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Channel: ଭାଉଜ ଡଟ କମ - Odia Sex Story
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पिंकी और सोनिया के बाद (Pinky Aur Soniya Ke Bad)

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मेरी सच्ची कहानी सब के सामने रखी।

मेरा साली-प्रेम कुछ ज्यादा है, तो मैं हाज़िर हूँ लगे हाथ छोटी साली की चुदाई की खानी लेकर !
जब वो भारत आई तो मैं उसे हवाई अड्डे लेने गया। काफी समय बाद मैं उसको देख रहा था, उसका भरा-भरा जिस्म, गोल-मोल गज़ब की गाण्ड, खुले हुए बाल ! ऐसी औरत को कौन मर्द इतने-इतने दिन ना चोदे? हाय मेरा तो लौड़ा जींस फाड़ने को उतारू हो रहा था। जब वो लहराती हुई, मटकती हुई आउटर से बाहर आ रही थी मेरी तरफ हाथ लहराती हुई- जीजू कह वो मेरे से लिपट गई।
मेरा गोपाल तो पहले से ही अकड़ा पड़ा था, ऊपर से उसने गले लगा लिया। उसने कसा हुआ टॉप पहना था, उसकी पहाड़ जैसी छाती जब मेरे चौड़े सीने से लगी तो मैंने भी उसको कस लिया। उसकी टॉप नाभि तक थी, मैंने उसकी पीठ को सहला दिया तो वो एकदम से कांप गई।
क्या हुआ साली साहिबा?
वो हड़बड़ाई, बोली- अकेले आये हैं क्या?
इतने सारे लोग लेकर दिल्ली आता क्या? वैसे क्या मस्त दिख रही हो?
सच में?
और क्या झूठ कह रहा हूँ?
मुझे मालूम था कि उसका मर्द उसको कम चोदता है। वैसे मुझे उम्मीद थी कि वो बाहर ज़रूर ठुकाई करवाती होगी। मैं भी कितना भाग्यशाली था, दोनों सालियाँ एक से बढ़कर एक ! दोनों के मर्द ना किसी काम के ! ऊपर से सोनिया डार्लिंग, जिसको उसकी माँ ने यहाँ सुधरने भेजा है, उसकी फुद्दी का इस जाट ने कबाड़ा बना दिया था, लगभग रोज़ मेरा मूसल अपनी फुद्दी में लेती थी। मेरी तो अब तक पांचों घी में और सर कढ़ाई में था।
बोली- जीजू रात कितनी है ! इस वक़्त कहाँ ड्राईव करोगे, किसी होटल में रुक लेते हैं, सुबह निकल लेंगे।
यहाँ होटल में रुकना भी आजकल कौन सा आसान है?
तो क्या हुआ? हम शादी शुदा हैं किसी को क्या मालूम?
मुझे लगता था वो मुझ पर पूरी लट्टू थी, मुझे भी उसकी और मोना की बात याद आ रही थी जो मैंने दूसरे फ़ोन से सुना था कि उसका खसम उसको मुश्किल से चोदता है।
हाँ हाँ ! क्यूँ नहीं? होटल वालों को क्या मालूम चलेगा? वैसे भी साली आधी घरवाली कहलाती है ! तुम तो हसीन हो, वैसे इस ड्रेस में पटाखा लग रही हो ! दिल तो रुकने का है !
अच्छा जीजा जी? उसने बड़ी अदा से देखा था।
मैंने एक बात सोच ली थी कि अगर मौका आज ही मिल गया तो मैं हाथ साफ़ कर लूँगा। वो सामान उठाने मेरे करीब आई तो मुझे दारू या बियर की गन्ध उससे आई क्यूंकि मैंने अभी पी नहीं थी।
मैं एक नंबर का दारूबाज़ था, हर शराब की महक मेरी नथुनों में रची है।
लगता है प्लेन में जाम से जाम टकराया है?
वो चुप रही।
मैंने ड्राईवर से कहा- बढिया से होटल चलो !
हम दोनों पीछे बराबर बैठे थे, उसने मेरा हाथ पकड़ा, बोली- और जीजू ! लाइफ कैसी है?
मस्त है ! तेरी कैसी है?
वो चुप रही।
क्या हुआ? कोई दर्द छुपा है दिल में? उसके हाथ को सहलाते हुए मरहम लगाने की कोशिश की।
छोड़ो जीजू ! पीकर इंसान झूठ नहीं बोलता और दर्द निकल आता है ! वो मुझसे प्यार नहीं करते ! पता नहीं क्यूँ? सिर्फ अपने बिज़नस में लगे रहते हैं !
वो रोने लगी।
मैंने अपनी बाजू उसकी कमर पर लपेटी मेरी उँगलियाँ उसकी नाभि के पास थी। मैंने उसको अपनी तरफ सरकाते हुए सीने से लगाया- चुप करो, अब तुम भारत में हो ! रोना छोड़ो और जिंदगी जियो।
उसने मुझे और जोर से कस लिया उसकी छाती का दबाव डालते मेरा भी आपा खोने लगा था, मैंने भी दोनों हाथ उसकी पीठ पर रख दिए और प्यार से सहलाया।
दोस्तो, मैं बना ही सालियों के दुःख काटने के लिए हूँ।
होटल में गए, कमरा लेकर उसको कहा- आता हूँ अभी !
केमिस्ट की दुकान से मैंने वोमेन-पेनेगरा 100 की गोली खरीदी, एक बोतल सिग्नेचर की पेकेट लेकर ऊपर गया।
आ गए जीजू !
हाँ ! रूम पसंद है क्या?
हाँ जीजाजी !
मैंने वेटर को बुला कर डिनर का आर्डर दिया, साथ में बियर भी।
वो बोली- मैं फ्रेश होकर आती हूँ।
मैंने दो पैग बनाए, उसमें मैंने वो गोली मिला दी।
जब वो लौटी, मेरा गोपाल ठन-ठन करने लगा।
बेहद छोटा सा हल्का गुलाबी टॉप, केप्री टाइप छोटा सा लोअर वो भी बारीक सा। उसकी काली पैंटी साफ़ साफ़ दिख रही थी और ब्रा भी।
उसकी चूचियाँ किसी भी मर्द को दीवाना कर देती।
क्या हुआ जीजू? मुझमें खो गए क्या?
पकड़ो, पैग पियो ! थोड़ी देर में बात करेंगे !
उसने मेरे साथ चीयर्स किया और अपना पैग गटकने लगी।
मैंने भी उसके साथ बौटम-अप किया। मैं चाहता था कि उसके साथ मेरा काम आज ही फिट बैठ जाए ताकि जब तक रहे, मैं उसको मसलता रहूँ।

बेहद छोटा सा हल्का गुलाबी टॉप, केप्री टाइप छोटा सा लोअर वो भी बारीक सा। उसकी काली पैंटी साफ़ साफ़ दिख रही थी और ब्रा भी।
उसकी चूचियाँ किसी भी मर्द को दीवाना कर देती।
क्या हुआ जीजू? मुझमें खो गए क्या?
पकड़ो, पैग पियो ! थोड़ी देर में बात करेंगे !
उसने मेरे साथ चीयर्स किया और अपना पैग गटकने लगी।
मैंने भी उसके साथ बौटम-अप किया। मैं चाहता था कि उसके साथ मेरा काम आज ही फिट बैठ जाए ताकि जब तक रहे, मैं उसको मसलता रहूँ।
उसको नशा होने लगा, मैंने दूसरा पैग भी बना लिया- लो जान साथ दो जीजू का !
नहीं जीजू, पहले सब घूम रहा है !
मेरी खातिर एक और !
मैंने उसको मस्त कर दिया, गोली ने असर दिखाया, बोली- मेरे बदन से सेक क्यूँ निकल रहा है?
मैंने कहा- लगता है साडू की याद आ गई?
बोली- उसका नाम मत लेना ! वो एक गे लगता है ! कई-कई दिन मेरे तो पास आने से कतराता रहता है !
वो उठी, लड़खड़ाती हुई खड़ी हुई खिड़की से बाहर देखने लगी। मैं उठा, उसके पीछे जा खड़ा हुआ, उसके कंधे पर हाथ रखते हुए कहा- क्या हुआ?
मेरा हाथ लगते ही उसका बदन कांप गया, वो नशे की गिरफ्त में थी।
“क्यूँ ? वो क्यूँ इतनी हसीन बीवी के पास नहीं आता? साला कितना बेवकूफ है?”
“कितनी हसीन हूँ मैं जीजा?”
“क्या बताऊँ? मुझे तो तुम बहुत हसीन दिखती हो, तुमने यह दारु कब से पीनी शुरु कर दी?”
“क्या करूँ जीजा, अकेलेपन में क्या करूँ? मुझे रातों को नींद नहीं आती इसके बिना ! इसको पीकर रात निकल जाती है !”
मैंने उसकी कमर में हाथ डाल लिया, उसके पेट को सहलाने लगा- मैं तो कुछ ही घंटों में तुझे देख पागल हो गया हूँ। वो साला क्या मर्द है?
उसके मुंह से मीठी मीठी सिसकारी फूटी- अह जीजू ! क्या कर रहे हो आप?
देख रहा हूँ छू कर कि भगवान ने तुझे कितनी मेहनत से बनाया होगा ! मैंने उसकी नाभि को सहलाया।
वो तड़प उठी, सी-सी करने लगी।
मैंने दूसरी बाजू भी डाल उसको पीछे से बाँहों में भर डाला। गोली की वजह से उसके अंग तनने लगे थे, गोली का काम ही यही है अगर किसी औरत को यह पूरी गोली खिला दो, उसके बाद किसी तरीके से औरत पर हल्का फुल्का हाथ फेरना पड़ता है, उससे औरत के जो अंग तन जाते हैं उनमें से उसके मम्मे मानो दूध से भर गए हो, उनमें ऐसी जलन होती है, उसका दिल करता है कि कोई मर्द मसल दे, उसके चुचूक वो भी तन जाते हैं, औरत चाहती है कोई चूसे, चुटकी से मसले, उसके चूतड भी कसाव खा जाते हैं, औरत चाहती है बस मर्द उसको रगड़ दे, उसकी चूत में अजीबोगरीब सी हलचल होती है, ये सब बातें मुझे मेरी काम वाली ने बताई, मैंने उसे एक गोली अपने सामने खिलाई तो उसने मुझे गोली खाने के बाद आते हर बदलाव से अवगत करवाया था।
मैंने साली की गर्दन पर होंठ रख दिए वो तो मिर्ची की तरह सी सी सी करने लगी। मैंने उसके होंठों को अपने होंठों से रगड़ा तो वो और बहकने लगी- नहीं जीजू ! यह क्या सही होगा?
“सब सही है मेरी जान ! मैं तेरा दर्द जानता हूँ ! मैंने उसके लोअर को खोल दिया। काली पैंटी में उसकी गोरी गाण्ड देख मेरा बुरा हाल था, मैंने अपना लोअर भी उतार दिया, मेरा अंडरवीयर फटने को था।
मैंने पीछे खड़े खड़े ही उसका नाममात्र सा टॉप भी उतार दिया, उसकी गोरी पीठ पर काली स्ट्रिप ! हाय ! मैं मरे जा रहा था !
मैंने उसकी पीठ पर जगह जगह चूमा, मेरी उँगलियाँ उसकी पीठ, उसके चूतड़ों पर रेंग रही थी। वो एकदम से मेरी पकड़ से निकली, बोतल उठाई, उसमें से एक पैग डाला, एक मेरे में डाला, झट से पूरा उतार लिया हलक में और मैंने भी !
वो जाकर बिस्तर पर गिर गई, मैंने भी वक़्त गंवाए बिना उसको दबोच लिया वहीं बिस्तर पर !
मैंने उसकी ब्रा भी उतारी, उसके मम्मे अकड़े पड़े थे। जैसे-जैसे मैंने दबाये, वैसे-वैसे वो कोमल होने लगे, मतलब एक मर्द का हाथ ही उन्हें नर्म कर रहा था। मैंने उसके चुचूक दिल भर कर चूसे।
बोली- जीजू, बहुत प्यासी रह जाती हूँ मैं !
मैंने खींच कर उसकी पैंटी उतारी- हाय रब्बा ! क्या मस्त चूत थी साली की !
मैंने उसको जुबां से चाटा तो वो तड़पने लगी, मचलने लगी।
लेकिन मैंने उसको नहीं छोड़ा, बोली- जीजू या तो मुझे भी अपना चूसने को दो ?
मैं उसको इतना पागल करना चाहता था कि बाद में यह कबूतरी हाथ से न निकले !
वो जाकर बिस्तर पर गिर गई, मैंने भी वक़्त गंवाए बिना उसको दबोच लिया वहीं बिस्तर पर !
मैंने उसकी ब्रा भी उतारी, उसके मम्मे अकड़े पड़े थे। जैसे-जैसे मैंने दबाये, वैसे-वैसे वो कोमल होने लगे, मतलब एक मर्द का हाथ ही उन्हें नर्म कर रहा था। मैंने उसके चुचूक दिल भर कर चूसे।
बोली- जीजू, बहुत प्यासी रह जाती हूँ मैं !
मैंने खींच कर उसकी पैंटी उतारी- हाय रब्बा ! क्या मस्त चूत थी साली की !
मैंने उसको जुबां से चाटा तो वो तड़पने लगी, मचलने लगी।
लेकिन मैंने उसको नहीं छोड़ा, बोली- जीजू या तो मुझे भी अपना चूसने को दो ?
मैं उसको इतना पागल करना चाहता था कि बाद में यह कबूतरी हाथ से न निकले ! कबूतरी ऐसी थी कि जिसके पर कुतरने में जो मजा आएगा। मोना मेरी पत्नी भी कम नहीं थी, ये तीनों बहनें ही मस्त थी, अभी मैंने इसकी चूत नहीं ली थी लेकिन उसकी खुशबू ही ऐसी थी। उसकी बिन झांटों की चूत इतनी खूबसूरत दिख रही थी।
मैंने उसको तड़पाना जारी रखा, वो पागल हो रही थी। मैं जानता था कि उसकी चूत में जलन हो रही थी, लौड़ा खाने की जलन !
मैंने पैग पकड़ा, उसकी चूत पर पलट कर चाटने लगा। उसने मुझे जोर से धकेला और मेरी मजबूत जांघों पर बैठ कर उंगलियों को मेरे सीने पर चलाने लगी। थोड़ी घुटनों की तरफ सरकी, उसके गोरे कोमल चूतड़ जब घिस रहे थे तो मेरा लौड़ा तूफ़ान मचा रहा था।
वो झुकी, उसके दोनों मम्मे पूरे अकड़े थे, उसने मेरे लौड़े पर मारे जोर जोर से, लौड़ा पकड़ उसको अपने चुचूकों पर मारने लगी। किसी ब्लू फिल्म की रंडी से कम नहीं दिख रही थी, वो मानो कोई रंडी हो।
दोनों मम्मों के बीच उसने लौड़ा रगड़ा, फिर निप्पल पर रगड़ा, गांड को घिसती घिसती नीचे सरकी, मेरे सुपारे को ऐसे अंदाज़ में चूमा कि मैं उसकी अदा का दीवाना हो गया। पिंकी से कहीं आगे थी मर्द लुभाने में ! एक नंबर की चुदक्कड़ थी साली !
वो लौड़ा चूसने लगी। हाय क्या अंदाज था ! मुझे लिटा मेरी जांघों के पास बिस्तर पर अपनी गोरी गांड मेरी तरफ करके बैठ गई। मैंने उसके चूतड़ों को थपथपाया, दबाया और उसकी फुद्दी के दिख रहे छेद को ऊँगली से सहलाया।
वो उछाल खा गई- हाय जीजा जी ! क्या किया? इसमें अपना लौड़ा डालना !
“पहले मुझे अपनी प्यास बुझानी है, होंठों की भी फिर नीचे की भी !”
बोली- जीजू, पहले इसका पानी पियूंगी मैं ! फिर निचली को इसका पानी पिलाना !
हाय ! यह काम मोना नहीं करती ! वो लौड़े का माल नहीं पीती ! हाय, सोनिया को भी मैंने धोखे से पिलाया था ! पिंकी से मैंने कहा नहीं था।
मैंने भी खुद को खुला छोड़ दिया, उसका अंदाज़ देखने लगा। वो तो लौड़ा ऐसे चाटने लगी मानो रंडी हो ! उसने निप्पल की तरह मेरा लौड़ा चूसा काफी काफी देर ! लौड़े को मुंह में रखती, उसको चूसती, फिर निकालती। उसने हाथ हिलाना चालू किया, मेरी आँखें बंद होने लगी। मैंने भी लौड़े उसके हाथ से लिया उसके बालों को नोंचा और उसकी गालों पर लौड़ा मारा जोर जोर से ! लौड़े को हिलाने लगा, उसके ज़बड़े को पकड़ा और पूरा पानी उसके मुंह में निकाला।
हाय जीजू ! क्या अंदाज़ है आपका ! बहुत अच्छा लगा आपकी इस तानाशाही से ! हाय कितना माल निकलता है आपके लौड़े से !
उसने एक भी कतरा जाने दिया था, पूरा गटक गई थी। फिर उतनी देर चूसती रही जितनी देर मेरा दुबारा खड़ा नहीं हो गया।
हमने एक एक पैग लगाया।
वाह जीजू ! सोचा नहीं था कि पहली रात में ही आपका लौड़ा ले लूंगी !
“मैंने तेरी और मोना की बातें सुन ली थी, मैंने भी यह नहीं सोचा था कि पहले दिन ही ठोक लूँगा तुझे !”
आप बहुत पहुँचे हुए हो !
साली, तू भी कहाँ से कम है? एक नंबर की चुदक्कड़ है !
उसने अपने बाल की लट को झटका और मेरा लौड़ा मुंह में ले लिया।
मैंने उसको पटका और अपना मूसल उसकी फुद्दी में उतार दिया।
“हाय जीजू ! आपका बहुत बड़ा है ! क्या लौड़ा पाया है आपने ! मोना की तो चांदी है !”
मेरा पूरा लौड़ा जब घुस गया तो वो उठकर उठ उठ कर चूत मरवाने लगी- हाय जीजू ! और तेज़ मारो मेरी ! आज मुझे दिल खोल कर फक करो !
“साली, तेरा खसम कितने दिन बाद तुझे चोदता है?”
“उसकी छोड़ो जीजू ! वो तो गाण्डू है ! कई कई दिन पास नहीं आता ! उसका लड़कों के साथ ज्यादा लगाव है, वो एक गे-क्लब का मेंबर है ! जीजू, मुझे बच्चा चाहिए !
“यह तो मैं नहीं मानता कि तू उसके अलावा और किसी मर्द से वहाँ नहीं चुदती होगी? जैसी तुझमें भूख है !
लेकिन जीजू उससे मैं बच्चा नहीं लेना चाहती, वो नीग्रो है, उसका बच्चा भी वैसा हो गया तो फिर?
“यह ले सह चोट जीजे की ! मैं जोर जोर से उसको पेलने लगा। वो नशे में थी, ऊपर से गोली का असर था, गंदी-गंदी गालियाँ दे रही थी अपने खसम को ! नीग्रो का कितना बड़ा है ! आप जितना ही है ! लेकिन पिछले पांच महीनों से वो भी मेरी लाइफ में नहीं है !
तेरी गाण्ड मारूँ क्या?
“आज नहीं जीजू ! आज मेरी फुद्दी को अपना पानी पिलाओ ! रोम रोम खिल जाएगा इसका !
“हाय जीजू ! आपका बहुत बड़ा है ! क्या लौड़ा पाया है आपने ! मोना की तो चांदी है !”
मेरा पूरा लौड़ा जब घुस गया तो वो उठकर उठ उठ कर चूत मरवाने लगी- हाय जीजू ! और तेज़ मारो मेरी ! आज मुझे दिल खोल कर फक करो !
“साली, तेरा खसम कितने दिन बाद तुझे चोदता है?”
“उसकी छोड़ो जीजू ! वो तो गाण्डू है ! कई कई दिन पास नहीं आता ! उसका लड़कों के साथ ज्यादा लगाव है, वो एक गे-क्लब का मेंबर है ! जीजू, मुझे बच्चा चाहिए !
“यह तो मैं नहीं मानता कि तू उसके अलावा और किसी मर्द से वहाँ नहीं चुदती होगी? जैसी तुझमें भूख है !
लेकिन जीजू उससे मैं बच्चा नहीं लेना चाहती, वो नीग्रो है, उसका बच्चा भी वैसा हो गया तो फिर?
“यह ले सह चोट जीजे की ! मैं जोर जोर से उसको पेलने लगा। वो नशे में थी, ऊपर से गोली का असर था, गंदी-गंदी गालियाँ दे रही थी अपने खसम को ! नीग्रो का कितना बड़ा है ! आप जितना ही है ! लेकिन पिछले पांच महीनों से वो भी मेरी लाइफ में नहीं है !
तेरी गाण्ड मारूँ क्या?
“आज नहीं जीजू ! आज मेरी फुद्दी को अपना पानी पिलाओ ! रोम रोम खिल जाएगा इसका !
बोली- एक बार निकालो, मुझे रस से भीगा हुआ लौड़ा चाटना है !
उसने मेरा गीला लौड़ा साफ़ किया और बोली- एंगल चेंज करो जीजू !
कौन सा पसंद है साली रंडी तुझे?
हम्म ! मैं रंडी? आपके लिए रंडी भी बन जाऊंगी ! मुझे बहुत मजा आता है घोड़ी बन कर !
तो बन जा घोड़ी !
वो घोड़ी बन गई, बोली- जीजू पहले फुद्दी को चाटो !
मुझे उसकी फुदी पहले ही बहुत स्वाद लगी थी इसलिए चपड़-चपड़ मैं उसकी फुद्दी चाटने लगा। वो आहें भरने लगी।
तुम तीनों बहनें बहुत आग हो बिस्तर पर !
क्या मतलब है आपका? तीसरी कौन?
तेरी बड़ी बहन पिंकी और कौन?
वो भी आपसे चुद गई जीजू?
क्या करूँ रानी ! उसके घरवाले ने आधी रात को घर से निकाल दिया था, उस दिन मोना घर नहीं थी। वो आई, उसने खुद दारु पीकर मुझे मजबूर कर डाला कि मैं उसकी फुद्दी मारूँ !
जीजू, एक बात कहूँ, आप सोनिया को वापस भेज दो ! मैंने उसको फेसबुक पर देखा, उसके छोटे छोटे कपड़े ! उसकी बातों से बहुत चालू लगती है, कहीं बिगाड़ने में आप लोगों का मुफ्त में नाम ना आ जाए?
वो साली है ही रंडी ! उसने मुझे पागल कर दिया है, एक रात हम दोनों ही घर थे, पहले बोली- मुझे अकेली डर लगता है, मेरे साथ सोई। आधी रात को मेरी जाग खुली तो देखा कि वो मेरे लौड़े से खेल रही थी। मैंने थप्पड़ मारा, रोने लगी। फिर से मेरा लौड़ा पकड़ने लगी। मैंने एक थप्पड़ जड़ा, उसने मेरे सामने अपने सार कपड़े उतार दिए, मेरा लौड़ा चूसने लगी।
हाय जीजू, आपने किसी को छोड़ा भी है क्या?
मैंने उसकी फुद्दी में लौड़ा डालते हुए कहा- क्या करूँ? टच वुड ! मर्दानगी भगवान् ने बहुत दी है ! ऊपर से मेरा लौड़ा जो औरत लड़की देख लेती है, फिर इसके सपने लेती रहती है !
जोर जोर से उसकी फुद्दी मारने लगा, नीचे लटक रहे उसके दोनों मम्मे मैं मसलने लगा, सहलाने लगा।
वो भी गांड को धकेल-धकेल अपना फूद्दा मरवा रही थी- अह जीजू ! वाह ! सच में आपकी मर्दानगी गज़ब की है ! अह ! और करो जीजू !
मैंने उससे सोनिया और पिंकी के बारे कोरा झूठ बोला, दोनों को मैंने तरीके से बिस्तर में लिटाया था, नाम उनका लगा दिया मैंने।
अह अह ! एकदम से पलटी, मुझे सीधा लिटाया और मेरे लौड़े पर बैठ कर कूदने लगी।
साली, यह सब कहाँ से सीखा तुमने?
उसके मम्मे उछलते थे जब वो हिलती थी, बोली- उस नीग्रो ने मुझे यह सब चीज़ें करवा करवा के सिखा दी हैं, जीजू अब फिर से नीचे लिटा कर टांगें उठवा लो मेरी और जोर जोर से पेलो मुझे ! आज की रात जीजू आपके नाम ! अब तो मौका निकालना पड़ा करेगा !
मैंने जोर जोर से उसकी फुद्दी को झटके देने शुरु कर दिए, उसके अंग-अंग को मैंने मसला।
जब तू एअरपोर्ट में मिली, गले लगी थी न जान, मेरा गोपाल तब से व्याकुल था !
फाड़ डालो मेरी जीजा जी !
मैंने भी स्पीड बढ़ा दी और हम एक साथ झड़ने लगे। मेरे माल ने उसकी फुद्दी को अपने अमृत से भर दिया था।
इतना मजा आया कि क्या बताऊँ जीजू !
बताना क्या है रानी ! अब तो तेरी फुद्दी का भोसड़ा बना दूंगा।
सुबह जब उसकी नींद खुली, वो एकदम नंगी थी, मैंने सिर्फ अंडरवीयर पहना हुआ था, मुझे काफी नींद आई थी। उसने पिंकी की तरह रात को लेकर पछतावा नहीं दिखाया। इसने तो मेरे लौड़े को मसलते हुए अपने होंठों को छाती पर रगड़ते हुए उठाया, मेरा सोया लौड़ा भी खड़ा कर दिया।
मैंने कहा- जान, अब नहीं !
घर चलें?
घर आ गए, दो दिन सभी उससे मिलने आते रहे, हमें मौका नहीं मिल पाता था, वो मेरा लौड़ा लेने को पागल हुई पड़ी थी, उसने मोना को रात को खाने में नींद की ऐसी दवाई खिलाई कि मोना खाना खाते बिस्तर पर लेटी, उसको ऐसी नींद आई मानो वो जिंदा ही न हो।
छोटी साली ने कमरा बंद करके मेरा लौड़ा चूसा, बोली- गांड मरवाने को तयार हूँ जीजू !
स्लो म्यूजिक लगा वो मुझे नाच कर दिखाने लगी, एक एक कर उसने कपड़े उतारे और ज़मीन पर फेंके। दारु के पैग बना कर पिए और पिलाए।
हमने सोचा ही नहीं था कि कामवाली की बेटी को मोना ने दिन रात के लिए रख लिया था जब तक छोटी इंडिया में थी, वो साली को दूध देने आ गई, उस वक़्त मेरा लौड़ा उसकी गांड फाड़ रहा था, वो घबरा कर भाग गई।
हम भी पहले डर गए, मैंने साली को कहा- समझा लूँगा, तुम बस प्यार करती जाओ ! इसकी माँ ने मुझसे खूब फुद्दी मरवाई है, तब मेरी शादी भी नहीं हुई थी और अब लगता है इसका मुंह भी बंद करना होगा !
बाकी अगले भाग में ! बहुत कुछ बाकी है अभी यारो !

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