मैं bhauja.com की पाठक हूँ, मैं मुंबई की रहने वाली हूँ, अभी मेरी उम्र 18 साल है।
आज मैं आपको एक सच्ची घटना बताने वाली हूँ। यह कहानी कुछ साल पहले की है।
मेरी माँ सरकारी नौकरी करती हैं, मेरे पापा सिविल इंजीनियर हैं और वो काम की वजह से बाहर ही रहते हैं।
मेरी माँ दिखने में बहुत खूबसूरत हैं उन पर पूरा स्टाफ लाइन मारता है।
माँ को काम की वजह से बहुत फोन आते हैं लेकिन एक फ़ोन हर रोज आता था और माँ उससे धीमी आवाज में बहुत बातें करती थीं।
मुझे उन पर शक़ होने लगा था।
लेकिन वो कौन है मुझे पता नहीं था।
लेकिन कुछ ही दिनों में माँ ने नया फोन लिया और उनको उस फोन के बारे में ज्यादा नहीं मालूम था।
उस नए फोन पर कॉल रिकॉर्डिंग होती थी और माँ को यह नहीं पता था।
लेकिन मुझे पता चला तो मैं वो रिकॉर्डिंग चुपके से सुनती थी।
तब मुझे पता चला कि माँ का उसके साथ चक्कर चल रहा है, तो मैं उन पर नज़र रखने लगी।
एक दिन उसका माँ के लिए फोन आया और माँ को उन्होंने होटल में मिलने को बुलाया।
तो माँ ने उनको इंकार किया।
फिर उन्होंने माँ को अपने घर बुलाया तो माँ राजी हो गईं।
मुझे यह सब पता चल गया था तो माँ से मैंने कुछ ऐसी जिद्द पकड़ी कि मुझे भी चलना है तो कुछ मायूसी के बाद माँ राजी हो गईं।
हम सुबह 11 बजे घर से निकले और बस स्टॉप पहुँचे, एक आदमी हमको लेने के लिए आया हम उसके साथ चल दिए।
करीब 15 मिनट में उनके घर पहुँच गए।
उनके घर में कोई नहीं था और मैं उन दोनों के पीछे-पीछे चल रही थी और वो दोनों आगे थे।
वो माँ को बोल रहा था- इसको साथ में क्यों लाईं?
माँ चुप रहीं।
खैर.. हम उसके घर आ गए और उस आदमी ने मुझे कम्प्यूटर पर गेम में लगा दिया और मुझे वो खेलने को बोला।
वो दूसरे कमरे में माँ को ले गया।
लेकिन वो एक खिड़की बंद करना भूल ही गया और मुझे लगा कि कुछ गड़बड़ है तो मैं उसे खिड़की से छुप कर देखने लगी।
मैंने देखा कि वो माँ को पकड़ कर उनके मम्मे दबा रहा है और उनको गाल पर चुम्बन कर रहा है।
तब माँ बोली- अरे आज ऐसा मत करो.. फ़िर कभी करेंगे।
उसने माँ को समझाया- कोई नहीं देखेगा..
उसने माँ को बिस्तर पर लिटा दिया और उनके ऊपर चढ़ कर मम्मों को दबाने लगा था..
कुछ ही देर में उसने माँ की साड़ी उतार दी।
मेरी माँ आँखें बंद करके उनको थोड़ा रोक रही थीं.. उनकी रोकने की चेष्टा न रोकने जैसी थी।
कुछ ही देर में माँ को उन्होंने पूरा नंगा किया और खुद भी नंगा हो गया।
माँ आँखें बंद करके लेटी थीं।
उसने माँ के बाल खुले छोड़ दिए थे।
अब वो माँ को पूरी तरह से मसल रहा था.. उन्हें जगह-जगह चुम्मी कर रहा था।
फिर उसने अपना मोटा 7″ का लण्ड माँ के हाथ में दिया तो माँ एकदम से उचक गईं और उस लण्ड को हाथ से छोड़ दिया।
वो बोला- क्या हुआ रानी? पकड़ो और इसे चूसो..
माँ बोली- नहीं मैं नहीं चूसूँगी, यह बहुत लम्बा और मोटा है… मुझे मरना है क्या?
उसने माँ को प्यार से समझाया और माँ कुछ देर बाद राजी हो गईं।
अब वे उसके लौड़े को बड़े प्यार से सहला रही थीं।
कुछ देर बाद ही उन्होंने उस लौड़े को अपनी जीभ से छुआ और एकदम से हटा लिया।
फिर उस आदमी ने माँ के मुँह में लण्ड घुसा दिया माँ पहले मुँह बनती रहीं लेकिन फिर उन्हें लण्ड चूसने में मजा आने लगा।
फिर उसने माँ के पांवों को फैला दिया और माँ के ऊपर आ गया।
माँ की नरम नाजुक चूत को सहलाने लगा और उनके मम्मों को भी दबाने लगा।
वो आदमी अपने लंड पर तेल लगाने लगा और फिर अपना मोटा लंड मेरी माँ की चूत पर रखा और थोड़ा हल्के से धक्का दिया..
माँ ने उनको पकड़ लिया और मैंने देखा कि माँ को दर्द हो रहा था।
तो फिर उन्होंने माँ को थोड़ा सहलाया और फिर एक धक्का दे दिया।
इस बार आधा लंड अन्दर घुस गया था।
अब वो माँ को सहलाने लगा और फिर अगले धक्के में पूरा लंड अन्दर डाल दिया।
माँ को बहुत दर्द होने लगा।
फिर उन्होंने उनको सहला कर धीरे-धीरे आगे-पीछे हो कर धक्के देने शुरू कर दिए और माँ ने अपनी आंखें बंद कर लीं।
तब उन्होंने माँ को आंखें खोलने को बोला.. तो माँ ने मना कर दिया।
फिर वो जोर-जोर से धक्के देने लगा और माँ के मम्मों को चूसने लगा।
कुछ ही देर में वो और जोर से धक्के देने लगा और उसने अपनी रफ़्तार बढ़ा ली।
फिर एक ज़ोर का झटका दिया और अपना पूरा पानी माँ की चूत में छोड़ दिया और माँ को चूमने लगा।
कुछ पल बाद वो उठ कर अपने कपड़े पहनने लगा और माँ जल्दी से उठकर बाथरूम में भागी और साफ़ हो कर आईं।
फिर माँ ने अपनी साड़ी पहनी और बाहर मेरे पास आईं, फिर उस अंकल ने मुझे चॉकलेट दिए और हमको छोड़ने के लिहाज से बस स्टॉप पर आया और उधर हमें छोड़ दिया और खुद वहाँ से चले गए।
हम घर आ गए और माँ ने उन्हें 20-25 दिनों बाद फ़ोन पर बताया कि वो प्रेग्नेंट हैं।
तो वो माँ को थोड़ा छेड़ने लगे और बोले- तुम तो मेरे बच्चे की माँ बनोगी।
तब माँ ने उन्हें बोला- मुझे ये बच्चा नहीं चाहिए और मुझे बहुत डर लग रहा है।
वो हँसने लगा।
माँ ने उनको बोला- बदतमीजी आपने की और सजा मुझे मिल रही है।
तभी उन्होंने माँ को गर्भनिरोधक गोलियाँ देने की बात कही और शायद बाद में उन्होंने गोलियाँ दी भी होंगी।
माँ के उससे अवैध सम्बंध होने का मुख्य कारण पापा का उनसे दूर रहना था।
आज मैं भी इस बात को समझने लगी हूँ कि मेरी माँ की शरीर की जरूरत के चलते ही उन्होंने उस व्यक्ति से अपने जिस्मानी रिश्ते बना लिए थे।
यह कहानी बिल्कुल सच्ची है।
आज मैं आपको एक सच्ची घटना बताने वाली हूँ। यह कहानी कुछ साल पहले की है।
मेरी माँ सरकारी नौकरी करती हैं, मेरे पापा सिविल इंजीनियर हैं और वो काम की वजह से बाहर ही रहते हैं।
मेरी माँ दिखने में बहुत खूबसूरत हैं उन पर पूरा स्टाफ लाइन मारता है।
माँ को काम की वजह से बहुत फोन आते हैं लेकिन एक फ़ोन हर रोज आता था और माँ उससे धीमी आवाज में बहुत बातें करती थीं।
मुझे उन पर शक़ होने लगा था।
लेकिन वो कौन है मुझे पता नहीं था।
लेकिन कुछ ही दिनों में माँ ने नया फोन लिया और उनको उस फोन के बारे में ज्यादा नहीं मालूम था।
उस नए फोन पर कॉल रिकॉर्डिंग होती थी और माँ को यह नहीं पता था।
लेकिन मुझे पता चला तो मैं वो रिकॉर्डिंग चुपके से सुनती थी।
तब मुझे पता चला कि माँ का उसके साथ चक्कर चल रहा है, तो मैं उन पर नज़र रखने लगी।
एक दिन उसका माँ के लिए फोन आया और माँ को उन्होंने होटल में मिलने को बुलाया।
तो माँ ने उनको इंकार किया।
फिर उन्होंने माँ को अपने घर बुलाया तो माँ राजी हो गईं।
मुझे यह सब पता चल गया था तो माँ से मैंने कुछ ऐसी जिद्द पकड़ी कि मुझे भी चलना है तो कुछ मायूसी के बाद माँ राजी हो गईं।
हम सुबह 11 बजे घर से निकले और बस स्टॉप पहुँचे, एक आदमी हमको लेने के लिए आया हम उसके साथ चल दिए।
करीब 15 मिनट में उनके घर पहुँच गए।
उनके घर में कोई नहीं था और मैं उन दोनों के पीछे-पीछे चल रही थी और वो दोनों आगे थे।
वो माँ को बोल रहा था- इसको साथ में क्यों लाईं?
माँ चुप रहीं।
खैर.. हम उसके घर आ गए और उस आदमी ने मुझे कम्प्यूटर पर गेम में लगा दिया और मुझे वो खेलने को बोला।
वो दूसरे कमरे में माँ को ले गया।
लेकिन वो एक खिड़की बंद करना भूल ही गया और मुझे लगा कि कुछ गड़बड़ है तो मैं उसे खिड़की से छुप कर देखने लगी।
मैंने देखा कि वो माँ को पकड़ कर उनके मम्मे दबा रहा है और उनको गाल पर चुम्बन कर रहा है।
तब माँ बोली- अरे आज ऐसा मत करो.. फ़िर कभी करेंगे।
उसने माँ को समझाया- कोई नहीं देखेगा..
उसने माँ को बिस्तर पर लिटा दिया और उनके ऊपर चढ़ कर मम्मों को दबाने लगा था..
कुछ ही देर में उसने माँ की साड़ी उतार दी।
मेरी माँ आँखें बंद करके उनको थोड़ा रोक रही थीं.. उनकी रोकने की चेष्टा न रोकने जैसी थी।
कुछ ही देर में माँ को उन्होंने पूरा नंगा किया और खुद भी नंगा हो गया।
माँ आँखें बंद करके लेटी थीं।
उसने माँ के बाल खुले छोड़ दिए थे।
अब वो माँ को पूरी तरह से मसल रहा था.. उन्हें जगह-जगह चुम्मी कर रहा था।
फिर उसने अपना मोटा 7″ का लण्ड माँ के हाथ में दिया तो माँ एकदम से उचक गईं और उस लण्ड को हाथ से छोड़ दिया।
वो बोला- क्या हुआ रानी? पकड़ो और इसे चूसो..
माँ बोली- नहीं मैं नहीं चूसूँगी, यह बहुत लम्बा और मोटा है… मुझे मरना है क्या?
उसने माँ को प्यार से समझाया और माँ कुछ देर बाद राजी हो गईं।
अब वे उसके लौड़े को बड़े प्यार से सहला रही थीं।
कुछ देर बाद ही उन्होंने उस लौड़े को अपनी जीभ से छुआ और एकदम से हटा लिया।
फिर उस आदमी ने माँ के मुँह में लण्ड घुसा दिया माँ पहले मुँह बनती रहीं लेकिन फिर उन्हें लण्ड चूसने में मजा आने लगा।
फिर उसने माँ के पांवों को फैला दिया और माँ के ऊपर आ गया।
माँ की नरम नाजुक चूत को सहलाने लगा और उनके मम्मों को भी दबाने लगा।
वो आदमी अपने लंड पर तेल लगाने लगा और फिर अपना मोटा लंड मेरी माँ की चूत पर रखा और थोड़ा हल्के से धक्का दिया..
माँ ने उनको पकड़ लिया और मैंने देखा कि माँ को दर्द हो रहा था।
तो फिर उन्होंने माँ को थोड़ा सहलाया और फिर एक धक्का दे दिया।
इस बार आधा लंड अन्दर घुस गया था।
अब वो माँ को सहलाने लगा और फिर अगले धक्के में पूरा लंड अन्दर डाल दिया।
माँ को बहुत दर्द होने लगा।
फिर उन्होंने उनको सहला कर धीरे-धीरे आगे-पीछे हो कर धक्के देने शुरू कर दिए और माँ ने अपनी आंखें बंद कर लीं।
तब उन्होंने माँ को आंखें खोलने को बोला.. तो माँ ने मना कर दिया।
फिर वो जोर-जोर से धक्के देने लगा और माँ के मम्मों को चूसने लगा।
कुछ ही देर में वो और जोर से धक्के देने लगा और उसने अपनी रफ़्तार बढ़ा ली।
फिर एक ज़ोर का झटका दिया और अपना पूरा पानी माँ की चूत में छोड़ दिया और माँ को चूमने लगा।
कुछ पल बाद वो उठ कर अपने कपड़े पहनने लगा और माँ जल्दी से उठकर बाथरूम में भागी और साफ़ हो कर आईं।
फिर माँ ने अपनी साड़ी पहनी और बाहर मेरे पास आईं, फिर उस अंकल ने मुझे चॉकलेट दिए और हमको छोड़ने के लिहाज से बस स्टॉप पर आया और उधर हमें छोड़ दिया और खुद वहाँ से चले गए।
हम घर आ गए और माँ ने उन्हें 20-25 दिनों बाद फ़ोन पर बताया कि वो प्रेग्नेंट हैं।
तो वो माँ को थोड़ा छेड़ने लगे और बोले- तुम तो मेरे बच्चे की माँ बनोगी।
तब माँ ने उन्हें बोला- मुझे ये बच्चा नहीं चाहिए और मुझे बहुत डर लग रहा है।
वो हँसने लगा।
माँ ने उनको बोला- बदतमीजी आपने की और सजा मुझे मिल रही है।
तभी उन्होंने माँ को गर्भनिरोधक गोलियाँ देने की बात कही और शायद बाद में उन्होंने गोलियाँ दी भी होंगी।
माँ के उससे अवैध सम्बंध होने का मुख्य कारण पापा का उनसे दूर रहना था।
आज मैं भी इस बात को समझने लगी हूँ कि मेरी माँ की शरीर की जरूरत के चलते ही उन्होंने उस व्यक्ति से अपने जिस्मानी रिश्ते बना लिए थे।
यह कहानी बिल्कुल सच्ची है।