मेरी मस्त साली शिखा 19 साल की है पर चूची 34, कमर 30 और गांड 36 तो कुल मिलाकर चोदने के लिये मस्त चूत थी। पर साली हाथ ही नहीं रखने देती थी। जाने कितना ही वीर्य मुठ मार कर बहा चुका था उसके नाम पर।
पर कहते हैं कि भगवान के घर देर है अंधेर नहीं। एक दिन वो मौका मिल ही गया। वो अपनी दीदी और जीजा यानि हमारे के यहाँ रहने आई।
मेरी पत्नी रुचि वैसे तो अपनी बहन से बहुत प्यार करती है पर जब भी मैं उसके पास अकेले रहने की कोशिश करता तो मेरी पत्नी उसे कोई बहाना कर अपने साथ ले जाती, शायद वो मेरी नीयत पहचान गई थी। रात को जब सब सोते तो मैं अपनी साली के सोने के बाद उसके बदन को सहलाता, चूची दबाता फिर मुठ मार कर सो जाता। वो एक माह के लिये यहां आई थी।
एक दिन मेरी पत्नी को आफिस जल्दी जाना पड़ा और उसे शाम को भी देर से आना था। मेरी साली सो रही थी, मैं उसके पास आया, वो उस समय एक स्कर्ट पहने सो रही थी। स्कर्ट उसकी गोरी मखमली टांगों से ऊपर उठ कर जांघों तक तक़रीबन चड्डी से कुछ ही सेंटीमीटर नीचे रह गई थी। सुबह सुबह इस दृश्य को देख कर मेरे अन्दर का शैतान जाग गया। वैसे भी मेरी साली को आये चार दिन हो गये थे और मैं अपनी बीवी को भी नहीं चोद सका था। सिर्फ़ मुठ मार कर सो जाता था।
मैं अपनी साली की गोरी, नर्म, गुदाज़ जांघों को सहलाने लगा। फ़िर मैंने जांघों पर चुम्मी ली और स्कर्ट को पूरा ऊपर उठा दिया। 15 मिनट तक मैं जांघों को चूसता और सहलाता रहा। फ़िर मैंने अपनी साली के चेहरे की तरफ देखा, वो अभी तक बिना हरकत के पड़ी हुई थी।
अब मैंने उसकी शर्ट का बटन खोल दिया और ब्रा खोलने की कोशिश में लग गया। मेरी शादी को दो साल हो गए हैं इसलिये ब्रा खोलने में मैं अनुभवी था। अब उसके मस्त चूचुकों को आज़ाद करा के मैं मसलने लगा। अभी तक आधा घंटा हो चुका था, फ़िर भी कोई हरक़त नहीं हुई थी। मुझे शक़ हुआ। मैंने ज़ोर से चूचुकों को मसला और चूसना शुरु कर दिया।
अब धीमी धीमी आहें मेरे कानों में सुनाई देने लगी। यह कहानी आप BHAUJA डॉट कॉंम पर पढ़ रहे हैं।
मैंने शिखा की तरफ़ देखा और कहा- आँखें खोल लो और मज़े लो, इस तरह ना मुझे मज़ा आयेगा और ना तुम्हें।
उसने अपनी आँखें खोल दी। उसका लाल चेहरा बता रहा था कि वो गर्म हो रही है, आखिर जवान थी और नया खून था।
अब मैं अपनी साली की शर्ट और ब्रा दोनों उतार के ढंग से चूची चूसने लगा। बीच बीच में मैं उन्हें मसल भी देता था। उसकी सिसकारियाँ तेज होती गई। अब उसके गदराये जिस्म को देख कर मेरे जिस्म मे चींटियाँ सी रेंगने लगी। मैंने शिखा के शरीर से बाक़ी कपड़े भी उतार दिये और जगह जगह चूमना शुरु कर दिया।
वो तो पागलों की तरह हाथों से मेरे शरीर पर नाखून मारने लगी और मेरे अंडरवीयर में हाथ डाल के मेरे लंड को दबाने लगी। मैं समझ गया कि अब यह पूरी तरह गर्म हो चुकी है। मैंने अपने कपड़े भी उतार दिये।
नई और कुंवारी चूत की सील तोड़ने और ज्यादा देर तक अपनी साली को चोदने के लिये मैंने ओनली मी स्प्रे शिश्न मुन्ड पर स्प्रे करा था। फ़िर अपनी साली को पलंग पर लिटा कर उसकी दोनों टांगों को फैला दिया और उसकी गुलाबी चूत पर अपनी जीभ चलाने लगा। वो मेरे बाल खींचने लगी। फ़िर मैं खड़ा हुआ और उसकी चूत पर लंड को रख कर एक धक्का दिया।
करीब दो इंच लंड अन्दर चला गया मगर जैसे ही मैंने बाकी 5 इंच लंड अन्दर करने के लिये धक्का मारा, शिखा चीख पड़ी।
मैंने उसके चूचुकों को चूसना शुरु कर दिया। थोड़ी देर में वो शांत हो गई और अन्दर करने के लिये कहने लगी। अगले दो धक्कों में में मेरा 7 इंच का लंड पूरा अन्दर था। वो चीखती रही पर ये एक शाश्वत सत्य है कि लड़कियाँ पहली बार लंड अन्दर करने के समय जितना रोती-मचलती हैं, और अगर ढंग से पहली चुदाई का मज़ा दिया जाये तो वो बड़ी चुदासी हो जाती हैं और आगे जीवन में खुल कर चुदाई का मज़ा लेती और देती हैं। पर शिखा दर्द से रोने लगी और छुटने की कोशिश करने लगी। उस पर जैसे ही उसका पर्दा फ़टा वो तो बेहोश सी हो गई।
पूरा लंड अन्दर करने के बाद मैं उसकी चूची चूसने लगा और कुछ देर बिना लंड में कोई हरक़त किये पड़ा रहा। फ़िर धीरे धीरे मैंने अन्दर-बाहर करना शुरु कर दिया। थोड़ी देर में ही मैंने अपनी गति तेज़ कर दी। शिखा अब मेरे साथ चुदाई का मज़ा लेने लगी और उछल-उछल कर मेरे धक्कों का जवाब देने लगी।
कुछ देर शिखा को नीचे डाल के पेलने के बाद मैंने अपना लंड बाहर निकाल लिया तो शिखा देखने लगी कि अब क्या होने वाला है। मैं उसे पलंग के कोने पर उलटा लिटा कर उस के पैर खोल कर फ़िर अपना लंड अन्दर करने लगा और इस बार लंड अन्दर-बाहर करने के साथ मैंने उसकी गांड में उंगली करनी शुरु कर दी। उसकी साँस तेज़ चलने लगी और शरीर में हलचल सी होने लगी। मैं समझ गया कि यह अब झड़ने वाली है।
मैंने फ़िर अपना लंड बाहर निकाल लिया और शिखा को फ़िर मिशनरी स्टाइल में चोदना शुरु कर दिया। 4-5 तेज़ धक्कों में ही उसनें अपना पानी छोड़ना शुरु कर दिया और मुझे कस कर पकड़ लिया। 2-3 धक्कों के बाद ही मेरा पानी भी निकल गया और मैंने शिखा की नर्म, मुलायम और गर्म चूत के कोने कोने को भिगो दिया।
मैंने जब उससे पहली चुदाई के बारे में पूछा तो उसने कहा- सच में बहुत मज़ा आया।
उसने उठने की कोशिश की तो दर्द की शिकायत की। मैं अपनी गोद में उठा कर उसे बाथरुम में ले गया। वहाँ मैंने उसकी चूत को गर्म पानी से सेंका और धो दिया। सिकाई के कारण उसे दर्द में आराम हुआ। फ़िर उसने मेरा लंड धो दिया।