। फिर वो आदमी मेरी बीवी के बाजू में सो गया। फिर उसने भी कंबल ओड़ लिया था। अब एक ही कंबल में मेरी बीवी और एक अंजना आदमी था। फिर इधर में और पायल सोने की एक्टिंग कर रहे थे। फिर अंदर उसने मेरी बीवी की साड़ी ऊपर करके अपना लंड पीछे से ही गीता की चूत में घुसेड़ दिया और फिर उसको चोदने लगा। फिर गीता चुपचाप लंड का मज़ा ले रही थी। फिर कुछ एक घंटे तक चोदने के बाद वो बैठ गया। फिर मेरी पत्नी कंबल के अंदर ही आधी नंगी पड़ी थी। फिर जब वो चुद चुकी तो उसने मुझे उठाया और कहा कि क्या आप मेरे साथ सो सकते है मुझे बहुत ठंड बहुत लग रही है। तभी वो आदमी खड़ा होकर मेरी सीट पर आ गया और फिर में मेरी बीवी के कंबल में चला गया। फिर वहाँ पर मैंने उसकी चूत में उंगली डाली तो उसकी चूत पूरी गीली हो गयी। फिर उस आदमी के वीर्य से गीता की चूत पूरी भर गयी थी।
फिर में उल्टा हो गया और उसकी चूत चाटने लगा। मेरी बीवी की चूत में से मैंने उस आदमी का सारा वीर्य चाट चाट कर साफ कर दिया। फिर उधर वो आदमी यह सब देख रहा था। फिर उसने अब ज़ोर से कंबल खींच दिया। तभी में उसे चूत में वीर्य चाटता हुआ दिखाई पड़ा। तभी उसने खुलेआम मेरी बहन की टी-शर्ट उतार दी। तभी पायल के बूब्स हवा में लहराने लगे। फिर उसने पायल के मुहं में अपना लंड घुसा दिया और उसके बाल पकड़ कर उसके मुहं को वो फक फक करके चोदने लगा। फिर मेरी बहन के मुहं से ढेर सारा वीर्य बहकर गिर रहा रहा था। फिर वो मेरी बहन के बालों को पकड़कर अपना लंड घुसा रहा था। फिर हम चारों के बीच में कोई शरम नहीं थी। फिर इधर मैंने भी गीता का ब्लाउज निकाल दिया और अब उसके बूब्स भी हवा में लहरा रहे थे।
दोस्तों आप सोचिए कितना हसीन पल था कि ट्रेन के एक डिब्बे में मेरी बहन और बीवी दोनों अपने बूब्स खुले रखकर एक पराए आदमी के साथ है वो भी मेरे सामने। फिर मेरा लंड तो यह देखकर तन सा गया था। फिर थोड़ी देर बाद मेरी बहन का मुहं चोदने के बाद उसने पायल को कुतिया बनाया और पीछे से उसकी गांड में अपना लंड घुसा दिया। फिर पीछे से वो ज़ोर से मेरी इकलोती बहन की गांड मारने लगा और फिर पायल भी आहह आहह आहह की आवाज़े निकालने लगी। तभी इधर में और गीता भी घोड़ी बनकर प्यारी बहन की चुदती हुई चूत के पास अपना मुहं ले गये और वहाँ पर किस करने लगे। फिर बीच बीच में वो आदमी अपना लंड मेरी बहन की गांड से निकलता तो मेरी बीवी और में उसके लंड को चूसने लगते.. कभी उसका लंड मेरे मुहं में तो कभी मेरी बीवी के मुहं में रहता था। फिर बाकी के टाईम में हम पति पत्नी किस करते थे। फिर करीब बीस मिनट बहन की गांड मारने के बाद वो बहन की गांड में ही झड़ गया।
तभी उसने लंड को गांड से बाहर निकाला तो गीता ने उसे मुहं में लेकर बराबर चाट चाट कर साफ कर दिया और मेरे सामने मेरी बहन बहुत मस्त चुदी और वो भी एक पराए मर्द के लंड से और गांड से वीर्य टपकाती हुई खड़ी थी। फिर में उसकी गांड के पास अपना मुहं ले गया तभी पायल ने कहा कि देखो भैया आपकी इकलोती बहन की क्या हालत कर दी है इस पराए आदमी ने.. देखो भैया आपकी बहन की गांड देखो कैसी फाड़ दी है.. कैसी चोद चोदकर रंडी जैसी गांड बना दी है देखो भैया। तभी मैंने कहा कि बहना तू डर मत में तेरी चुदी हुई गांड को अभी चाट देता हूँ और मैंने मेरी प्यारी बहन की वीर्य से भारी हुई गांड चाटना चालू कर दिया। फिर गांड चाटकर हम तीनों ने कपड़े पहन लिए। फिर सुबह होते ही हम अपने स्टेशन पर उतर कर चले गये ।।
धन्यवाद …
हैल्लो फ्रेंड्स आज में आपको एक बार फिर से एक और नई स्टोरी जिसमे मेरी चुदक्कड़ बीवी और बहन है उनकी एक स्टोरी सुनाने जा रहा हूँ। दोस्तों वो सर्दी की रात थी। में, मेरी बीवी गीता और बहन पायल तीनों कहीं बाहर जा रहे थे। हमारी ट्रेन रात को 11 बजे थी और दूसरे दिन सुबह 8 बजे हमे ट्रेन से उतरना था। मेरी बीवी ने गहरे गले का ब्लाउज और काली कलर की साड़ी पहनी थी और उसने अंदर कोई ब्रा या पेंटी नहीं पहनी थी और ऊपर से लाल कलर की लिपस्टिक लगाई थी। फिर इन कपड़ो में वो पूरी रंडी दिख रही थी और उसके बूब्स आधे दिख रहे थे। फिर मेरी बहन ने टीशर्ट और स्लेक्स पहनी थी। फिर इस ड्रेस में मेरी बहन के बूब्स बहुत बड़े लग रहे थे.. उसने शायद ब्रा पहनी थी। फिर नीचे स्लेक्स में उसकी गांड बहुत सेक्सी लग रही थी।
फिर जब हम बाहर निकले तो मेरी बहन ने कहा कि भाभी आप तो ट्रेन में सभी मर्दो को मार ही डालोगी। फिर यह कहकर उसने मेरी बीवी के बूब्स पर चिकोटी ली। फिर मेरी बीवी आऊऊच कर गई और कहने लगी कि तू भी कुछ कम नहीं दिख रही.. इस सेक्सी स्लेक्स में तो तेरी गांड क्या खूब लग रही है.. कोई भी आदमी देखेगा तो उसका लंड खड़ा हो जाएगा। फिर इतना कहकर मेरी बीवी ने पायल की गांड पर एक ज़ोर से थप्पड़ लगाया। फिर में चुपचाप सुनता खड़ा था और मन ही मन कामुक हो रहा था। फिर इस तरह की बातें करते हुए हम लोग स्टेशन पर पहुँचे। फिर मैंने वहाँ पर देखा तो सारे आदमी मेरी बीवी और बहन की गांड को घूर- घूर कर देख रहे थे।
फिर जब ट्रेन आई तो हम लोग अंदर चड़ गये और हमारी जगह पर बैठ गये। फिर थोड़ी देर बाद एक आदमी बहुत काला सा वहाँ पर आया और सामने आकर बैठ गया। वो बहुत मजबूत शरीर का था और उसने पायजामा पहना हुआ था। तभी उसने एक नज़र मेरे घर की दोनों औरतो पर डाल दी और वो दोनों पैर सीट पर रखकर बैठ गया। तभी उसने अंडरवियर नहीं पहना हुआ था.. इस वजह से उसका मोटा लंड और बड़ी बड़ी झांटे पायजामे में से दिखाई पड़ रही थी।
फिर थोड़ी देर बाद ट्रेन चल पड़ी लेकिन जनरन डिब्बे में हम सिर्फ़ चार लोग ही थे। मेरी बीवी खिड़की वाली सीट पर थी.. में बीच में और बहन मेरी सीधी साईड में बैठी थी। फिर सामने की सीट पर वो आदमी अपना लंड दिखता हुआ बैठा था। फिर मेरी बीवी और बहन बराबर उस आदमी के लंड की और देख रही थी। फिर वो आदमी भी मेरे घर की इज़्ज़त.. मेरी बहन और बीवी को बार बार घूर घूर कर देख रहा था। फिर थोड़ी देर बाद उसने अपना हाथ लेकर अपने लंड पर रख दिया और वो लंड को सहलाने लगा। उसका लंड पायजामा के अंदर कड़क हो गया था। फिर मेरी बीवी ने यह देखकर अपनी साड़ी का पल्लू गिरा दिया और उसने अपने दोनों बूब्स साड़ी के बाहर कर दिए। फिर एकदम बड़े बड़े सफेद बूब्स हवा में थे.. सिर्फ़ एक पतला सा गहरे गले का ब्लाउज ही उसको संभाले हुए था। तभी यह देखकर उस आदमी ने अपना पैर मेरी बीवी के दोनों पैरो के बीच लंबा कर दिया। तभी गीता ने अपना पैर लंबे करके उसके लंड के पास लगा दिया। तभी हाल ऐसा था कि उसका एक पैर गीता की चूत को और गीता का पैर उसके लंड को छू रहा था।
फिर में बिलकुल अंजान बनकर यह सब देख रहा था। मेरी बहन भी यह सब देख रही थी। फिर उससे रहा नहीं गया। तभी उसने मुझसे कहा कि भैया आप मेरी सीट पर आ जाओ और मुझे बीच में बैठ जाने दो। फिर हम दोनों ने अपनी अपनी सीट बदल दी। फिर मेरी बहन ने अब खड़े होकर.. उस आदमी की तरफ गांड करके वो खड़ी हो गयी और ऊपर की बर्थ से कुछ समान उतारने करने की आक्टिंग करने लगी। तभी अचानक से ट्रेन का एक झटका लगा और मेरी बहन उस अंजाने आदमी की गोद में गिर पड़ी। तभी उस आदमी का लंड पहले से टाईट ही था। तभी ज़ोर से वो लंड मेरी बहन की बड़ी गांड से टकराया और मेरी बहन आअहह करके उसके ऊपर पड़ी। फिर उसने भी मेरी बहन को खड़ी करने के बहाने से उसके बूब्स पकड़ लिए और फिर उसका एक हाथ पकड़कर उसे खड़ा किया। फिर मेरी बहन सॉरी कहती हुई अपनी जगह पर बैठ गयी। दोस्तों ये कहानी आप कामुकता डॉट कॉम पर पड़ रहे है।
फिर उस आदमी ने मौका देखकर दूसरा पैर भी मेरी बहन की चूत में घुसा दिया। फिर साले का एक पैर मेरी बीवी की चूत में और दूसरा पैर मेरी बहन की चूत में था। फिर मेरा लंड भी यह सब देखकर खड़ा हो गया था। फिर मैंने गीता की और देखा तो उसने मुझे कहा कि क्या आप सामने वाली सीट पर बैठ सकते हो? तभी मैंने पायल को कहा कि पायल तेरी भाभी को सीट पर सोना है.. चल हम सामने वाले भाई साहब के पास जाकर बैठ जाते है। फिर हम दोनों उसके पास जाकर बैठ गये। फिर मेरी बीवी हमारी सीट पर सो गयी। तभी उसने पीठ हमारी और की हुई थी.. इस पोज़ में मेरी बीवी की खुली हुई पीठ साफ साफ दिखाई पड़ रही थी और उसकी गांड भी मस्त उभरी हुई दिख रही थी।
फिर थोड़ी देर बाद उस आदमी ने कहा कि क्या में सामने आपकी बीवी की सीट पर बैठ सकता हूँ? तभी मैंने हाँ कह दी। तभी वो सामने गया और मेरी बीवी की गांड के पास जाकर बैठ गया। फिर कुछ देर बाद उसने अपना एक हाथ गीता की गांड पर रख दिया लेकिन गीता कुछ नहीं बोली। तभी उसकी हिम्मत खुल गयी और वो उसकी पतली कमर पर हाथ फैरने लगा और इधर में और पायल सोने की एक्टिंग कर रहे थे। फिर गीता ने अब एक कंबल लेकर ओड़ लिया। फिर वो आदमी मेरी बीवी के बाजू में सो गया। फिर उसने भी कंबल ओड़ लिया था। अब एक ही कंबल में मेरी बीवी और एक अंजना आदमी था। फिर इधर में और पायल सोने की एक्टिंग कर रहे थे। फिर अंदर उसने मेरी बीवी की साड़ी ऊपर करके अपना लंड पीछे से ही गीता की चूत में घुसेड़ दिया और फिर उसको चोदने लगा। फिर गीता चुपचाप लंड का मज़ा ले रही थी। फिर कुछ एक घंटे तक चोदने के बाद वो बैठ गया। फिर मेरी पत्नी कंबल के अंदर ही आधी नंगी पड़ी थी। फिर जब वो चुद चुकी तो उसने मुझे उठाया और कहा कि क्या आप मेरे साथ सो सकते है मुझे बहुत ठंड बहुत लग रही है। तभी वो आदमी खड़ा होकर मेरी सीट पर आ गया और फिर में मेरी बीवी के कंबल में चला गया। फिर वहाँ पर मैंने उसकी चूत में उंगली डाली तो उसकी चूत पूरी गीली हो गयी। फिर उस आदमी के वीर्य से गीता की चूत पूरी भर गयी थी।
फिर में उल्टा हो गया और उसकी चूत चाटने लगा। मेरी बीवी की चूत में से मैंने उस आदमी का सारा वीर्य चाट चाट कर साफ कर दिया। फिर उधर वो आदमी यह सब देख रहा था। फिर उसने अब ज़ोर से कंबल खींच दिया। तभी में उसे चूत में वीर्य चाटता हुआ दिखाई पड़ा। तभी उसने खुलेआम मेरी बहन की टी-शर्ट उतार दी। तभी पायल के बूब्स हवा में लहराने लगे। फिर उसने पायल के मुहं में अपना लंड घुसा दिया और उसके बाल पकड़ कर उसके मुहं को वो फक फक करके चोदने लगा। फिर मेरी बहन के मुहं से ढेर सारा वीर्य बहकर गिर रहा रहा था। फिर वो मेरी बहन के बालों को पकड़कर अपना लंड घुसा रहा था। फिर हम चारों के बीच में कोई शरम नहीं थी। फिर इधर मैंने भी गीता का ब्लाउज निकाल दिया और अब उसके बूब्स भी हवा में लहरा रहे थे।
दोस्तों आप सोचिए कितना हसीन पल था कि ट्रेन के एक डिब्बे में मेरी बहन और बीवी दोनों अपने बूब्स खुले रखकर एक पराए आदमी के साथ है वो भी मेरे सामने। फिर मेरा लंड तो यह देखकर तन सा गया था। फिर थोड़ी देर बाद मेरी बहन का मुहं चोदने के बाद उसने पायल को कुतिया बनाया और पीछे से उसकी गांड में अपना लंड घुसा दिया। फिर पीछे से वो ज़ोर से मेरी इकलोती बहन की गांड मारने लगा और फिर पायल भी आहह आहह आहह की आवाज़े निकालने लगी। तभी इधर में और गीता भी घोड़ी बनकर प्यारी बहन की चुदती हुई चूत के पास अपना मुहं ले गये और वहाँ पर किस करने लगे। फिर बीच बीच में वो आदमी अपना लंड मेरी बहन की गांड से निकलता तो मेरी बीवी और में उसके लंड को चूसने लगते.. कभी उसका लंड मेरे मुहं में तो कभी मेरी बीवी के मुहं में रहता था। फिर बाकी के टाईम में हम पति पत्नी किस करते थे। फिर करीब बीस मिनट बहन की गांड मारने के बाद वो बहन की गांड में ही झड़ गया।
तभी उसने लंड को गांड से बाहर निकाला तो गीता ने उसे मुहं में लेकर बराबर चाट चाट कर साफ कर दिया और मेरे सामने मेरी बहन बहुत मस्त चुदी और वो भी एक पराए मर्द के लंड से और गांड से वीर्य टपकाती हुई खड़ी थी। फिर में उसकी गांड के पास अपना मुहं ले गया तभी पायल ने कहा कि देखो भैया आपकी इकलोती बहन की क्या हालत कर दी है इस पराए आदमी ने.. देखो भैया आपकी बहन की गांड देखो कैसी फाड़ दी है.. कैसी चोद चोदकर रंडी जैसी गांड बना दी है देखो भैया। तभी मैंने कहा कि बहना तू डर मत में तेरी चुदी हुई गांड को अभी चाट देता हूँ और मैंने मेरी प्यारी बहन की वीर्य से भारी हुई गांड चाटना चालू कर दिया। फिर गांड चाटकर हम तीनों ने कपड़े पहन लिए। फिर सुबह होते ही हम अपने स्टेशन पर उतर कर चले गये ।।
धन्यवाद …