hi मैं सुनीता भाभी । मेरे सारे देवर को bhauja.com की ये कहानी को स्वगात करता हूँ ।
दोस्तो, मेरा नाम प्रदीप है। मैं मध्य प्रदेश का रहने वाला हूँ। हर दिन मैं BHAUJA मैं चुदाई की कहानी पढता हूँ । मैं यहाँ मेरी पहली और सच्ची कहानी बताने जा रहा हूँ। जिस घटना के बारे में मैं लिख रहा हूँ उस वक्त मेरी उम्र 21 की थी। मैं एक इंजीनियरिंग का छात्र हूँ। मेरी हाइट 5’9″ है और मेरा लंड 8″ का है। मैं भोपाल में रह कर अपनी पढ़ाई करता था।
मेरी गर्लफ्रेंड भी हमारे घर से कुछ ही दूर पर रहती थी.. उसका नाम सोनम है। मेरी गर्लफ्रेंड की उम्र 20 वर्ष.. हाइट 5’4″ और फिगर 30-26-30 है।
भोपाल आ जाने के बाद मेरा दिल नहीं लगता था दिल मिलने के लिए बेकरार रहता था.. पर हम दोनों के शहरों के बीच में दूरी काफ़ी थी। चाहता था कि सोनम को भी अपने पास बुला लूँ।
हम दोनों के बीच फोन से काफ़ी बात होती थीं। हम लोग हर तरह की बात करते थे। पहले वो सेक्स वाली बातें नहीं करती थी.. फिर कुछ दिन बाद हम दोनों वो सारी बातें करने लगे।
एक दिन वो बात करते-करते बहुत गर्म हो गई.. तो मैंने उससे कहा- सोनम सेक्स करने का बहुत मन कर रहा है।
उसने भी कहा- हाँ यार.. मेरा भी बहुत मन करता है।
मैंने कहा- मैं होली में घर आ रहा हूँ।
तो उसने कहा- प्रदीप जल्दी आओ.. अब मुझसे नहीं रहा जाता है।
फिर मैं एक हफ्ते बाद होली के छुट्टी में घर चला गया। मैं पहुँचते ही सबसे पहले सोनम के घर गया वो मुझे देख कर बहुत खुश हुई।
रात को हमने अगले दिन सेक्स करने का पूरी प्लानिंग की।
मैंने उसे बताया- कल तुम कॉलेज जाने को निकलना और घर में अपनी किसी फ्रेंड के यहाँ रुकने का बहाना बना देना।
वो जब कॉलेज से निकली.. तब अपने किसी फ्रेंड से घर में कॉल लगा कर उसके यहाँ रुकने का बहाना बना दिया।
मैं भी घर में अपने एक दोस्त के बर्थडे पार्टी में जाने का बहाना बना कर रात में वहीं रुकने का बता कर निकल गया।
फिर हम लोग वहाँ से करीब 50 क़ि.मी. दूर मेन सिटी में चले गए। करीब 5 बजे शाम को हम लोग होटल पहुँचे.. एक कमरा लिया और कमरे में चले गए।
यह पहली बार था कि मैं और सोनम एक कमरे में अकेले थे इधर कोई अन्य रोक-टोक करने वाला भी नहीं था।
मैंने उसके सामने अपने कपड़े बदले.. वो शर्मा गई और खुद कपड़े चेंज करने के लिए बाथरूम में चली गई। चूंकि हम लोगों की पहले से प्लानिंग थी.. इसलिए हम लोग अपने एक्स्ट्रा कपड़े छुपा कर ले आए थे।
वो चेंज करके निकली.. तो मैं अन्दर से इतना खुश हो गया था कि आज तो इसकी सील तोड़ ही दूँगा। मैंने उसको नाइट ड्रेस में पहली बार देखा था। मेरा 8 इंच का लंड ‘टन.. टन..’ कर रहा था.. पर वो इतना लंबे सफ़र के वजह से थक चुकी थी।
वो मेरे बगल में आकर बैठ गई। कुछ 5 मिनट तक हम लोगों ने बात की और मेरे से रहा नहीं गया तो मैं सीधे उसको ‘लिप किस’ करने लगा। इसके साथ ही मैं उसके दूध मसलने लगा।
वो अब जोश में आ गई और मेरा लंड पकड़ कर रगड़ने लगी।
यह हम लोगों के लिए पहला चुदाई का मजा वाला अवसर था।
फिर मैंने सोनम के सारे कपड़े 2 मिनट के अन्दर उतार दिए और उसके जिस्म से खेलने लगा। उसके चूत के बाल बढ़े हुए थे और उसकी चूत में रस निकल रहा था। ये देखकर मैं पागल हो रहा था।
मैंने अपना लंड हिलाया.. लंड का साइज़ देखकर सोनम डर गई, वो बोली- मेरी चूत आज फाड़ दोगे क्या.. ये तो अन्दर जाएगा ही नहीं?
मैं बोला- चूत तो क्या.. आज गाण्ड में भी घुस जाएगा।
मैं उसकी चूत का रस चूसने लगा सच में एकदम फ्रेश चूत थी।
मेरा 8 इंच का लंड घुसने के लिए उतावला हो चुका था। फिर मैं ज़्यादा देर रूका नहीं और बिना कन्डोम लगाए अपना लंड का सुपारा उसकी चूत में रखा और धीरे-धीरे पुश करने लगा.. पर लौड़ा अन्दर नहीं जा रहा था।
फिर मैंने एक ज़ोर का झटका मारा तो सुपाड़ा घुस गया और सोनम चिल्लाने लगी- निकालो.. निकालो..
पर मैंने अनसुना करते हुए एक और झटका दिया। इसी तरह 4 झटके में 80% लंड अन्दर चला गया और मैं उसके मम्मों को पकड़ कर चूसने लगा था।
फिर धीमी गति से 15 मिनट चुदाई की और मैंने देखा कि उसका खून निकलने लगा।
तभी वो अकड़ने लगी और झड़ गई.. फिर मेरा भी रस निकलने वाला था।
मैंने लंड बाहर निकाला और कन्डोम लगा कर एक बार फिर फुल स्पीड से पेल दिया और कुछ देर बाद मैं झड़ गया सोनम भी दुबारा झड़ गई।
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
अब हम लोग एक-दूसरे को पकड़ कर 20 मिनट तक यूँ ही पड़े रहे।
मैंने खाना ऑर्डर किया और 8:30 बजे डिनर करने के बाद 20 मिनट टीवी देखा.. उसके बाद मैंने फिर से सोनम को दबोच लिया और फटाफट सारे कपड़े उतार दिए। मैं उसके मम्मों को मसलने लगा.. उसकी झांटें देखकर मैं पागल हो जाता था।
सोनम को मैंने जी भर के चूसा और वो फिर चुदने के लिए तैयार हो गई।
मैंने सोचा इस बार इसकी गाण्ड मारूँगा और मैंने उसको पलट दिया और ट्राइ किया.. पर मेरा लंड मोटा होने के कारण अन्दर नहीं जा रहा था इसलिए मैंने सोचा कि फिर कभी गाण्ड मारूँगा.. अभी इसकी चूत ही ढीली कर देता हूँ। फिर मैंने उसे जमकर चोदना चालू किया।
वो ‘आहह.. उहह..’ करके मज़े ले रही थी और बोल रही थी- फाड़ दो.. मेरी चूत फाड़ दो.. और चोदो.. जमके चोदो.. इस तरह की आवाजें सुन कर मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी।
मैंने इसी उत्तेजना के दौर में लंड निकाला और उसके मुँह में डाल दिया। उसने भी दो बार मेरा लंड चूसा और फिर मैंने लौड़ा मुँह से निकाल कर उसकी रसीली चूत में डाल दिया।
करीब 25 मिनट चोदने के बाद मैंने अपना रस उसके मम्मों पर गिरा दिया और थोड़ी देर बाद सब साफ़ करके हम लोग नंगे ही लेट गए।
एक-दूसरे को देखते-देखते अभी रात के 11 बज चुके थे.. सोनम थकी हुई थी इसलिए वो सो गई.. पर मेरे पास सिर्फ़ रात भर का टाइम था।
मुझे नींद नहीं आ रही थी। मैं चोदने के तरीके सोच रहा था। एक बजे रात को मैंने उसके मम्मों को रगड़ना शुरू किया। वो नींद में थी मैंने उसको उठाया और बोला- सोनम मुझे फिर से चोदना है।
वो बोली- सो जाओ.. नींद आ रही है..
मैंने उसकी एक ना सुनी और उस पर चढ़ गया। मैं अपना लंड रगड़ने लगा.. वो भी तैयार हो गई और मेरा साथ देने लगी।
अब हमने ज़्यादा टाइम वेस्ट नहीं किया फिर मैंने उसकी चूत में लंड डाला और अन्दर-बाहर करने लगा।
वो ‘अया.. उहह.. और चोदो..’ इस तरह की कामुक बातें बोले जा रही थी।
मैं उसे पेले जा रहा था। मैंने धकापेल 15 मिनट चुदाई की.. फिर हम दोनों ही एक साथ झड़ गए.. और वो लस्त होकर सो गई।
फिर मैं भी सो गया..
अचानक नींद खुली तो देखा सुबह के 5 बज रहे थे।
मैं फिर से उस पर चढ़ गया और बोला- जल्दी चोदने दो.. टाइम नहीं है।
उसने भी जल्दी से टाँगें फैला दीं और मेरा साथ दिया।
करीब 20 मिनट तक मैंने कन्डोम लगा के उसे फिर पेला.. इस बार वो पहले झड़ ही चुकी थी.. लेकिन मुझे मज़ा आ रहा था और फिर थोड़ी देर में सोनम थक कर चूर हो चुकी थी.. वो फिर सो ग।
फिर वो सुबह 8 बजे उठी.. बाथरूम गई उधर से आने के बाद.. मैंने फिर उसे पेला।
इस बार वो मेरे ऊपर थी.. मैं नीचे से झटके मार रहा था.. पर इस बार 10 मिनट तक ही चोद पाया। उसकी चूत पूरी तरह से फट चुकी थी।
फिर मैंने कन्डोम लगाया और उसके मम्मों को मसलने लगा और थोड़ी देर में पूजा की चूत से रस निकलने लगा। मैंने भी मौका देख कर लंड डाला और धक्के देना चालू कर दिया। मेरा 8 इंच के लण्ड से वो चुद कर बहुत कमजोर हो गई थी। उसकी चूत बहुत दर्द दे रही थी। मैंने जी भर के पेला और वो लेट गई।
हम 11 बजे दिन में निकलने वाले थे। मैंने सोचा एक बार और चोदूँगा। फिर क्या था.. 10 बजे तक एक बार और चोद डाला।
अब सोनम दर्द से चल भी नहीं पा रही थी.. लेकिन थोड़ी देर रेस्ट करने के बाद हम लोग बस में बैठ कर घर आने लगे।
वहाँ से रास्ते भर वो यही कहती रही- क्या चोदा है.. तुमने मुझे.. मेरा पूरा शरीर दर्द दे रहा है। कमर और चूत बहुत दर्द कर रहा है।
मैंने उसे एक दर्द निवारक गोली दी और बोला- बस में आराम से सो जाना।
हम घर पहुँच गए.. उसके बाद तो जैसे चुदाई का सिलसिला ही चल पड़ा। मैंने उसे कई बार उसके और अपने घर में भी बुला कर चोदा।
अब वो मुझसे दूर हो गई है, उसकी पिछले साल शादी हो गई।
लेखक : सुनीता पृस्टी
प्रकाषक : bhauja.com
दोस्तो, मेरा नाम प्रदीप है। मैं मध्य प्रदेश का रहने वाला हूँ। हर दिन मैं BHAUJA मैं चुदाई की कहानी पढता हूँ । मैं यहाँ मेरी पहली और सच्ची कहानी बताने जा रहा हूँ। जिस घटना के बारे में मैं लिख रहा हूँ उस वक्त मेरी उम्र 21 की थी। मैं एक इंजीनियरिंग का छात्र हूँ। मेरी हाइट 5’9″ है और मेरा लंड 8″ का है। मैं भोपाल में रह कर अपनी पढ़ाई करता था।
मेरी गर्लफ्रेंड भी हमारे घर से कुछ ही दूर पर रहती थी.. उसका नाम सोनम है। मेरी गर्लफ्रेंड की उम्र 20 वर्ष.. हाइट 5’4″ और फिगर 30-26-30 है।
भोपाल आ जाने के बाद मेरा दिल नहीं लगता था दिल मिलने के लिए बेकरार रहता था.. पर हम दोनों के शहरों के बीच में दूरी काफ़ी थी। चाहता था कि सोनम को भी अपने पास बुला लूँ।
हम दोनों के बीच फोन से काफ़ी बात होती थीं। हम लोग हर तरह की बात करते थे। पहले वो सेक्स वाली बातें नहीं करती थी.. फिर कुछ दिन बाद हम दोनों वो सारी बातें करने लगे।
एक दिन वो बात करते-करते बहुत गर्म हो गई.. तो मैंने उससे कहा- सोनम सेक्स करने का बहुत मन कर रहा है।
उसने भी कहा- हाँ यार.. मेरा भी बहुत मन करता है।
मैंने कहा- मैं होली में घर आ रहा हूँ।
तो उसने कहा- प्रदीप जल्दी आओ.. अब मुझसे नहीं रहा जाता है।
फिर मैं एक हफ्ते बाद होली के छुट्टी में घर चला गया। मैं पहुँचते ही सबसे पहले सोनम के घर गया वो मुझे देख कर बहुत खुश हुई।
रात को हमने अगले दिन सेक्स करने का पूरी प्लानिंग की।
मैंने उसे बताया- कल तुम कॉलेज जाने को निकलना और घर में अपनी किसी फ्रेंड के यहाँ रुकने का बहाना बना देना।
वो जब कॉलेज से निकली.. तब अपने किसी फ्रेंड से घर में कॉल लगा कर उसके यहाँ रुकने का बहाना बना दिया।
मैं भी घर में अपने एक दोस्त के बर्थडे पार्टी में जाने का बहाना बना कर रात में वहीं रुकने का बता कर निकल गया।
फिर हम लोग वहाँ से करीब 50 क़ि.मी. दूर मेन सिटी में चले गए। करीब 5 बजे शाम को हम लोग होटल पहुँचे.. एक कमरा लिया और कमरे में चले गए।
यह पहली बार था कि मैं और सोनम एक कमरे में अकेले थे इधर कोई अन्य रोक-टोक करने वाला भी नहीं था।
मैंने उसके सामने अपने कपड़े बदले.. वो शर्मा गई और खुद कपड़े चेंज करने के लिए बाथरूम में चली गई। चूंकि हम लोगों की पहले से प्लानिंग थी.. इसलिए हम लोग अपने एक्स्ट्रा कपड़े छुपा कर ले आए थे।
वो चेंज करके निकली.. तो मैं अन्दर से इतना खुश हो गया था कि आज तो इसकी सील तोड़ ही दूँगा। मैंने उसको नाइट ड्रेस में पहली बार देखा था। मेरा 8 इंच का लंड ‘टन.. टन..’ कर रहा था.. पर वो इतना लंबे सफ़र के वजह से थक चुकी थी।
वो मेरे बगल में आकर बैठ गई। कुछ 5 मिनट तक हम लोगों ने बात की और मेरे से रहा नहीं गया तो मैं सीधे उसको ‘लिप किस’ करने लगा। इसके साथ ही मैं उसके दूध मसलने लगा।
वो अब जोश में आ गई और मेरा लंड पकड़ कर रगड़ने लगी।
यह हम लोगों के लिए पहला चुदाई का मजा वाला अवसर था।
फिर मैंने सोनम के सारे कपड़े 2 मिनट के अन्दर उतार दिए और उसके जिस्म से खेलने लगा। उसके चूत के बाल बढ़े हुए थे और उसकी चूत में रस निकल रहा था। ये देखकर मैं पागल हो रहा था।
मैंने अपना लंड हिलाया.. लंड का साइज़ देखकर सोनम डर गई, वो बोली- मेरी चूत आज फाड़ दोगे क्या.. ये तो अन्दर जाएगा ही नहीं?
मैं बोला- चूत तो क्या.. आज गाण्ड में भी घुस जाएगा।
मैं उसकी चूत का रस चूसने लगा सच में एकदम फ्रेश चूत थी।
मेरा 8 इंच का लंड घुसने के लिए उतावला हो चुका था। फिर मैं ज़्यादा देर रूका नहीं और बिना कन्डोम लगाए अपना लंड का सुपारा उसकी चूत में रखा और धीरे-धीरे पुश करने लगा.. पर लौड़ा अन्दर नहीं जा रहा था।
फिर मैंने एक ज़ोर का झटका मारा तो सुपाड़ा घुस गया और सोनम चिल्लाने लगी- निकालो.. निकालो..
पर मैंने अनसुना करते हुए एक और झटका दिया। इसी तरह 4 झटके में 80% लंड अन्दर चला गया और मैं उसके मम्मों को पकड़ कर चूसने लगा था।
फिर धीमी गति से 15 मिनट चुदाई की और मैंने देखा कि उसका खून निकलने लगा।
तभी वो अकड़ने लगी और झड़ गई.. फिर मेरा भी रस निकलने वाला था।
मैंने लंड बाहर निकाला और कन्डोम लगा कर एक बार फिर फुल स्पीड से पेल दिया और कुछ देर बाद मैं झड़ गया सोनम भी दुबारा झड़ गई।
यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं !
अब हम लोग एक-दूसरे को पकड़ कर 20 मिनट तक यूँ ही पड़े रहे।
मैंने खाना ऑर्डर किया और 8:30 बजे डिनर करने के बाद 20 मिनट टीवी देखा.. उसके बाद मैंने फिर से सोनम को दबोच लिया और फटाफट सारे कपड़े उतार दिए। मैं उसके मम्मों को मसलने लगा.. उसकी झांटें देखकर मैं पागल हो जाता था।
सोनम को मैंने जी भर के चूसा और वो फिर चुदने के लिए तैयार हो गई।
मैंने सोचा इस बार इसकी गाण्ड मारूँगा और मैंने उसको पलट दिया और ट्राइ किया.. पर मेरा लंड मोटा होने के कारण अन्दर नहीं जा रहा था इसलिए मैंने सोचा कि फिर कभी गाण्ड मारूँगा.. अभी इसकी चूत ही ढीली कर देता हूँ। फिर मैंने उसे जमकर चोदना चालू किया।
वो ‘आहह.. उहह..’ करके मज़े ले रही थी और बोल रही थी- फाड़ दो.. मेरी चूत फाड़ दो.. और चोदो.. जमके चोदो.. इस तरह की आवाजें सुन कर मैंने अपनी स्पीड बढ़ा दी।
मैंने इसी उत्तेजना के दौर में लंड निकाला और उसके मुँह में डाल दिया। उसने भी दो बार मेरा लंड चूसा और फिर मैंने लौड़ा मुँह से निकाल कर उसकी रसीली चूत में डाल दिया।
करीब 25 मिनट चोदने के बाद मैंने अपना रस उसके मम्मों पर गिरा दिया और थोड़ी देर बाद सब साफ़ करके हम लोग नंगे ही लेट गए।
एक-दूसरे को देखते-देखते अभी रात के 11 बज चुके थे.. सोनम थकी हुई थी इसलिए वो सो गई.. पर मेरे पास सिर्फ़ रात भर का टाइम था।
मुझे नींद नहीं आ रही थी। मैं चोदने के तरीके सोच रहा था। एक बजे रात को मैंने उसके मम्मों को रगड़ना शुरू किया। वो नींद में थी मैंने उसको उठाया और बोला- सोनम मुझे फिर से चोदना है।
वो बोली- सो जाओ.. नींद आ रही है..
मैंने उसकी एक ना सुनी और उस पर चढ़ गया। मैं अपना लंड रगड़ने लगा.. वो भी तैयार हो गई और मेरा साथ देने लगी।
अब हमने ज़्यादा टाइम वेस्ट नहीं किया फिर मैंने उसकी चूत में लंड डाला और अन्दर-बाहर करने लगा।
वो ‘अया.. उहह.. और चोदो..’ इस तरह की कामुक बातें बोले जा रही थी।
मैं उसे पेले जा रहा था। मैंने धकापेल 15 मिनट चुदाई की.. फिर हम दोनों ही एक साथ झड़ गए.. और वो लस्त होकर सो गई।
फिर मैं भी सो गया..
अचानक नींद खुली तो देखा सुबह के 5 बज रहे थे।
मैं फिर से उस पर चढ़ गया और बोला- जल्दी चोदने दो.. टाइम नहीं है।
उसने भी जल्दी से टाँगें फैला दीं और मेरा साथ दिया।
करीब 20 मिनट तक मैंने कन्डोम लगा के उसे फिर पेला.. इस बार वो पहले झड़ ही चुकी थी.. लेकिन मुझे मज़ा आ रहा था और फिर थोड़ी देर में सोनम थक कर चूर हो चुकी थी.. वो फिर सो ग।
फिर वो सुबह 8 बजे उठी.. बाथरूम गई उधर से आने के बाद.. मैंने फिर उसे पेला।
इस बार वो मेरे ऊपर थी.. मैं नीचे से झटके मार रहा था.. पर इस बार 10 मिनट तक ही चोद पाया। उसकी चूत पूरी तरह से फट चुकी थी।
फिर मैंने कन्डोम लगाया और उसके मम्मों को मसलने लगा और थोड़ी देर में पूजा की चूत से रस निकलने लगा। मैंने भी मौका देख कर लंड डाला और धक्के देना चालू कर दिया। मेरा 8 इंच के लण्ड से वो चुद कर बहुत कमजोर हो गई थी। उसकी चूत बहुत दर्द दे रही थी। मैंने जी भर के पेला और वो लेट गई।
हम 11 बजे दिन में निकलने वाले थे। मैंने सोचा एक बार और चोदूँगा। फिर क्या था.. 10 बजे तक एक बार और चोद डाला।
अब सोनम दर्द से चल भी नहीं पा रही थी.. लेकिन थोड़ी देर रेस्ट करने के बाद हम लोग बस में बैठ कर घर आने लगे।
वहाँ से रास्ते भर वो यही कहती रही- क्या चोदा है.. तुमने मुझे.. मेरा पूरा शरीर दर्द दे रहा है। कमर और चूत बहुत दर्द कर रहा है।
मैंने उसे एक दर्द निवारक गोली दी और बोला- बस में आराम से सो जाना।
हम घर पहुँच गए.. उसके बाद तो जैसे चुदाई का सिलसिला ही चल पड़ा। मैंने उसे कई बार उसके और अपने घर में भी बुला कर चोदा।
अब वो मुझसे दूर हो गई है, उसकी पिछले साल शादी हो गई।
लेखक : सुनीता पृस्टी
प्रकाषक : bhauja.com