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हाय, कॉलेज-गर्ल्स भाभियों और लड़कियों!
मेरा नाम राज है, मैं भोपाल से हूँ, 22 साल का हूँ, मेरी गर्लफ़्रेंड का नाम निशा है, 20 साल की है और उसकी फिगर तो ऐसी थी कि पूछो मत। वो बहुत ही सुंदर है, एकदम गोरी-चिट्टी लम्बे-लम्बे काले बाल, हाइट करीब 5 फुट 5 इन्च और फिगर 36-26-38 है, उसका फिगर मस्त है।
अब मैं आपको अपनी गर्ल-फ़्रेंड निशा के साथ हुई जबरदस्त चुदाई के बारे में बताता हूँ, उम्मीद है इस कहानी को आप पसंद करेंगे।
हम दोनों घर से बाहर एक ही कमरे में रह कर पढ़ते थे। मैंने कमरे में पढ़ने के लिए कुछ गंदी किताबें रखी हुई थीं जो एक दिन निशा के हाथ लग गईं। इसलिए मैं अपने लंड और वो अपनी चूत की प्यास नहीं रोक सके।
वो बोली- मैं ही तुम्हारी वाइफ़ और लाइफ दोनों ही बन जाती हूँ और मुझे अपनी ही समझो और मेरे साथ सेक्स करो।
वो जींस-शर्ट में आई और बोली- चलो शुरू हो जाओ।
उसने मुझे चुम्बन करना शुरु कर दिया मेरे होंठों को वो बुरी तरह से चूमने लगी।
मैं भी जोश में आ गया और उसको चूमने लगा।
मैंने उसको अपनी बाँहों में भर लिया और उसको उठा कर बिस्तर पर लिटा दिया।
मैं उसके ऊपर आ गया और उसको चूमना शुरु कर दिया।
दस मिनट तक मैं उसको चूमता रहा। फिर मैंने उसकी शर्ट खोल दी, उसके बाद मैंने उसकी ब्रा भी खोल दी।
जैसे ही मैंने ब्रा खोली तो उसके दूध उछल कर बाहर आ गए।
मैं उसे देखकर पागल हो उठा और उनको दबाने लगा।
कितने दिनों के बाद इसके पूरे के पूरे मम्मों देखने को और दबाने को मिले।
फिर मैंने उसके चूचुकों को मुँह में रख लिया और चूसने लगा।
वो ‘आह्हह… ह्हाह्हहह’ कर रही थी, मैं उसे चूसता ही रहा।
थोड़ी देर बाद मैंने उसकी जींस खोल कर उसको केवल पैंटी में ला दिया।
उसने डोरी वाली पैन्टी पहनी हुई थी।
उसकी चूत बहुत गरम हो गई थी तो उसकी पैंटी गीली हो चुकी थी।
मैं पैंटी को निकाल कर उसकी चूत को फैला कर चाटने लगा। उसने अपनी एक टांग को मेरे कंधे के ऊपर चढ़ा दिया और मेरे लंड को अपनी जांघों के बीच में ठीक चूत के मुहाने पर रख लिया।
मुझे उसकी जांघों के बीच एक मुलायम रेशमी अहसास हुआ।
यह उसकी नर्म चूत थी।
वो अब पूरी तरह नंगी थी और मेरे लंड का सुपाड़ा उसकी झांटों में घूम रहा था।
मैं चुपचाप उसके चेहरे को देखते हुए चूची मसलता रहा।
उसने अपना मुँह मेरे मुँह से बिल्कुल सटा दिया और फुसफुसा कर बोली- अपनी निशा को चोदो…
निशा हाथ से लंड को निशाने पर लगा कर रास्ता दिखा रही थी और रास्ता मिलते ही एक ही धक्के में मेरे लंड का सुपारा अन्दर चला गया।
इससे पहले कि निशा सम्भले या आसन बदले, मैंने दूसरा धक्का लगाया और मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी मक्खन जैसी चूत की जन्नत में दाखिल हो गया।
निशा चिल्लाई- उईई ईईईइ ईईइ माआआ हुहुह्हह्हह ओह यार, ऐसे ही कुछ देर हिलना-डुलना नहीं.. हाय.. बड़ा जालिम है तुम्हारा लंड.. मार ही डाला मुझे.. तुमने मेरे राजा।
निशा को काफ़ी दर्द हो रहा था। पहली बार में ही इतना मोटा और लम्बा लंड उनके बुर में घुस गया था।
मैं अपना लंड उसकी चूत में घुसा कर चुपचाप पड़ा था।
निशा की चूत फड़क रही थी और अन्दर ही अन्दर मेरे लौड़े को मसल रही थी।
उसकी उठी-उठी चूचियाँ काफ़ी तेज़ी से ऊपर-नीचे हो रही थीं।
मैंने हाथ बढ़ा कर दोनों मम्मों को पकड़ लिया और मुँह में लेकर चूसने लगा।
निशा को कुछ राहत मिली और उसने कमर हिलानी शुरु कर दी।
फिर निशा बोली- अब लंड को बाहर निकालो।
लेकिन मैं लंड को धीरे-धीरे निशा की चूत में अन्दर-बाहर करने लगा।
फिर निशा ने रफ़्तार बढ़ाने को कहा।
मैंने अपनी रफ़्तार बढ़ा दी और तेज़ी से लंड अन्दर-बाहर करने लगा।
निशा को पूरी मस्ती आ रही थी और वो नीचे से चूतड़ उठा-उठा कर हर धक्के का जवाब देने लगी।
उसकी रसीली चूची मेरी छाती पर रगड़ रही थीं।
उसने गुलाबी होंठ मेरे होंठ पर रख दिए और मेरे मुँह में जीभ को ठेल दिया। चूत में मेरा लंड समाए हुए तेज़ी से ऊपर-नीचे हो रहा था।
मुझे लग रहा था कि मैं जन्नत में पहुँच गया हूँ।
जैसे-जैसे वो झड़ने के करीब आ रही थी, उसकी रफ़्तार बढ़ती जा रही थी। कमरे में ‘फच-फच’ की आवाज गूंज रही थी।
मैं निशा के ऊपर लेट कर दनादन धक्के लगाने लगा।
निशा ने अपनी टांग को मेरी कमर पर रख कर मुझे जकड़ लिया और जोर-जोर से चूतड़ उठा-उठा कर चुदाई में साथ देने लगी।
मैं भी अब निशा की चूची को मसलते हुए ‘ठकाठक’ धक्के लगा रहा था। कमरा हमारी चुदाई की आवाज से भरा पड़ा था।
निशा अपनी कमर हिला कर, चूतड़ उठा उठा कर चुदा रही थी और बोले जा रही थी- अह्हह आअह्हहह उनह्ह्ह मेरेरे रज्जा, ल्ला चूऊओद रे चूऊओद.. उईईई गईई रीईई शुरु करो, चोदो मुझे। ले लो मज़ा जवानी का मेरे ज्जज्जा।
वो मस्ती में अपनी गांड हिलाने लगी। मैंने लगातार बीस मिनट तक उसे चोदा।
मैं भी बोल रहा था- लेए मेरीईइ रानीई, ले ले मेरा लौड़ा अपनी ओखली ईए में.. बड़ाआअ तड़पाया है तूने मुझे लेए ले, लीई मेरीईइ निशाआअ ये लंड अब्ब तेराआ ही है.. अह्ह उह्हह्ह क्या जन्नत का मज़ाआअ आ गयाआअ मैं तो तेरा गुलाम हो गया..
निशा अपनी गांड उछाल-उछाल कर मेरा लंड चूत में ले रही थी और मैं भी पूरे जोश के साथ उसकी चूचियों को मसल-मसल कर अपनी निशा को चोदे जा रहा था।
निशा मुझको ललकार कर कहती- लगाओ शॉट मेरे राजा..
और मैं जवाब देता- ये ले मेरी रानी..ले ले अपनी चूत में..
“जरा और जोर से सरकाओ अपना लंड मेरी चूत में मेरे राजा..
‘ये ले मेरी रानी, ये लंड तो तेरे लिए ही है।’
‘देखो राज्जज्जा मेरी चूत तो तेरे लंड की दीवानी हो गई और जोर से और जोर से आआईईए मेरे राज्जजा। मैं गईईईईईए रीई’
कहते हुए मेरी निशा ने मुझको कस कर अपनी बाँहों में जकड़ लिया और उसकी चूत ने ज्वालामुखी का लावा छोड़ दिया।
अब तक मेरा भी लंड पानी छोड़ने वाला था और मैं बोला- मैं भी आया..आआ मेरी जान..
और मैंने भी अपने लंड का पानी छोड़ दिया और मैं हाँफ़ते हुए उसकी चूची पर सिर रख कर कस कर चिपक कर लेट गया।
तो दोस्तो, ये थी मेरी निशा की चुदाई की जबरदस्त कहानी।
हाय, कॉलेज-गर्ल्स भाभियों और लड़कियों!
मेरा नाम राज है, मैं भोपाल से हूँ, 22 साल का हूँ, मेरी गर्लफ़्रेंड का नाम निशा है, 20 साल की है और उसकी फिगर तो ऐसी थी कि पूछो मत। वो बहुत ही सुंदर है, एकदम गोरी-चिट्टी लम्बे-लम्बे काले बाल, हाइट करीब 5 फुट 5 इन्च और फिगर 36-26-38 है, उसका फिगर मस्त है।
अब मैं आपको अपनी गर्ल-फ़्रेंड निशा के साथ हुई जबरदस्त चुदाई के बारे में बताता हूँ, उम्मीद है इस कहानी को आप पसंद करेंगे।
हम दोनों घर से बाहर एक ही कमरे में रह कर पढ़ते थे। मैंने कमरे में पढ़ने के लिए कुछ गंदी किताबें रखी हुई थीं जो एक दिन निशा के हाथ लग गईं। इसलिए मैं अपने लंड और वो अपनी चूत की प्यास नहीं रोक सके।
वो बोली- मैं ही तुम्हारी वाइफ़ और लाइफ दोनों ही बन जाती हूँ और मुझे अपनी ही समझो और मेरे साथ सेक्स करो।
वो जींस-शर्ट में आई और बोली- चलो शुरू हो जाओ।
उसने मुझे चुम्बन करना शुरु कर दिया मेरे होंठों को वो बुरी तरह से चूमने लगी।
मैं भी जोश में आ गया और उसको चूमने लगा।
मैंने उसको अपनी बाँहों में भर लिया और उसको उठा कर बिस्तर पर लिटा दिया।
मैं उसके ऊपर आ गया और उसको चूमना शुरु कर दिया।
दस मिनट तक मैं उसको चूमता रहा। फिर मैंने उसकी शर्ट खोल दी, उसके बाद मैंने उसकी ब्रा भी खोल दी।
जैसे ही मैंने ब्रा खोली तो उसके दूध उछल कर बाहर आ गए।
मैं उसे देखकर पागल हो उठा और उनको दबाने लगा।
कितने दिनों के बाद इसके पूरे के पूरे मम्मों देखने को और दबाने को मिले।
फिर मैंने उसके चूचुकों को मुँह में रख लिया और चूसने लगा।
वो ‘आह्हह… ह्हाह्हहह’ कर रही थी, मैं उसे चूसता ही रहा।
थोड़ी देर बाद मैंने उसकी जींस खोल कर उसको केवल पैंटी में ला दिया।
उसने डोरी वाली पैन्टी पहनी हुई थी।
उसकी चूत बहुत गरम हो गई थी तो उसकी पैंटी गीली हो चुकी थी।
मैं पैंटी को निकाल कर उसकी चूत को फैला कर चाटने लगा। उसने अपनी एक टांग को मेरे कंधे के ऊपर चढ़ा दिया और मेरे लंड को अपनी जांघों के बीच में ठीक चूत के मुहाने पर रख लिया।
मुझे उसकी जांघों के बीच एक मुलायम रेशमी अहसास हुआ।
यह उसकी नर्म चूत थी।
वो अब पूरी तरह नंगी थी और मेरे लंड का सुपाड़ा उसकी झांटों में घूम रहा था।
मैं चुपचाप उसके चेहरे को देखते हुए चूची मसलता रहा।
उसने अपना मुँह मेरे मुँह से बिल्कुल सटा दिया और फुसफुसा कर बोली- अपनी निशा को चोदो…
निशा हाथ से लंड को निशाने पर लगा कर रास्ता दिखा रही थी और रास्ता मिलते ही एक ही धक्के में मेरे लंड का सुपारा अन्दर चला गया।
इससे पहले कि निशा सम्भले या आसन बदले, मैंने दूसरा धक्का लगाया और मेरा पूरा का पूरा लंड उसकी मक्खन जैसी चूत की जन्नत में दाखिल हो गया।
निशा चिल्लाई- उईई ईईईइ ईईइ माआआ हुहुह्हह्हह ओह यार, ऐसे ही कुछ देर हिलना-डुलना नहीं.. हाय.. बड़ा जालिम है तुम्हारा लंड.. मार ही डाला मुझे.. तुमने मेरे राजा।
निशा को काफ़ी दर्द हो रहा था। पहली बार में ही इतना मोटा और लम्बा लंड उनके बुर में घुस गया था।
मैं अपना लंड उसकी चूत में घुसा कर चुपचाप पड़ा था।
निशा की चूत फड़क रही थी और अन्दर ही अन्दर मेरे लौड़े को मसल रही थी।
उसकी उठी-उठी चूचियाँ काफ़ी तेज़ी से ऊपर-नीचे हो रही थीं।
मैंने हाथ बढ़ा कर दोनों मम्मों को पकड़ लिया और मुँह में लेकर चूसने लगा।
निशा को कुछ राहत मिली और उसने कमर हिलानी शुरु कर दी।
फिर निशा बोली- अब लंड को बाहर निकालो।
लेकिन मैं लंड को धीरे-धीरे निशा की चूत में अन्दर-बाहर करने लगा।
फिर निशा ने रफ़्तार बढ़ाने को कहा।
मैंने अपनी रफ़्तार बढ़ा दी और तेज़ी से लंड अन्दर-बाहर करने लगा।
निशा को पूरी मस्ती आ रही थी और वो नीचे से चूतड़ उठा-उठा कर हर धक्के का जवाब देने लगी।
उसकी रसीली चूची मेरी छाती पर रगड़ रही थीं।
उसने गुलाबी होंठ मेरे होंठ पर रख दिए और मेरे मुँह में जीभ को ठेल दिया। चूत में मेरा लंड समाए हुए तेज़ी से ऊपर-नीचे हो रहा था।
मुझे लग रहा था कि मैं जन्नत में पहुँच गया हूँ।
जैसे-जैसे वो झड़ने के करीब आ रही थी, उसकी रफ़्तार बढ़ती जा रही थी। कमरे में ‘फच-फच’ की आवाज गूंज रही थी।
मैं निशा के ऊपर लेट कर दनादन धक्के लगाने लगा।
निशा ने अपनी टांग को मेरी कमर पर रख कर मुझे जकड़ लिया और जोर-जोर से चूतड़ उठा-उठा कर चुदाई में साथ देने लगी।
मैं भी अब निशा की चूची को मसलते हुए ‘ठकाठक’ धक्के लगा रहा था। कमरा हमारी चुदाई की आवाज से भरा पड़ा था।
निशा अपनी कमर हिला कर, चूतड़ उठा उठा कर चुदा रही थी और बोले जा रही थी- अह्हह आअह्हहह उनह्ह्ह मेरेरे रज्जा, ल्ला चूऊओद रे चूऊओद.. उईईई गईई रीईई शुरु करो, चोदो मुझे। ले लो मज़ा जवानी का मेरे ज्जज्जा।
वो मस्ती में अपनी गांड हिलाने लगी। मैंने लगातार बीस मिनट तक उसे चोदा।
मैं भी बोल रहा था- लेए मेरीईइ रानीई, ले ले मेरा लौड़ा अपनी ओखली ईए में.. बड़ाआअ तड़पाया है तूने मुझे लेए ले, लीई मेरीईइ निशाआअ ये लंड अब्ब तेराआ ही है.. अह्ह उह्हह्ह क्या जन्नत का मज़ाआअ आ गयाआअ मैं तो तेरा गुलाम हो गया..
निशा अपनी गांड उछाल-उछाल कर मेरा लंड चूत में ले रही थी और मैं भी पूरे जोश के साथ उसकी चूचियों को मसल-मसल कर अपनी निशा को चोदे जा रहा था।
निशा मुझको ललकार कर कहती- लगाओ शॉट मेरे राजा..
और मैं जवाब देता- ये ले मेरी रानी..ले ले अपनी चूत में..
“जरा और जोर से सरकाओ अपना लंड मेरी चूत में मेरे राजा..
‘ये ले मेरी रानी, ये लंड तो तेरे लिए ही है।’
‘देखो राज्जज्जा मेरी चूत तो तेरे लंड की दीवानी हो गई और जोर से और जोर से आआईईए मेरे राज्जजा। मैं गईईईईईए रीई’
कहते हुए मेरी निशा ने मुझको कस कर अपनी बाँहों में जकड़ लिया और उसकी चूत ने ज्वालामुखी का लावा छोड़ दिया।
अब तक मेरा भी लंड पानी छोड़ने वाला था और मैं बोला- मैं भी आया..आआ मेरी जान..
और मैंने भी अपने लंड का पानी छोड़ दिया और मैं हाँफ़ते हुए उसकी चूची पर सिर रख कर कस कर चिपक कर लेट गया।
तो दोस्तो, ये थी मेरी निशा की चुदाई की जबरदस्त कहानी।